अमजद खान
बॉलीवुड के गब्बर यानी अमजद खान। अमजद खान को उनकी कल्ट क्लासिक बॉलीवुड फिल्म 'शोले' के लिए खासतौर पर जाना जाता है। फिल्म में इन्होंने डाकुओं के सरदार का जबरदस्त निगेटिव रोल निभाया। फिल्म में इनके कई डायलॉग्स को आज तक बच्चा-बच्चा दोहराता है। ये डायलॉग्स थे - 'सुअर के बच्चों। ', 'ये रामगढ़ वाले अपनी बेटियों को कौन सी चक्की का आटा खिलाते हैं।', 'होली कब है, कब है होली।', 'तेरा क्या होगा कालिया।', 'अब गोली खा।', 'बहुत याराना लगता है।', 'जो डर गया, वो मर गया।', 'अरे, ओ सांबा', 'गब्बर के ताप से तुम्हे एक ही आदमी बचा सकता है, एक ही आदमी और वो है खुद गब्बर।', 'ये हाथ हमको दे दे ठाकुर।', 'कितने आदमी थे।
प्राण
बॉलीवुड के बेहतरीन विलेन्स में से एक प्राण की यादगार फिल्में हैं 'मधुमति', 'जंजीर', 'अमर, अकबर, एंथनी' और 'जिस देश में गंगा बहती है'। प्राण के ऑल टाइम यादगार डायलॉग्स में से हैं - 'इस इलाके में नए आए हो साहब, वरना शेर खान को कौन नहीं जानता', 'शेर खान आज का काम कल पर नहीं छोड़ता', 'शेरखान ने शादी नहीं की तो क्या हुआ, लेकिन बारातें बहुत देखी हैं','चिल्लाओ नहीं साहब, वरना गला खराब हो जाएगा';'बर्खुदार...'।
अमरीश पुरी
बॉलीवुड के अगले जबरदस्त विलेन अमरीश पुरी। इनको लोग 'मोगैंबो' के नाम से भी जानते हैं। निगेटिव रोल में इनकी यादगार फिल्में हैं 'मिस्टर इंडिया', 'दामिनी', 'घायल', 'मेरी जंग', 'राम लखन'। इनका ऑल टाइम यादगार डायलॉग है - 'मोगैंबो खुश हुआ...'।
प्रेम चोपड़ा
बॉलीवुड में विलेंस के नाम पर प्रेम चोपड़ा को भला कौन नहीं जानता। बतौर विलैन इन्होंने फिल्म 'उपकार' से अपना कॅरियर शुरू किया था। इनका एवरग्रीन यादगार डायलॉग है - 'प्रेम नाम है मेरा...'।
डैनी
बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि फिल्म 'शोले' के लिए अमजद खान से पहले डैनी को चुना गया था। डैनी को इनके नकारात्मक किरदारों में 'कांचा चीना' और 'कात्या' के नाम से ज्यादा जाना जाता है। इनकी यादगार फिल्मों में 'घातक', 'भगवान दादा', 'अग्निपथ' और 'क्रान्तिवीर' प्रमुख हैं। फिल्म में इनके डायलॉग 'हम हैं बख्तावर' को लोग आज भी दोहराते हैं।
परेश रावल
परेश रावल ऐसे एक्टर थे, जिन्होंने सीरियस विलेन के साथ-साथ कॉमिक विलेन का भी किरदार निभाया। इनकी यादगार फिल्मों में 'राम-लखन', 'स्वर्ग', 'दामिनी', 'दिलवाले' और 'अंदाज अपना-अपना' खास रहीं।
शक्ति कपूर
वैसे इनके नाम को किसी तार्रुफ की जरूरत नहीं। शक्ति कपूर भी बॉलीवुड के बर्हुमुखी प्रतिभा वाले विलेन्स में से एक हैं। इनकी यादगार फिल्मों में 'चालबाज़', 'आंखें', 'मै खिलाड़ी तू अनाड़ी' 'गुंडा' और 'अंदाज अपना-अपना' खास रहीं।
गुलशन ग्रोवर
बॉलीवुड में 'बैडमैन' के नाम से मशहूर गुलशन ग्रोवर हिंदी फिल्मों के जबरदस्त विलेन हैं। बतौर विलेन इनकी यादगार फिल्में हैं 'राम लखन', 'मोहरा', 'फिर हेरा-फेरी', '16 दिसंबर', 'क्रिमिनल' और 'खिलाड़ियों का खिलाड़ी'।
अनुपम खेर
यूं तो अनुपम खेर को बॉलीवुड में उनकी फिल्म 'सारांश' के किरदार के लिए ज्यादा जाना जाता है। इसके अलावा इनकी यादगार फिल्मों में 'कर्मा', 'रूप की रानी, चोरों का राजा' और 'कहो न प्यार है' शामिल हैं।
अजीत
'सारा शहर मुझे लॉयन के नाम से जानता है'। ये डायलॉग बोलते ही लोगों की आंखों के सामने अजीत का चेहरा आ जाता है। इस बॉलीवुड विलेन ने भी इंडस्ट्री को कई यादगार फिल्में दी हैं।
नसीरुद्दीन शाह
नसीरुद्दीन, बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकारों में से एक हैं। इन्होंने कई फिल्मों में कई तरह के रोल निभाए। इसके बावजूद निगेटिव रोल में इनकी 'सरफरोश', 'द डर्टी पिक्चर', 'मोहरा' सरीखी फिल्मों को ज्यादा तवज्जोह दी जाती है।
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