- 5 रुपए केजी टमाटर बेच शासन, प्रशासन के खिलाफ जताया विरोध

<- भ् रुपए केजी टमाटर बेच शासन, प्रशासन के खिलाफ जताया विरोध

BAREILLY:

BAREILLY:

शहर में मंडे को भ् रुपए किलो टमाटर बिका। इतना कम रेट देख कर लोगों की स्टॉल पर टमाटर खरीदने के लिए लम्बी लाइन लग गयी। जून महीने से टमाटर के रेट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। हालत यह है कि होलसेल मंडी, रिटेल में 80 से क्00 रुपए प्रति किलो टमाटर बिक रहे हैं। जबकि, शासन ने प्रदेश के सभी डीएम को टमाटर के बढ़ते रेट पर कंट्रोल लगाने को कहा है। इसके बाद भी महंगे रेट में टमाटर बिक रहे है। इसी के विरोध में संत सच्चा सतराम दास साहित एसोसिएशन ने मंडे को कम रेट में टमाटर बेच कर अपना विरोध जताया।

महंगाई के आगे पब्लिक परेशान

एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील खत्री के नेतृत्व में संस्था के पदाधिकारियों ने एसएसडी प्लाजा पर भ् रुपए प्रति किलो टमाटर बेच कर प्रशासन और शासन के खिलाफ रोष व्यक्त किया। सुनील खत्री ने कहा कि टमाटर के रेट पेट्रोल, सेब और अनार से भी महंगा हो रहा है। जिसकी मार पब्लिक पर पड़ रही है। प्रशासन और शासन इस पर रोक लगा पाने में नाकाम है। इस मौके पर कमल तलवार, प्रमोद खत्री, रवि गंगवार, इरसाद, सचिन दिवाकर, ममता, सिमरन तलवार, लक्ष्मी, गीता मौर्या और संगीता सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

निर्देश के बाद भी कोई प्रयास नहीं

जबकि, ख्ख् जुलाई को कृषि विपणन निदेशक धीरज कुमार ने प्रदेश के सभी डीएम को टमाटर के बढ़ते दाम की मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिये थे। उन्होंने कहा था कि कृषि जिन्सों के बाजार भावों के आधार पर तैयार प्रदेश स्तर के टमाटर के औसत थोक भाव का अवलोकन करने को कहा था। डीएम को यह निर्देश दिये गये थे कि जून से टमाटर के दाम में लगातार बढ़ोतरी हुई है। प्रदेश में पिछले वर्ष जुलाई में टमाटर के औसत थोक भाव ख्, 9फ्9 रुपए प्रति क्विंटल था। जबकि, इस वर्ष जुलाई में टमाटर का बाजार भाव बढ़कर फ्,भ्9ब् रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। ऐसे में जाहिर है कि कुछ लोग अधिक लाभ पाने के उद्ेश्य से ऐसा कर रहे हैं।

क्0 दिन बाद भी नहीं खुले कोई काउंटर

टमाटर के बढ़ते दाम को रोकने के लिए डीएम को बैठक कर रणनीति बनाने को कहा था। इसके लिए व्यापारियों, व्यापार मंडल, उत्पादक, उत्पादक संघ एवं उपभोक्ता संघ के साथ बैठक करने को कहा गया था। परिस्थिति के हिसाब से कर्मचारी कल्याण निगम, सरकारी संस्था, अर्ध सरकारी संस्थाओं से समन्वय कर टमाटर की बिक्री के लिए काउंटर खोलने को कहा गया था। ताकि, पब्लिक को राहत मिल सके। लेकिन आदेश के क्0 दिन बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाये गये।