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- ईस्ट यूपी में आने वाले टूरिस्ट्स को कंप्लेंट दर्ज कराने में होती है दिक्कत

GORAKHPUR:

विदेशी सैलानियों के साथ होने वाली घटना को रोकने व इस तरह के केसेज दर्ज करने के लिए टूरिस्ट थाने का ख्वाब तो दिखा दिया गया लेकिन निर्माण अब तक शुरू नहीं हुआ, न ही इसे लेकर टूरिज्म डिपार्टमेंट के अधिकारी संजीदा ही हैं। आलम यह है कि आज भी यूपी ईस्ट में टूरिस्ट के साथ दु‌र्व्यवहार होने पर उन्हें इसकी कंप्लेंट करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

दस साल पहले बनी थी स्कीम

यूपी टूरिज्म में टूरिस्ट के साथ होने वाले क्राइम को रोकने के लिए दस साल पहले एक स्कीम बनाई गई थी। इस स्कीम के तहत टूरिस्ट्स के लिए अलग से थाना बनाने की योजना थी। इसका उद्देश्य था कि प्रदेश में आने वाले टूरिस्ट को शिकायत दर्ज के लिए अधिक प्रॉब्लम न हो। लैंग्वेज को देखते हुए यहां पढ़े-लिखे लोगों को तैनात किया जाना था। इनमें एसपी, सीओ और इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होनी थी। स्कीम में टूरिज्म डिपार्टमेंट के पास ही रिपोर्ट दर्ज करने और मामले की जांच की जिम्मेदारी थी। इसके लिए टूरिज्म डिपार्टमंट में नौ टूरिज्म इंस्पेक्टर और एक सब इंस्पेक्टर की भर्ती की गई पर बाद में योजना ठप हो गई।

गाइड बनकर रह गए इंस्पेक्टर

डिपार्टमेंट के यह इंस्पेक्टर सिर्फ गाइड मात्र हैं। इन्हें गोरखपुर और कुछ टूरिस्ट प्लेस पर तैनात किया गया है। टूरिज्म डिपार्टमेंट के डिप्टी डॉयरेक्टर पीके सिंह ने बताया कि टूरिज्म डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर को कोई पावर नहीं है। तैनाती वाली जगह पर भी इन्हें कार्यवाही का अधिकारी नहीं है। कोई घटना होती भी है, तो इन्हें अंदर तक जाने नहीं दिया जाता। स्टेशन पर जो इंस्पेक्टर तैनात हैं, वो विदेशी टूरिस्ट को इंग्लिश में गाइड करते हैं।

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हो चुकी हैं कई घटनाएं

- सोनौली मार्ग पर एक प्राइवेट बस ड्राइवर ने जापान से आए फॉरेनर से अधिक किराया वसूल लिया था। शिकायत के लिए फॉरेनर इधर-उधर घूमता रहा मगर किसी ने नहीं सुनी।

- वाराणसी से लुंबिनी के लिए जा रहे टूरिस्ट की गाड़ी को रोककर टैक्स के नाम से वसूली का मामला सामने आया, लेकिन इस मामले में वह अपने आप को इंडिया आकर ठगा महसूस किए।

- कुशीनगर रोड पर सोनबरसा बाजार के पास कुछ स्थानीय लोगों ने टूरिस्ट के साथ अभद्र व्यवहार किए, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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प्वाइंट टू बी नोटेड

इतने आए टूरिस्ट्स

सन इंडियन फॉरेनर्स

2017 1,06,26,640 1,68,936

2016 1,03,97,411 1,65,497

2015 96,45,779 1,48,800

2014 93,80,508 1,42,590

2013 87,83,134 1,36,080

नोट - ये सभी आंकड़े औसत में हैं।

वर्जन

टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से इस स्कीम को लागू करने की पूरी कोशिश की गई थी लेकिन पुलिस डिपार्टमेंट की तरफ से सहयोग न मिलने के कारण यह योजना फ्लॉप हो गई। लेकिन फिर से इस पर काम शुरू किया जाएगा।

रविंद्र मिश्रा,

आरटीओ, टूरिज्म डिपार्टमेंट