समीक्षकों के मुताबिक़ इस लिस्ट में शाहरुख़ ख़ान, अमिताभ बच्चन, रणबीर कपूर, अजय देवगन और विद्या बालन सरीखे कई लोगों का नाम लिया जा सकता है।

सलमान ख़ानsalman

ज़्यादातर समीक्षक एक नाम पर पूरी तरह से सहमत हैं, और वो हैं सलमान ख़ान। बॉडीगार्ड और रेडी जैसी साल की दो सबसे बड़ी हिट देकर सलमान ने हिंदी फ़िल्म जगत में अपनी सितारा हैसियत को बेहद मज़बूत कर लिया है।

बॉडीगार्ड तो कमाई के लिहाज़ से साल 2011 की सबसे बड़ी हिट फ़िल्म साबित हुई। इसने लगभग 150 करोड़ रुपए का व्यापार किया। रेडी ने भी 100 करोड़ रुपए से ज़्यादा का कारोबार किया। बॉडीगार्ड ने रिलीज़ के पहले ही दिन 20 करोड़ से ज़्यादा का व्यापार करके नया कीर्तिमान बनाया।

फ़िल्म समीक्षक सुभाष के झा के मुताबिक़, "सलमान कुछ भी कर लें लोग उनको देखने के लिए चले जाते हैं। एक ज़माने में ऐसा माहौल राजेश खन्ना का था। सलमान की फ़िल्मों का क्या प्लॉट है, क्या संगीत है, क्या कहानी है कोई मायने नहीं रखता। सिर्फ़ सलमान होना काफ़ी है। बॉडीगार्ड जैसी साधारण फ़िल्म का इतना हिट होना इस बात का सबसे बड़ा सबूत है कि सलमान इज़ द किंग."

फ़िल्म व्यापार विशेषज्ञ कोमल नाहटा के मुताबिक़ सलमान का जादू उनके प्रशंसकों के सर चढ़कर बोलता है। कोमल कहते हैं कि सलमान बड़े शहरों और छोटे शहरों की सीमा के परे हैं। दोनों ही जगहों में उनका एक जैसा प्रभाव है।

बॉडीगार्ड में उनकी सहअभिनेत्री करीना कपूर के मुताबिक़, "सलमान को मैं बचपन से जानती हूँ। मुझे लगता कि वो तब से अब तक बिलकुल नहीं बदले हैं। फ़िल्म चाहे हिट रही हो या फ्लॉप। सलमान हर सीज़न के ख़ान हैं। सलमान एक धर्म की तरह हैं और लोग उन्हें बिना किसी परवाह के पसंद करते हैं। और यही उन्हें ख़ास बनाता है."

सलमान की ही फ़िल्म दबंग 2010 की भी सबसे बड़ी हिट साबित हुई थी। विज्ञापन जगत की बड़ी हस्ती प्रहलाद कक्कड़ कहते हैं, "लोग सलमान से जुड़ा हुआ महसूस करते हैं क्योंकि सलमान परफेक्ट नहीं है। वो हर बार मीठा-मीठा नहीं बोलता, वो बिलकुल साधारण है, गुस्सा आता है तो लोगों को पीट देता है। छाती तान के चलता है और कहता है कि जो उन्होंने किया है वो ख़ुद ही किया है। ये सब सलमान को जनता का चहेता बनाते हैं."

प्रहलाद कक्कड़ के मुताबिक़ फ़िलहाल तो सलमान की ही तूती बोल रही है। लेकिन फ़िल्म समीक्षक नम्रता जोशी की इस पर राय अलग है नम्रता कहती हैं कि सलमान ख़ान को अपनी फ़िल्मों की क़्वालिटी पर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि भले ही बॉडीगार्ड और रेडी बड़ी हिट साबित हुईं, लेकिन साल ख़त्म होते-होते सभी ने इन्हें भुला दिया। जिस तरह से उनकी फ़िल्म हम आपके हैं कौन को लोग अभी तक याद रखते हैं, उस तरह से इन फ़िल्मों को कोई याद नहीं रखेगा।

शाहरुख़ ख़ानshahrukh

शाहरुख़ ख़ान भी 2011 में मीडिया में छाए रहे। हालांकि उनकी अति महत्वकांक्षी फ़िल्म रा.वन को मनमाफ़िक कामयाबी नहीं मिली। लेकिन ज़बरदस्त प्रमोशन और शाहरुख़ ख़ान की अपार लोकप्रियता की वजह से इसे टिकट खिड़की पर ज़बरदस्त शुरुआत मिली।

रा.वन ने अपनी रिलीज़ के दूसरे दिन 23 करोड़ रुपए कमाकर किसी भी फ़िल्म द्वारा किसी एक दिन में सबसे ज़्यादा कमाई का रिकॉर्ड बनाया। रा.वन ने 100 करोड़ रुपए से भी ज़्यादा की कमाई की.उनकी फ़िल्म डॉन 2 अभी कामयाब है या नहीं ये कहना ज़रा मुश्किल होगा, लेकिन शुरुआत इसने भी शानदार की है।

शाहरुख़ अपनी इन दोनों फ़िल्मों के प्रचार के सिलसिले में पूरे साल छाए रहे। कोमल नाहटा के मुताबिक़ शाहरुख़ ख़ान भले ही इस साल सलमान से थोड़ा पिछड़े हों, लेकिन अब भी उनकी सितारा हैसियत बरक़रार है। सुभाष के झा के मुताबिक़ भी शाहरुख़ का जादू कम नहीं हुआ है।

लेकिन नम्रता थोड़ा अलग राय देते हुए कहती हैं कि शाहरुख़ जैसे बड़े सितारे के लिए अपनी फ़िल्म की अच्छी ओपनिंग सुनिश्चित कराना कोई ज़्यादा बड़ी बात नहीं है, लेकिन रा.वन जैसी बेहद महंगी फ़िल्म की लागत वसूल करने के लिए उन्हें कई ब्रांड्स के साथ करार पड़ा, जो कि उनके जैसे बड़े सितारे के लिए कोई बेहद उत्साहजनक बात नहीं है। नम्रता के मुताबिक़ रा.वन शुरुआत के पांच दिन के बाद ठंडी पड़ गई, जो शाहरुख़ के लिए चिंता का विषय है।

विद्या बालन

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साल ख़त्म होते-होते विद्या बालन का जादू कुछ ऐसा चला कि उससे कोई भी अछूता नहीं रह पाया। उनकी फ़िल्म द डर्टी पिक्चर में कोई बड़ा स्टार नहीं था। फिर भी इसने बॉक्स ऑफ़िस पर धमाकेदार शुरुआत की और किसी भी बड़ी फ़िल्म जैसा ज़ोरदार कारोबार किया।

विद्या को समीक्षकों के साथ-साथ दर्शकों का भी भरपूर प्यार मिला। साल की शुरुआत में भी उनकी फ़िल्म नो वन किल्ड जेसिका कामयाब रही और उनके अभिनय की ज़बरदस्त तारीफ़ हुई थी।

नम्रता कहती हैं, "भारत की पुरुष प्रधान फ़िल्म इंडस्ट्री में विद्या ने अपने दम पर द डर्टी पिक्चर को बेहतरीन कामयाबी दिलाई." हालांकि नम्रता ये कहना नहीं भूलीं कि फ़िल्म की कामयाबी की वजह इसका कथानक है या विद्या की सेक्स अपील, ये ज़रूर बहस का विषय हो सकता है। लेकिन विद्या को नम्रता साफ़ तौर पर इंटरटेनर ऑफ़ द ईयर मानती हैं।

नम्रता ये भी कहती हैं कि अगर 'रिटर्न ऑफ़ द इनवेस्टमेंट' यानी लागत पर मुनाफ़े की बात की जाए तो द डर्टी पिक्चर शायद साल की सबसे कामयाब फ़िल्म रही।

कोमल नाहटा के मुताबिक़, "मैं तो विद्या बालन को हीरो मानता हूं। उनके आलोचक कहते थे कि वो एक अच्छी अभिनेत्री ज़रूर है पर उनमें सेक्स अपील नहीं है। विद्या ने इस बात को झुठलाया और अपने अभिनय के साथ-साथ अपनी सेक्स अपील से द डर्टी पिक्चर को सुपरहिट बना दिया." सुभाष के झा भी कुछ ऐसे ही विचार रखते हैं और विद्या को साल 2011 के सबसे बड़े एंटरटेनर्स में से एक शुमार करते हैं।

अन्य सितारेranbeer

और भी कई सितारे हैं जिन्हें समीक्षक मानते हैं कि वो साल 2011 के बड़े सितारे साबित हुए.सदी के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन के लिए फ़िल्मों के लिहाज़ से भले ही ये साल कुछ विशेष ना रहा हो लेकिन छोटे पर्दे पर उनके मशहूर गेम शो 'कौन बनेगा करोड़पति' का पांचवा संस्करण भी बेहद कामयाब रहा और इसने टीआरपी की रेस में लंबी छलांग लगाई।

छोटे पर्दे पर अमिताभ ने सलमान ख़ान-संजय दत्त की मेज़बानी वाले बिग बॉस, ऋतिक रोशन के डांस इंडिया डांस, अक्षय कुमार के ख़तरों के खिलाड़ी जैसे दूसरे सभी कार्यक्रमों को पीछे छोड़कर साबित किया कि छोटे पर्दे के शहंशाह भी वही हैं।

रणबीर कपूर की रॉकस्टार बॉक्स ऑफ़िस पर भले ही बहुत कामयाब ना हुई हो लेकिन अपने बेहतरीन अभिनय से उन्होंने सबका दिल जीता। कोमल नाहटा कहते हैं, "रॉकस्टार ज़्यादा नहीं चली, लेकिन सब इस बात पर सहमत हैं कि अगले बड़े स्टार रणबीर कपूर ही है। रॉकस्टार में जनार्दन जाखड़ के बेहद कठिन रोल को उन्होंने बख़ूबी निभाया."

नम्रता जोशी के मुताबिक़ कलाकारों की नई पौध में रणबीर कपूर ही सबसे ज़्यादा प्रतिभाशाली हैं और उनमें ख़ान तिकड़ी जैसा कामयाब बनने की पूरी क़ाबिलियत है। रॉकस्टार ने रणबीर की लोकप्रियता में ख़ूब इज़ाफ़ा किया।

इन सबके अलावा अजय देवगन का नाम भी इस सूची में शामिल किया जा सकता है। उनकी ऐक्शन फ़िल्म सिंघम बेहद हिट रही और अजय देवगन के डायलॉग्स ने दर्शकों की ख़ूब तालियां बटोरीं।

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