बॉक्स : कांति कपूर सरस्वती बालिका विद्या मंदिर इंटर कालेज की इंटर की छात्रा उपासना सिंह ने साल 2017 में जिले का नाम रोशन किया था. उन्होंने न केवल जिला और मंडल टॉप किया बल्कि प्रदेश की मेरिट लिस्ट में भी जगह बनाई थी.

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- यूपी बोर्ड की इंटर-हाईस्कूल की मेरिट लिस्ट में जिले का एक भी स्टूडेंट नहीं, 2017 में मिली थी पोजीशन

- हाईस्कूल और इंटर में जिले की मेरिट लिस्ट में लड़कों की संख्या लड़कियों से ज्यादा

बरेली. बरेली इस बार भी पिछड़ गया. हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की टॉप टेन की लिस्ट में जिले का एक भी होनहार अपनी जगह नहीं बना सका. आखिरी बार 2017 में इंटर में बरेली ने मेरिट में स्थान बनाया था. वैसे बरेली के स्टूडेंट्स प्रदेश के अव्वल छात्रों की सूची में अपना नाम दर्ज कराते आए हैं, लेकिन इस बार इंटर के टॉपर्स का स्कोर 90 प्रतिशत के नीचे ही रह गया जबकि हाईस्कूल में स्टूडेंट्स 93 प्रतिशत से ऊपर नहीं बढ़ सके.

हाईस्कूल में आख्या जिला टॉपर

हाईस्कूल में आख्या सिन्हा ने 92.50 प्रतिशत अंक लाकर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया. विशेष मिश्रा और संचित गंगवार 92.17 अंकों के साथ संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे. सुशांत कुमार ने 91.33 प्रतिशत अंक लाकर तीसरा स्थान हासिल किया.

इंटर में उदय ने मंडल किया टॉप

इंटर में उदय अग्रवाल ने 88.80 प्रतिशत अंकों के साथ मंडल और जिले में पहला स्थान प्राप्त किया. आशुतोष दीक्षित और अदिति 87.20 प्रतिशत अंक लाकर संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे. अभिषेक कोली और सौरभ कुमार ने 87 प्रतिशत अंक प्राप्त कर संयुक्त रूप से तीसरा स्थान हासिल किया है.

बढ़ गई पोजीशन

इंटरमीडिएट में बरेली को प्रदेशभर में 21वीं पोजीशन मिली है जबकि हाईस्कूल में 22वां स्थान मिला है. 2018 की तुलना में जिले की स्थिति में सुधार हुआ है. पिछले साल हाईस्कूल में 25वीं और इंटरमीडिएट में 24वीं पोजीशन थी.

हाईस्कूल में सुधरे तो इंटर में पिछड़े

इस बार जिले में कुल 93, 387 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी. यह संख्या पिछले साल से कम है. पिछली बार 1, 07, 152 परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए थे. साल 2018 के रिजल्ट के मुकाबले इस बार हाईस्कूल में 4.94 स्टूडेंट ज्यादा पास हुए. वहीं इंटर में 1.86 बच्चे कम पास हुए.

हाईस्कूल-इंटर में बेटियों ने बेटों को पछाड़ा

बेटियों में खुशी का माहौल है. उन्होंने इस बार भी बाजी मार ली. हाईस्कूल और इंटर में छात्राओं ने छात्रों को पछाड़ दिया. दसवीं में 89.94 प्रतिशत छात्राएं सफल रहीं, जबकि 79.80 प्रतिशत छात्र ही पास हो सके. वहीं, बारहवीं की बात करें तो 86.53 छात्राएं पास हुईं, तो वहीं 75.02 छात्र ही सफल रहे.