- ट्रैक को बदलने की बजाय रेलवे अधिकारी जुगाड़ से चला रहे काम

<- ट्रैक को बदलने की बजाय रेलवे अधिकारी जुगाड़ से चला रहे काम

BAREILLY:

BAREILLY:

नॉर्दर्न रेलवे मुरादाबाद डिवीजन के बरेली जंक्शन के ट्रैक पर लगे जंग को रेलवे पेंट से छिपाने की कोशिश में लगा हुआ है। जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर -3 पर मंडे को कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। रेलवे कर्मचारी पटरियों पर लगे जंग को पेंट मार कर ढकने में लगे हुए थे। जबकि, पुराने पटरियों को बदले जाने की जरूरत हैं। जर्जर टै्रक पर ही ट्रेनों को गुजार कर रेलवे हजारों यात्रियों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा हैं।

जॉगल प्लेट खोल लगा रहे पेंट

जंक्शन पर बिछी पटरियों की मियाद खत्म हो चुकी हैं। जिसकी वजह से पटरियों पर जगह-जगह जंग लग चुकी हैं। जंग के कारण प्लेटफार्म नम्बर-2 व 3 पर की पटरियों के चटकने की घटना भी सामने आ चुकी हैं। फिर भी इन्हें बदला नहीं जा रहा है। जिन जगह पर जॉगल प्लेट लगाई गई हैं वहां जंग के कारण पटरियां पूरी तरह से गल चुके हैं। रेलवे उन्हें बदलने की कवायद करने की बजाय उस पर पेंट मरवाने में लगा हुआ है।

खत्म हो चुकी है मियाद

जंक्शन पर टोटल 6 प्लेटफार्म हैं। इनमें से 1 से 4 प्लेटफार्म एनआर और 5 व 6 एनईआर के अंदर आता है। इनमें से एनआर के अंतर्गत आने वाला प्लेटफार्म नम्बर 1, 2 और 4 की मियाद खत्म हो चुकी हैं। प्लेटफार्म नम्बर-4 की मियाद तो 1985 में ही खत्म हो चुकी हैं। वहीं प्लेटफार्म नम्बर-1 की 2005 में मियाद पूरी हो चुकी हैं। फिर, भी रेलवे प्रबंधन को इस बात की चिंता नहीं है कि यदि कोई हादसा होगा तो उसका जिम्मेदार कौन होगा।

यात्रियों की जिंदगी से खिलवाड़

जर्जर ट्रैक का ही नतीजा है कि एक्सप्रेस और सुपरफास्ट जैसी ट्रेनों को भी जंक्शन के इन प्लेटफार्म से मात्र 10 किलोमीटर प्रति घंटे के रफ्तार से गुजारा जा रहा हैं। कई बार ट्रेनें हादसें का शिकार होने से भी बच चुकी हैं। फिर भी रेलवे के अधिकारी इस बात को सीरियस नहीं ले रहे हैं। जबकि, बरेली से होकर गुजरने वाली रोजाना 200 ट्रेनों से सिर्फ बरेली से ही 30 हजार से अधिक यात्री रोजाना अप-डाउन करते हैं।

बॉक्स

2017 ट्रेन हादसा एक नजर

- 17 दिसम्बर गोविंद गंज के पास पटरी चटकी मिलिट्री स्पेशल ट्रेन हादसे का शिकार होने से बाल-बाल बची।

- 22 अक्टूबर जंक्शन के प्लेटफार्म नम्बर 2 जो कि टूटा हुआ था डबल डेकर, जननायक, हावड़ा सहित कई ट्रेनों को रवाना कर दिया गया।

- 5 अक्टूबर जंक्शन पर टूटे हुए ट्रैक पर हावड़ा से काठगोदाम जाने वाली बाघ एक्सप्रेस को ट्रैक पर आने की हरी झंडी दे दी गई थी। बाद में इंजीनियर ने ट्रैक की मरम्मत करवाई।

- 27 सितम्बर श्मशान भूमि के पास फाटक का बूम टूटने के बाद भी ट्रेनों को गुजारा गया।

- 27 सितम्बर कटघर-मुरादाबाद के बीच धंसे ट्रैक पर डबल डेकर को रवाना कर दिया गया। बड़ा हादसा टल गया था।

- 26 सितम्बर हल्द्वानी से काठगोदाम जा रही संपर्क क्रांति की कपलिंग खुल गई थी। ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई थी।

- 7 जून हरदोई-बरेली रूट पर ट्रैक पर गैप होने के बाद भी इलाहाबाद-हरिद्वार एक्सप्रेस को हरी झंडी दे दी गई। ग्रामीणों ने कपड़ा लहरा कर ट्रेन रूकवाई थी।

- 15 अप्रैल टूटी पटरी पर राज्यरानी को गुजार दिया गया। ट्रेन के के आधा दर्जन कोच बेपटरी हो गया था। जिसके चलते दर्जनों यात्री घायल हो गये थे।

- 4 फरवरी नकटिया नदी के किनारे ट्रैक का जॉगल प्लेट खुला होने के बाद भी ट्रेन गुजार दी गई। ट्रेन पलटने से बच गई थी।

पटरियों को जोड़ने वाले जॉगल प्लेट को खोल कर पेंट किए जा रहे हैं। ताकि, पटरियों पर जंग न लगे। जहां पर जॉगल प्लेट लगी होती हैं वहां पर जंग लगने का डर रहता है।

विनय सिंह, पीडब्ल्यूआई, जंक्शन