- सब्जियों के दाम आसमान पर, बदला किचेन का मेन्यू

- फिफ्टी परसेंट मार्जन ले रहे हैं फुटकर विक्रेता

- बारिश में हरी सब्जियां हो जाती है जल्दी खराब

LUCKNOW :

सब्जियों के आसमान छूते दामों ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। बारिश का मौसम शुरू होते ही इनके दामों में इजाफा होना शुरू हो गया था, जो दिन बीतने के साथ और भी बढ़ता जा रहा है। जिससे आम लोगों का बजट गड़बड़ा रहा है। 100 प्रति किलो की दर से बिक रहे टमाटर से बहुत से लोगों ने दूरी बना ली है। वहीं तुरई, शिमला मिर्च और लौकी भी लोगों की थाली से गायब होने लगी है।

थोक में सस्ती, फुटकर में महंगी

थोक मंडी में जहां सब्जियों के दाम कम हैं, वहीं फुटकर सब्जी दुकानों पर इनके दाम आसमान छू रहे हैं। थोक मंडी से फुटकर दुकानों तक आने में सब्जियों के दाम 40 से 50 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। जिसका खामियाजा आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।

50 फीसद प्रॉफिट का खेल

थोक और फुटकर दुकानों पर बिकने वाली सब्जियों के दामों में जमीन आसमान का फर्क है। जो सब्जी मंडी में 6 से 10 रुपये किलो के भाव से फुटकर दुकानदार खरीदकर लाते हैं, वो उसको 15 से 20 रुपये के दाम पर बेच रहे हैं। इस तरह वो प्रति किलो के हिसाब से करीब पचास फीसद का प्रॉफिट ले रहे हैं। एक बार जो दाम तय हो जाता है वो फिर थोक मंडी में दाम गिरने के बाद भी चलता रहता है। जिससे सस्ते दाम की चीजें भी कस्टमर को महंगे में खरीदनी पड़ती हैं।

टमाटर ने किया लाल

बारिश शुरू होते ही टमाटर के बढ़ते दाम ने आम आदमी की जेब को हल्का करना शुरू कर दिया है। मौजूदा समय में फुटकर बाजार में टमाटर 100 रुपये प्रति किलो की दर से मिल रहा है। जबकि मंडी में इसका रेट 60 से 62 रुपये प्रति किलो ही है। तीन दिन पहले जब थोक बाजार में टमाटर 55 रुपये किलो था तब भी खुले बाजार में यह 100 रुपये में ही बिक रहा था। आलम यह है कि अब बहुत से लोगों ने टमाटर के आसमान छूते दामों के कारण इसे अपने मेन्यू से ही बाहर कर दिया है।

बारिश में हो जाती हैं महंगी

दुबग्गा सब्जी मंडी के सदस्य शाहनवाज ने बताया कि बारिश के मौसम में हर बार सब्जियों के दाम बढ़ जाते हैं। इसका कारण खेतों में पानी भरने से उनका खराब होना है। हरी सब्जी में पानी लग जाने से जो सब्जी एक हफ्ते तक चलती थीं वे तीन-चार दिन में ही खराब हो जाती हैं। मटर, पालक, भिंडी, लौकी, आलू पानी लगने से बहुत जल्द खराब होना शुरू हो जाते हैं। यही कारण है कि बारिश के मौसम में सब्जियों के दाम आसमान छूने लगते हैं।

फुटकर रेट

टमाटर - 100

तुरई- 40 से 60

भिंडी- 40 से 50

लौकी- 40 से 50

आलू- 15 से 18

घुईयां - 40 से 45

प्याज - 15 से 20

शिमला मिर्च-60 से 65

बैगन - 20 से 25

थोक बाजार के रेट

टमाटर - 60-62

तुरई- 25

भिंडी- 20

लौकी- 12 से 15

आलू- 4 से 6

घुईयां - 15 से 18

प्याज- 6 से 10

शिमला मिर्च- 50

बैगन- 15 से 20

सब्जियों के दाम बढ़ने से पूरे किचेन का मेन्यू बदल गया है। डेली यूज होने वाली सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। महंगाई की वजह से क्या बनाया जाए, यह भी सोचना पड़ रहा है।

निधि शुक्ला

मंहगाई तो कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। कभी प्याज महंगा हो जाता है तो कभी टमाटर। सब्जियों के दाम बढ़ जाने से घर का पूरा बजट गड़बड़ा गया है।

अंजू यादव

सब्जियों के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इससे गरीब और सामान्य वर्ग के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। अब तो महंगाई से हम लोगों को घर चलाना भी मुश्किल हो रहा है।

शांति वर्मा