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-कुंभ से पहले बदल जाएगा इलाहाबाद म्यूजियम की सभी गैलरी का नजारा

ALLAHABAD: देश के चार सबसे पुराने नेशनल म्यूजियम में शुमार इलाहाबाद म्यूजियम में भी कुंभ मेला का असर दिखाई देगा। म्यूजियम की अलग-अलग गैलरी में स्थित तेरहवीं सदी ईसवी से लेकर पहले स्वतंत्रता संग्राम तक की दुर्लभ कलाकृतियों को मॉडर्न लुक देने के लिए उन कलाकृतियों में ऐसी लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी जिसकी रोशनी ना केवल हर वक्त गैलरी को रोशन करती रहेगी बल्कि ट्रैक लाइटिंग के जरिए एक ही एंगल से उन कलाकृतियों का विहंगम नजारा दिखाई देता रहेगा। इसके लिए म्यूजियम प्रशासन की ओर से चार गैलरी में लाइटिंग का कार्य भी शुरू करा दिया गया है।

सारी गैलरी में मिलेगी सुविधा

म्यूजियम प्रशासन पहले चरण में आधुनिक काल की गैलरी, टेक्सटाइल्स गैलरी, आ‌र्म्स गैलरी व डेकोरेटिव गैलरी में ट्रैक लाइटिंग करा रहा है। इसके लिए एक महीने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इन गैलरी में स्थित कलाकृतियां, राजा महाराजाओं के वस्त्र व द्वितीय विश्व युद्ध के शस्त्रों के रैक में लाइटिंग लगवाई जाएगी। इतना ही नहीं नवम्बर महीने तक म्यूजियम की सभी तेरह गैलरी में लाइटिंग के साथ एक-एक कलाकृतियों की साइनेज भी संबंधित गैलरी के परिसर में लगवाई जाएगी।

कमांड ऑफिस से होगा कंट्रोलिंग

म्यूजियम की सभी गैलरी में लगने वाली ट्रैक लाइटिंग की मानिटरिंग के लिए रिसेप्शन कक्ष के सामने कमांड आफिस बनाया जाएगा। जहां से सभी गैलरी की कलाकृतियों पर हर वक्त रोशनी की व्यवस्था को बनाए रखने के लिए कंट्रोलिंग भी कराई जाएगी।

क्या होती है ट्रैक लाइटिंग

-इसकी खासियत यह है कि जिस गैलरी में लगाई जाएगी उसके लिए एक एंगल बनाया जाएगा।

-एंगल में लाइटिंग की व्यवस्था की जाएगी।

-यहां से लाइटिंग का फोकस एक-एक कलाकृति पर अलग-अलग तरीके से ऊपर और नीचे एक साथ पड़ता रहेगा।

संस्कृति मंत्रालय के निर्देश पर म्यूजियम की गैलरी में ट्रैक लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। तीन महीने के भीतर सभी गैलरी में लाइटिंग और साइनेज लगाने की योजना बनाई गई है। अभी बजट नहीं मिला है। इसलिए पहले चरण में चार गैलरी में कार्य शुरू कराया गया है।

-डॉ। सुनील कुमार गुप्ता, निदेशक इलाहाबाद म्यूजियम