-टूर ऑपरे‌र्ट्स बनारस से श्रीलंका के बीच नयी उड़ान के मुताबिक बनाने लगे टूर प्लान

-बढ़ जाएगी टूरिस्ट की संख्या, बनारस को मिलेगा फायदा

VARANASI

भारत का श्रीलंका से पुराना नाता है। राम-रावण की कथा इसका प्रमाण है। बौद्ध धर्म से श्रीलंका का गहरा जुड़ाव है। हर साल यहां से बड़ी संख्या में बौद्ध धर्म के अनुयायी भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली का दर्शन करने सारनाथ आते हैं। लेकिन अभी तक श्रीलंका और भारत के बीच हवाई सेवा नहीं होने से आने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन्हीं परेशानियों को समझते हुए पीएम नरेन्द्र मोदी ने बनारस से कोलंबो के बीच एयर इंडिया की उड़ान शुरू करने की घोषणा की है। इससे टूरिस्ट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की उम्मीद बढ़ी है। उनका मानना है कि उड़ान सेवा शुरू होने से टूरिस्ट फ्लो बढ़ेगा। कई ने तो उसके मुताबिक पैकेज बनाना भी शुरू कर दिया है।

होगा बड़ा फायदा

भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ पर शीश नवाने दुनिया भर के बौद्ध धर्मावलम्बी बनारस आते हैं। जापान, चीन, थाईलैंड, कोरिया, मलेशिया और श्रीलंका से आने वाले टूरिस्ट यहां कम से तीन से चार दिन ठहरते हैं। बनारस के साथ ही गया और कौशाम्बी भी दर्शन-पूजन के लिए यहीं से जाते हैं। इसके अलावा विशेष अवसरों पर श्रद्धालु उपासना के लिए एक-दो महीने तक बनारस में रहते हैं। बनारस आने वाले बौद्ध धर्म के अनुयायियों में सबसे अधिक संख्या श्रीलंका के दर्शनार्थियों की होती है। अभी तक मिहिन एयरलाइंस की सप्ताह में एक दिन की उड़ान का सेवा उनके लिए मौजूद है। वह भी मात्र अगस्त से जनवरी महीने तक। यात्रियों की भीड़ बढ़ने पर उड़ान दो दिन कर दी जाती है। अन्य दिनों में श्रीलंका से आने वालों को दक्षिण भारत से बनारस तक का लम्बा सफर तय करना पड़ता है।

अभी से कर रहे तैयारी

पीएम ने श्रीलंका में बनारस कोलम्बो सीधी उड़ान सेवा की घोषणा की। बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री इंटरनेशनल एयरपोर्ट से एयर इंडिया की यह सेवा अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू होगी। इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए टूर ऑपरे‌र्ट्स ने पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने श्रीलंका में मौजूद टूर ऑपरे‌र्ट्स के जरिए भारत में मौजूद बौद्ध धर्मस्थली तक श्रद्धालुओं को ले जाने और वापस लाने का पैकेज तैयार किया है। बनारस से सड़क मार्ग के जरिए उन्हें बौद्ध सर्किट में मौजूद कुशीनगर, कौशाम्बी, श्रावस्ती, बोधगया समेत अन्य स्थलों तक पहुंचाएंगे। इस पूरी यात्रा में चार से पांच दिन का वक्त लगेगा। इससे कम खर्च और कम वक्त में श्रद्धालु अपनी यात्रा पूरी कर पाएंगे।

-तीन लाख बौद्ध धर्मावलम्बी हर साल आते हैं बनारस

-डेढ़ लाख श्रीलंका से आते हैं सारनाथ में शीश नवाने

-डेढ़ लाख जापान, चीन, थाईलैंड, कोरिया, मलेशिया आदि देशों से आते हैं

-उड़ान शुरू होने के बाद एक लाख का इजाफा हो जाएगा श्रीलंका से आने वाले श्रद्धालुओं का

-दस हजार परिवार जो टूरिज्म से जुड़े हैं उनको होगा टूरिस्ट की संख्या बढ़ने का फायदा

नयी उड़ान से श्रीलंका से आने वाले टूरिस्ट की संख्या बढ़ेगी। साथ ही बनारस से श्रीलंका जाने वाले भी बढ़ेंगे। इसका सीधा फायदा टूरिज्म को मिलेगा।

अजय सिंह, टूर मैनेजर

श्रीलंका से एक मात्र उड़ान होने से बनारस आने वाले टूरिस्ट को परेशानी होती थी। नयी उड़ान से काफी सुविधा होगी.टूरिस्ट फ्लो बढ़ेगा। इसका फायदा बनारस को मिलेगा।

शैलेन्द्र, टूर मैनेजर