ह्य- रिमांड पर लिए गए लालकेश्वर और उनके नुमाइंदे

- औरंगाबाद के फरार डीपीआरओ की गिरफ्तारी तय

PATNA: टॉपर्स घोटाला मामले में एसआईटी वैशाली के डीएम रचना पाटिल का पक्ष जानना चाहती है। इसके लिए कुछ दिनों पहले एसआईटी की ओर से एक लेटर वैशाली डीएम को भेजा गया था। लेकिन अब तक एसआईटी को जवाब नहीं मिला है। फिलहाल, एक बार फिर से रिमाइंडर लेटर एसआईटी ने वैशाली डीएम को भेजा है। सोर्स के अनुसार डीएम को एसआईटी के पूछे सवालों का जवाब देना होगा। ऐसा नहीं करने पर मामला बिगड़ सकता है। फिर एसआईटी कार्रवाई के तहत वैशाली जाकर डीएम से पूछताछ कर सकती है।

- इन सवालों का देना है जवाब

सोर्स के अनुसार वैशाली डीएम से पूछे गए खास सवाल ये है कि एग्जामिनेशन सेंटर बदलने में नियमों का कितना पालन किया गया? नियमों का पालन हुआ भी या नहीं? पहले गुरुकुल विद्यापीठ को वीआर कॉलेज का एग्जामिनेशन सेंटर के लिए क्यों चुना गया था? जीए कॉलेज के केन्द्राधीक्षक और वीक्षकों को क्यों बदला गया? अगर पहले वाले कदाचार में शामिल थे तो उनपर कार्रवाई हुई या नहीं?

- रिमांड पर लेते ही शुरू हुई पूछताछ

इधर, फर्जी टेंडर के जरिए 8.भ्म् करोड़ के इंटरमीडिएट की कॉपियों का घोटाला मामले में एसआईटी ने जेल में बंद लालकेश्वर प्रसाद, हरिहर नाथ झा, विकास सिंह और राजकिशोर गुप्ता को तीन दिनों की रिमांड पर लिया है। एक-एक कर चारों से एसआईटी ने पूछताछ शुरू कर दी है। सोर्स की मानें को पूछताछ में विकास सिंह ने कई राज उगले हैं।

- हर हाल में होगी गिरफ्तारी

फरार चल रहे औरंगाबाद के डीपीआरओ जनार्दन प्रसाद अग्रवाल की गिरफ्तारी अब हर हाल में होगी। ये अब तक फरार हैं। एसआईटी ने इनके सर्विस बुक को खंगाला, लेकिन मिली नहीं। डीपीआरओ मूल रूप से झारखंड के चतरा के रहने वाले हैं। अब टीम इनकी तलाश में चतरा भी जाएगी। एसआईटी ने फर्जी टेंडर घोटाला में पूछताछ के लिए उन्हें पटना बुलाया था। लेकिन शुरुआत से ही वो फरार चल रहे हैं। जिससे एसआईटी का शक इन पर और भी गहरा गया है।