-लखनऊ एसटीएफ के खुलासे पर भी खड़े हुए सवाल,

-अभी तक 3 लुटेरे हैं फरार, सोनार भी नहीं पकड़े गए

BAREILLY : टॉप कैरेट लूटकांड का भी एसटीएफ ने खुलासा करने का दावा जरूर कर दिया है लेकिन जारी प्रेस नोट में कई ऐसे सवाल हैं जिनका कोई भी जवाब नहीं दिया गया है। एसटीएफ के दावे के मुताबिक पकड़े गए दो लुटेरों में एक वारदात में शामिल था और दूसरे ने सिर्फ रेकी की थी। ऐसे में, सवाल खड़ा होता है कि अन्य 3 लुटेरे अभी कहां हैं। पकड़े गए लुटेरों ने तिलहर में सोना गलवाया था, तो सोनार को क्यों नहीं पकड़ा गया। सबसे बड़ी बात है एसटीएफ डीवीआर की बरामदगी क्यों नहीं दिखा रही है। ऐसे में एसटीएफ के खुलासे की थ्योरी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। ज्वैलरी शोरूम मालिक और लुटेरे भी दबी जुबान सें खुलासे पर सवाल खड़े कर रहे हैं। एसटीएफ ने लुटेरों के पास से एक अपाचे बाइक, 2 तमंचे, 3 मोबाइल, असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर के मौसेरे भाई अफजाल का आधार कार्ड, निर्मल के बैंक लोन अकाउंट में जमा रुपयों की रसीद बरामद दिखाइर्1 है।

 

एसटीएफ और पुलिस की कहानी


जेल में हुई लुटेरों की मुलाकात

एसटीएफ का दावा है कि लुटेरों की मुलाकात शाहजहांपुर की डिस्ट्रिक्ट जेल में हुई थी। शंकर, शर्मा, कई वर्षो से सुभाषनगर में रह रहा था। वह यहां राजीव चौहान के मकान में किराये पर परिवार के साथ रहता था। वह पेशे से ऑटो ड्राइवर है। करीब एक वर्ष पहले लूट के मामले में शाहजहांपुर जेल में बंद हुआ था। यहां पर अलग-अलग मामलों में सतनाम, निर्मल, मनोज वाल्मीकि, राजेश उर्फ झंडू भी बंद हुए थे। एक महीने पहले ही सतनाम जेल से छूटा था। सभी पहले ही जेल से छूटकर निकल चुके हैं। निर्मल सिंह, शाहजहांपुर के खुटार थाने में लूट, हत्या के प्रयास समेत तीन केस दर्ज हैं।

 

ऐसे चुना टॉप कैरेट को

एसटीएफ के मुताबिक सतनाम ने जेल से छूटने के आने के बाद शंकर से कोई काम तलाशने के लिए कहा था। 31 मई को निर्मल सिंह भी शाहजहांपुर में तारीख होने के चलते बरेली आ गया। उसके बाद शंकर, सतनाम और निर्मल सिंह ने कई दुकानों को चिह्नित किया। जिसके बाद आउटर में होने के चलते टॉप कैरेट ज्वैलर्स शॉप को लूटने की प्लानिंग की गई।

 

तीन दिन में की रेकी

पुलिस सोर्स की मानें तो 1 जून को शंकर बरेली से, सतनाम और निर्मल बस से और मनोज और राजेश ग्लैमर बाइक से बरेली पहुंचे और आसपास खड़े होकर रेकी की। उसके बाद सतनाम और निर्मल शाहजहांपुर चले गए और यहां एक धार्मिक स्थल पर रुके। दूसरे दिन वह मनोज और राजेश तिलहर वापस चले गए और और निर्मल और सतनाम बरेली जंक्शन के वेटिंग रूम में रुके। 3 जून को सभी फिर से ज्वैलरी शॉप के सामने पहुंचे और पूरी तरह से रेकी की। किस समय कस्टमर आते हैं। कौन-कौन दुकान पर बैठता है। गार्ड बाहर बैठा रहता है। उसके बाद मनोज, बाइक से राजेश के साथ अपनी मौसी के घर बीसलपुर रेलवे लाइन के किनारे जाकर रुका। यहीं पर बस से सतनाम और निर्मल भी पहुंच गए।

 

दो बाइक से आए लूटने

पुलिस सोर्स के मुताबिक मनोज ने बिलसंडा के पास रहने वाले अपने साले की अपाचे बाइक मंगाई। 4 जून की सुबह 10 बजे अपाचे और ग्लैमर बाइक से चारों बीसलपुर से बरेली पहुंचे। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने ज्वैलरी शॉप के पास कचौड़ी शॉप पर कचौडि़यां खायीं। शंकर भी यहां पहुंच गया। शंकर और सतनाम बाहर निगरानी करते रहे और निर्मल, मनोज और राजेश अंदर शोरूम में घुस गए और शोरूम में मौजूद सभी लोगों को बंधक बनाकर ज्वैलरी लूटकर फरार हो गए।

 

इस तरह से भागे बदमाश

पुलिस की मानें तो लुटेरे बीसलपुर रोड से होते हुए कुआंडांडा के पास मुड़ गए। उसके बाद नहर के रास्ते तिलहर तक गए। नहर के रास्ते में 8 किलोमीटर चलने के बाद डीवीआर को सड़क पर पटककर तोड़ दिया और इसे झाडि़यों में फेंक दिया गया। उसके बाद सुबह निर्मल ट्रेन से पंजाब पहुंचा और वहां से बस से अपने गांव पहुंच गया।

 

लिसिनिंग से मिला क्लू

एसटीएफ का दावा है कि दोबारा लूट की योजना बनाने के दौरान लुटेरों को पकड़ा है, लेकिन एसटीएफ को भी तुक्के में ही बदमाश हत्थे चढ़ गए। क्योंकि लखनऊ एसटीएफ किसी अन्य मामले में बदमाशों को लिसनिंग पर ले रखी थी। इसी दौरान इस लूटकांड के बारे में बात हुई तो फिर एसटीएफ ने निर्मल सिंह को पकड़ लिया और फिर बरेली एसटीएफ की मदद से शंकर को पकड़ा गया।

 

मुझे नहीं मिला हिस्सा

बारादरी थाना में लुटेरों से मीडिया की मुलाकात नहीं कराई गई, जिससे साफ था कि दाल में कुछ तो काला है। हालांकि किसी तरह से शंकर ने बताया कि वह निर्मल व अन्य को जानता है। उसे सतनाम ने रेकी करने और हिस्सा देने की बात कही थी, लेकिन जब उसने फोन किए तो काट दिए गए। अभी तक उसे रुपए भी नहीं दिए गए। वहीं निर्मल भी दबी जुबान में खुलासे पर सवाल खड़ा कर रहा था।

 

सीसीटीवी से मिल रहा चेहरा

एसटीएफ का दावा है कि जो लुटेरा निर्मल पकड़ा गया है, उसका चेहरा सीसीटीवी से मिल रहा है। अपाचे बाइक चलाने वाला निर्मल है और उसके पीछे बैठा झंडू है। इसे शोरूम में मौजूद अफजाल ने भी पहचाना है, लेकिन उसकी हेल्थ में कुछ अंतर दिख रहा है।

 

निर्मल की अंगूठी का राज

पुलिस की मानें तो जो निर्मल ने अंगूठी पहनी है, इसी तरह की अंगूठी उसने ज्वैलरी शॉप में चांदी की अंगूठी खरीदते वक्त दिखाने के लिए कहा था। इस बारे में शोरूम के कर्मचारी ने बताया था। उसकी अंगूठी जालीदार और उस पर हरे कलर का नग है।

 

अब खड़े हो रहे हैं सवाल

नहीं हुई माल की रिकवरी

एसटीएफ का दावा है कि लुटेरों ने सारा माल गला दिया है। शंकर के हिस्से में 7 लाख रुपए आए थे, जिस रुकम से उसने अपनी 23 लाख की लोन की किस्त जमा की हैं, लेकिन सवाल है कि माल का एक टुकड़ा भी बरामद नहीं हुआ है। जबकि बदमाशों ने ही करीब दो किलो सोना और ढाई किलो चांदी लूटना बताया है। ज्वैलरी शॉप से 22 हजार रुपए नकद ि1मले थे।

 

ज्वैलरी खरीदने वाले सोनार कहां

पुलिस सोर्स की मानें तो माल को मनोज के घर तिलहर में बांटा गया था। सतनाम और निर्मल अपना हिस्सा लेकर शाहजहांपुर चले गए थे। यहां सतनाम ने अपने किसी जानने वाले ज्वैलर के यहां सोना बेच दिया और उसे उसके हिस्से के 7 लाख रुपए दे दिए लेकिन माल खरीदने वाले ज्वैलर्स का पता नहीं चल सका है। मनोज और राजेश ने भी ज्वैलरी बेची होगी तो वो कहां है।

 

कहां हैं 3 लुटेरे

एसटीएफ भले दावा कर रही हो कि उन्होंने लुटेरों को बड़ा बाईपास नवदिया झादा के पास से गिरफ्तार किया है, लेकिन सोर्स की मानें तो दोनों लुटेरे उसके पास कई दिनों से हैं। इतने दिनों के बाद भी एसटीएफ अन्य साथियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। सतनाम का एड्रेस उत्तराखंड का है, लेकिन मनोज और राजेश तो शाहजहांपुर के हैं, उन्हें अभी तक क्यों नहीं पकड़ा जा सका।

 

डीवीआर कहां गई

लुटेरे ज्वैलरी शोरूम से डीवीआर उखाड़कर ले गए थे। पुलिस का दावा है कि बदमाशों ने डीवीआर को नहर किनारे सड़क पर पटक कर झाडि़यों में फेंक दिया, लेकिन एसटीएफ हत्थे चढ़े निर्मल की निशानदेही पर इसे बरामद क्यों नहीं कर सकी है।

 

कहां है दूसरी बाइक

लुटेरे दो बाइक से आए थे, जिसमें से पुलिस ने एक पीलीभीत नंबर की अपाचे बाइक की बरामदगी दिखा दी है। जिसे मनोज के साले की बताया गया है, लेकिन दूसरी ग्लैमर बाइक को नहीं बरामद कर सकी है। यह बाइक मनोज की बताई जा रही है।

 

बैग नहीं हुआ बरामद

लुटेरे दो बैग में माल भरकर ले गए थे लेकिन एसटीएफ एक भी बैग बरामद नहीं कर सकी है। यह बैग कहां गए, इसका कोई जवाब नहीं मिला है। वहीं ज्वैलरी शॉप में एक चांदी से भरा बच्चे का बैग मिला था, लेकिन निर्मल ने इस बैग में ज्वैलरी भरने की बात से ही इनकार किया है।

 

माल की कीमत का नहीं खुलासा

लूट के खुलासे पर भरोसा किया जाए तो लुटेरे करीब 65 लाख का ही माल लूटकर ले गए थे, लेकिन बताया जा रहा था कि करीब एक करोड़ रुपए की लूट हुई थी। हालांकि अभी तक मालिकों की ओर से लूटे गए माल की कोई डिटेल पुलिस को नहीं दी गई है। दूसरे दिन शोरूम से 1 किलो 100 ग्राम सोना भी बरामद हुआ था।

 

मुझे तो फोटो से पता चला

तो तीन-चार दिन से न्यूज पेपर में पढ़ रही हूं। लेकिन पुलिस ने किसी बदमाश की शिनाख्त कराने के लिए न तो मुझे बुलाया और न मेरी शॉप के किसी वर्कर को बुलाया। फ्राइडे रात करीब 9 बजे मेरे पास एक फोटो फारवर्ड होकर आया है, फोटो में सफेद बाइक के पास दो बदमाश खड़े दिख रहे हैं। फोटो को मैंने अपने ममेरे देवर अफजाल को दिखाया था जो लूट वाले दिन शॉप पर मौजूद थे। तो उन्होंने मोटा युवक जिसकी दाढ़ी है उसे पहचान लिया कि इसी ने लूट की वारदात को अंजाम दिया है, लेकिन जो पतला युवक है उसकी क्या भूमिका है उसे नहीं पहचान सका। मैं तो लूट वाले दिन शॉप पर नहीं थी।

 

शबनम खातून, टॉप कैरेट शॉप ओनर

 

बरेली पुलिस पूरी तरह से फेल

लूटकांड का एसटीएफ ने प्रेस नोट से खुलासा करने का दावा किया है लेकिन इस खुलासे के बाद बरेली पुलिस पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। बरेली पुलिस की ओर से थानों, क्राइम ब्रांच, सर्विलांस समेत करीब ढाई सौ पुलिसकर्मियों की फौज खुलासे में लगाई गई थी। पुलिस के पास सिर्फ सीसीटीवी फुटेज के अलावा कुछ भी हाथ नहीं लगा था। पुलिस ने कई जेल में जाकर भी पहचान की थी, लेकिन किसी ने लुटेरों को नहीं पहचाना। जबकि एसटीएफ के दावे के मुताबिक लुटेरे शाहजहांपुर जेल में बंद रहे थे।


बाहरी बदमाश बरेली में कर रहे वारदातें

डिस्ट्रिक्ट की अधिकांश बड़ी वारदातों में रहे हैं शामिल

बरेली में लूट की बड़ी वारदातों में बाहरी बदमाशों का ज्यादा हाथ पाया जा रहा है। इसके पुलिस के जानकार कई रीजन बता रहे हैं। एक तो यहां लुटेरों को लूट में अधिक माल मिल जाता है और दूसरा बदमाशों को यहां से भागने में भी आसानी रहती है। दूर का होने के चलते बदमाशों को पकड़ने में भी पुलिस के पसीने छूट जाते हैं। टॉप कैरेट लूटकांड में भी पश्चिम बंगाल के गैंग का हाथ सामने आया है। इससे पहले कोरल मोटर्स, मीरगंज में ज्वैलर के घर डकैती, नवाबगंज में डकैती, प्रेमनगर में डकैती में ही बाहरी बदमाश शामिल रहे थे। इसके अलावा बरेली में उड़ीसा, मुरादाबाद और दिल्ली के गैंग भी वारदात कर चुके हैं।


लोकल करते हैं मुखबिरी

डिस्ट्रिक्ट की बड़ी वारदातों में भले ही बाहर के गैंग शामिल रहे हों लेकिन सभी मामलों में लोकल ने ही मुखबिरी की थी। लोकल में रहने वाला लुटेरा या तो बदमाशों के संपर्क में जेल से आया था या फिर वह पहले कभी दूसरी जगह रहता था, वहां उसकी लुटेरों से मुलाकात हुई थी। बरेली के कई लुटेरे दूसरे जिलों व राज्यों में जाकर वारदात करते हैं।

 

यह हैं लूट की वजहें

-महानगर और बड़ा शहर होने के चलते कई बड़े व्यापारी और ज्वैलर हैं

-बड़े व्यापारी और ज्वैलर होने से लुटेरों को अधिक माल मिलता है

-शहर के आउटर में बदमाशों को बाइक से भागने में काफी आसानी होती है

-शहर में दूसरे शहरों से आने के लिए ट्रेन और बस की अच्छी सुविधा है

-बरेली के कई बदमाश बाहर जाकर रहते हैं तो वह बदमाशों के संपर्क में आ जाते हैं

-लोकल बदमाश बाहरी बदमाशों को बुलाकर वारदात को अंजाम देते हैं

-दूसरे डिस्ट्रिक्ट व राज्य के होने के चलते पुलिस के हत्थे जल्दी नहीं चढ़ते हैं

 

बाहरी बदमाशों ने की वारदातें

-21 मई 2018 को मिनी बाईपास पर बीज व्यापारी महिला से बाइक सवार बदमाशों ने मिनी बाइपास पर साढ़े 4 लाख रुपए लूट लिए थे। पुलिस लोकल बदमाशों की तलाश में थी लेकिन जब खुलासा हुआ था तो कानपुर नगर का बदमाश पकड़ा गया था।

-1 जून 2015 को प्रेमनगर में सरिया व्यापारी धर्मपाल गुप्ता की कार रोककर लुटेरों ने 21 लाख रुपए नकद लूट लिए थे। इस लूट में मेरठ के लुटेरे पकड़े गए थे, जिसे लोकल में रहने वाले राशिद ने मुखबिरी कर प्लान किया था।

-17 नवंबर 2015 को मीरगंज में ज्वैलर के घर 2 करोड़ की ज्वैलरी की डकैती की गई थी। इसमें भी मेरठ का गैंग शामिल था। इसकी रैकी पहले ही राशिद के जरिए की जा चुकी थी। जेल में बंद राशिद से पूछताछ के बाद खुलासा हुआ था।

-वर्ष 2013 में रामपुर गार्डन में कोरल मोटर्स के घर दो करोड़ की लूट हुई थी। जिसमें मेरठ के गैंग का हाथ आया था लेकिन मेन लुटेरा देवेंद्र जाट हरियाणा में पकड़ा गया था। वह हरियाणा में भी जाकर वारदात करता था। इस मामले में भी लोकल मुखबिरी हुई थी

-नवाबगंज में करीब दो वर्ष पूर्व ज्वैलर्स से बाइक सवार बदमाशों ने 1 करोड़ रुपए की ज्वैलरी लूट ली थी। बदमाश बाइक छोड़कर भाग गए थे। सीसीटीवी फुटेज में बदमाशों के चेहरे भी आए थे। इस वारदात को अलीगढ़, हरियाणा के बदमाशों ने अंजाम दिया था।