दूसरों की मेहनत से अपना चेहरा चमकाना।

सपने बेचने का धंधा करने वालों का नया खेल है, दूसरों की मेहनत से अपना चेहरा चमकाना। जेईई एडवांस का रिजल्ट रिलीज होने के बाद इसकी तैयारी कराने के नाम पर 'दुकान' चलाने वालों की एक्टिविटीज बढ़ गई हैं। इनके कारनामे बता रहे हैं कि इन्हें ना किसी एथिक्स से मतलब है और ना ही कोई इंक्वायरी या कानून इन्हें रोक सकती है। जेईई एडवांस के रिजल्ट के बाद एक सक्सेसफुल स्टूडेंट को एक से अधिक कोचिंग इंस्टीट्यूट्स द्वारा क्लेम करने का खेल शुरू हो गया है। यह पहली बार नहीं है, हर साल ऐसे मामले सामने आते हैं। लेकिन इस मनमानी को रोकने के लिए उठाए जाने वाले सारे कदम फेल हैं।

मेंटर्स ने पब्लिश की गलत लिस्ट

जेईई एडवांस के रिजल्ट के बाद कई कोचिंग वालों ने अपने अपने सक्सेसफुल स्टूडेंट्स की लिस्ट पब्लिश की है। इसमें मेंटर्स की लिस्ट पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मेंटर्स ने जेईई एडवांस में ऑल इंडिया रैंक 6617 प्राप्त करने वाले अक्षय कुमार को अपना स्टूडेंट बताया है। अक्षय का जेईई एडवांस में रोल नंबर है 3035105. अक्षय का कहना है कि वो कभी भी मेंटर्स का स्टूडेंट नहीं रहा। लेकिन उसकी फोटो उससे बात किए बगैर मेंटर्स द्वारा पब्लिश किया जा रहा है। उसने बताया कि मेरा नंबर और मेरी फोटो मेंटर्स के पास कैसे गई, मुझे नहीं पता।

कैश रिवार्ड की हुई पेशकश

अक्षय का कहना है कि उसने जेईई की तैयारी विजन क्लासेज से की है। तैयारी के दौरान फरवरी महीने में स्टूडेंट्स के सेल्फ एनालिसिस के लिए मेंटर्स द्वारा एक ओपेन टेस्ट कंडक्ट किया गया था। इस टेस्ट के लिए रजिस्ट्रेशन फीस 100 रुपए थी। अक्षय ने बताया कि उसने ओपेन टेस्ट में भाग लिया था, लेकिन वहां कभी कोई क्लास अटेंड नहीं किया। लेकिन जेईई मेंस के रिजल्ट के बाद से उसे मेंटर्स की ओर से कॉल्स और मैसेज आने शुरू हुए। जिसमें अपनी इंफॉर्मेशन देने के बदले कैश रिवार्ड देने की पेशकश की गई।

कहानी लंबी और पुरानी है

अक्षय ने बताया कि मेंटर्स के पास उसके जेईई एडवांस का रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं होगा। वहीं मेंटर्स की लिस्ट में शामिल ऑल इंडिया रैंक 185 और ओबीसी रैंक 21 प्राप्त करने वाले निशांत गौरव पर फिट्जी इंस्टीट्यूट का भी दावा है। फिट्जी ने निशांत गौरव को टू इयर इंटीग्रेटेड स्कूल प्रोग्राम का स्टूडेंट बताकर बड़ी तस्वीर पब्लिश की है, जबकि मेंटर्स ने क्लास के बारे में डिटेल्स प्रकाशित नहीं किया है। इससे पहले सुपर थर्टी में भी ऐसे मामले आ चुके हैं। 2007 में आईआईटी रिजल्ट के बाद सुपर 30 के कुछ स्टूडेंट्स को दूसरे इंस्टीट्यूट्स ने क्लेम किया था। कांट्रोवर्सी के कारण सुपर 30 के संचालक ने इसे बंद करने की एनाउंसमेंट कर दी। तब आईपीएस अभयानंद भी आनंद के साथ सुपर 30 से जुड़े थे।

सीबीआई तक पहुंचा है मामला

आईआईटी के रिजल्ट के बारे में पहली बार कोचिंग इंस्टीट्यूट्स के फ्रॉड का मामला सामने आया वर्ष 2009 में। तब अंकित जैन आईआईटी जेईई टॉपर बने थे। अंकित के नाम को बिना किसी आधार के आकाश और फिट्जी ने इस्तेमाल किया। मामला मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डिपार्टमेंट तक पहुंचा। तत्कालीन एचआरडी मिनिस्टर कपिल सिब्बल ने इस मामले में सीबीआई इंक्वायरी कराने को कहा। इस इंक्वायरी के बाद भी कोचिंग इंस्टीट्यूट्स का फ्रॉड जारी है।

पैटर्न बदलने की कोशिश नाकाम

आईआईटी में एडमिशन के लिए इस बार बड़ा चेंज किया गया। चेंज के पीछे एमएचआरडी का मकसद था कि कोचिंग इंस्टीट्यूट्स पर लगाम लगे और स्टूडेंट्स स्कूल एजुकेशन पर भी फोकस कर सकें। लेकिन ऐसे मामले सामने आने के बाद तो यही लग रहा है कि कोचिंग वालों की दुकानदारी कायम है, पैटर्न चाहे बदल गया।

उल्टी दौड़ में भी लाखों के वारे-न्यारे

जेईई एडवांस में अच्छा रैंक प्राप्त किया है आनंद (बदला हुआ नाम) ने। लेकिन उसने कहीं से भी कोचिंग क्लास नहीं की। लेकिन रिजल्ट आने के बाद से उसके गार्जियन और रिलेटिव कुछ कोचिंग वालों से संपर्क में आ गए। इस दौरान आनंद का नाम इस्तेमाल करने के लिए 50000 से 100000 रुपए तक की बोली लगी है। फाइनली आनंद की तस्वीर एक कोचिंग इंस्टीच्यूट के डिस्प्ले बोर्ड पर दिखने लगी है।

कोचिंग संस्थानों की ओर से रिझाने, बहलाने का प्रयास किए जाते हैं। गलत रिजल्ट पब्लिश करना सही नहीं है। अक्षय हमारा स्टूडेंट था और उसकी पूरी प्रीपरेशन हमारे संस्थान में ही हुई है। उसने दिनभर हमारे यहां रहकर ही तैयारी की है।

के सिंह

डायरेक्टर, विजन क्लासेज।

pawanprakash@inext.co.in

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