सब जगह यही हाल, कहां से निकलें

बारिश की मार से कोई ऐसी जगह नहीं बची जहां सड़कें चलने लायक रह गई हों। गली, मोहल्लों से लेकर हाइवे तक यही हाल है। सड़क के गड्ढों की वजह से पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। सिटी के दाउदपुर, इंद्रानगर, राप्ती नगर, बरगदवां, सूरजकुंड, आजाद चौक, बशारतपुर, गोरखनाथ, टीपी नगर सहित एक दर्जन से अधिक जगहों पर सड़कों की हालत ऐसी हो गई है कि  पैदल भी नहीं चला जा रहा है।

हाइवे से अच्छी गांव की पगडंडी

बरसात के पहले सड़कों की मरम्मत न होने का खामियाजा पब्लिक को लगातार भुगतना पड़ रहा है। गोरखपुर से कुशीनगर, देवरिया, लखनऊ और वाराणसी जाने वाले लोगों को व्हीकल के साथ अपनी सिक्योरिटी की भी टेंशन है। गोरखपुर से वाराणसी और लखनऊ हाइवे पर फोर व्हीलर लेकर चलना मुश्किल हो गया है। बड़ी गाड़ियां तो जैसे तैसे निकल जा रही है कि लेकिन कार और बाइक सवारों की जान पर बन आ रही है। गोरखपुर- लखनऊ हाइवे पर सहजनवां तक आने जाने में एक घंटे से ज्यादा का समय लग रहा है। ऐसा ही हाल नंदा नगर से लेकर जगदीशपुर और देवरिया हाइवे का भी है।

सड़कों की मरम्मत का निर्देश दिया गया है। सहजनवां से लौटते समय हमने रास्ते की हालत देखी है। गड्ढों को पाटने के लिए एक्सईएन को कहा गया है। अन्य सड़कों के गड्ढे भी पाटे जाएंगे ताकि ट्रैफिक चलता रहे। बारिश के बाद ही सड़कों की अच्छी मरम्मत हो पाएगी।

महेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर, पीडब्लूडी