RANCHI : फाइलों में बोटिंग। आपको सुनने में जरा अजीब लगेगा लेकिन यह सच है। झारखंड टूरिज्म विभाग की तरफ से रांची के करमटोली स्थित तालाब के ब्यूटीफिकेशन और इस तालाब में बोटिंग की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए 2012 में एक योजना बनी थी। इस तालाब की सफाई करके इसे एक पिकनिक स्पॉट के रूप में डेवलप करना था। लोगों के मनोरंजन के लिए यहां पर फूड प्लाजा, बच्चों के लिए झूले, वाटर गेम्स और बोटिंग करने के लिए बोट की व्यवस्था होनी थी, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी यह योजना परवान नहीं चढ़ी। इसे पिकनिक स्पॉट के रूप में में विकसित करने के लिए सिटी की एक जानामानी कंपनी ने डिजाइन तैयार किया था। टूरिज्म विभाग ने इस डिजाइन को ओके भी कर दिया था, लेकिन उसके बाद इसपर कोई काम शुरू नहीं हुआ। ऐसा सिर्फ इसके साथ ही नहीं हुआ है, बल्कि रांची और इसके आसपास जितने भी ऐसे तालाब और डैम हैं, जिसे डेवलप किया जाना था, लेकिन उनकी हालत भी खराब है।

नहीं डेवलप हो पाया हटिया डैम

एचईसी के पास हटिया डैम पार्क को एक टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए झारखंड टूरिज्म विकास कॉरपोरेशन ने 2009 में हटिया डैम को स्टेट का एक बड़ा टूरिस्ट स्पॉट डेवलप करने के लिए करोड़ों रुपए की लागत से हटिया पार्क का निर्माण कराया था। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए इस पार्क में आकर्षक फव्वारे, फूड प्लाजा, बच्चों के लिए झूले, वाटर गेम्स और बोटिंग करने के लिए बोट व्यवस्था की गई थी, लेकिन आज यह पार्क बदहाल होकर वीरान हो चुका है। अब यहां पर कोई नहीं आता है।

रखे-रखे सड़ गए बोट

कोलकाता की कंपनी से लाखों रुपए में खरीदे गए चार शिकारा बोट और छह पैडल बोट जमीन पर पड़े-पड़े सड़ गए, लेकिन झारखंड टूरिज्म विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। सबसे चौंकानेवाली बात यह है कि जब से यह बोट यहां मंगवाए गए हैं, तबसे लेकर आजतक यह कभी पानी में नहीं गया। ऐसे में समझा जा सकता है कि टूरिज्म डेवलपमेंट को लेकर सरकार कितनी गंभीर है। यहां बोट रहने के बाद भी कभी बोटिंग नहीं हुई।

भाग गई कंपनी

हटिया पार्क को कॉमर्सियल रूप से चलाने के लिए झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने इसे एक प्राइवेट कंपनी को दिया था, लेकिन यह कंपनी पर्यटन विभाग को बिना सूचना दिए एक दिन लापता हो गई। तबसे यह पार्क भगवान भरोसे है। झारखंड पर्यटन विभाग ने हटिया पार्क में 10 डेली वेजेज कर्मचारी, जिसमें 2 माली, 2 गार्ड, 2 सफाईकर्मी, 2 किचन और 2 लाइफ गार्ड को अप्वाइंट किया है। लेकिन कोई काम न होने की वजह से यह कर्मचारी यहां पर कभी-कभी ही आते हैं। जब आते भी हैं तो सिर्फ लूडो खेलते हैं।

सड़ रहे हैं लाखों के सामान

हटिया पार्क को सजाने और संवारने के लिए पर्यटन विभाग ने विदेश से लाखों का सामाना मंगवाया था, लेकिन यह सामान कभी यूज ही नहीं हुए और एक कमरे में पड़े-पड़े सड़ रहे हैं।

सूख गए पेड़-पौधे

हटिया पार्क को सैलानियों के लिए हरा-भरा बनाने के लिए यहां पर 100 से अधिक प्रकार के पेड़-पौधों को लगाया गया गया था, लेकिन देखरेख और पानी के अभाव में ये सभी सूख चुके हैं।

असामाजिक तत्वों का बसेरा

हटिया एरिया में रहने वाले लोग अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के साथ क्वालिटी टाइम बिताने और पिकनिक मनाने के लिए इस पार्क का रूख करते थे, लेकिन जबसे यह पार्क बदहाल हुआ है, असामाजिक तत्वों ने यहां बसेरा बना लिया है। जिसकी वजह से लोग अब यहां नहीं आते। वैसे एकांत की तलाश में कुछ प्रेमी जोड़े यहां आते हैं लेकिन उनके सिक्योरिटी की कोई व्यवस्था इस पार्क में नहीं है। आए-दिन यहां आने वाले प्रेमी जोड़ों से छेड़छाड़ की घटनाएं होती रहती हैं। इस पार्क में सिक्योरिटी के लिए तैनात गार्ड भी नदारद रहता है, जिससे यहां कभी भी हादसा हो सकता है।

और हादसे की भेंट चढ़ गई योजना

रांची झील के नाम से फेमस सिटी के बीचोबीच स्थित बड़ा तालाब को एक बड़े पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित करने के लिए टूरिज्म विभाग ने योजना बनाई थी। इसके लिए पीपीपी के तहत सिटी के चटर्जी इंटरनेशनल को जिम्मा दिय गया था। यहां पर पब्लिक के लिए मोटर बोट मंगाए जाने थे। इसके साथ ही यहां पर चिल्ड्रेन पार्क और कैफिटेरिया बनना था। 15 दिसंबर 2013 को टूरिज्म सेक्रेटरी सजल चक्रवर्ती ने उद्घाटन किया और उसी दिन यहां पर मोटर बोट पलटने से हादसा हो गया और इसके बाद यहां पर सारी चीजें बंद हो गई। तबसे लेकर आजतक यहां पर कोई डेवलपमेंट नहीं हुआ।