- सरसों के ऑयल में कम गुणवत्ता के ऑयल की होती है मिलावट

- ब्रांडेड कंपनी के ऑयल में भी मिलावट की बात आ चुकी है सामने

Meerut : शहर में ऑयल का भी बड़े लेवल पर गोलमाल हो रहा है। कई व्यापारी ऑयल में मिलावट का भी खेल कर रहे हैं। इस समय ऑयल की डिमांड अधिक होने से जमाखोर इसका फायदा बखूबी उठा रहे हैं। पिछले कुछ ही समय से ऑयल के प्राइस में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, जिसका सबसे बड़ा कारण स्टॉक होल्ड रखना है। अधिक मुनाफा के चक्कर में जमाखोर कम गुणवत्ता के ऑयल की मिलावट कर रहे हैं, जिसका फायदा उन्हें मिल भी रहा है। बात को दरकिनार कर जिम्मेदार खामोश बैठे हुए हैं।

सस्ता से महंगा खेल

खाने, आचार या फिर अन्य चीजों के लिए सरसों का तेल सबसे बेटर माना जाता है। शहर में सरसों के तेल की डिमांड भी सोयाबीन और पामोलीन ऑयल से कहीं अधिक है। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक, सरसों के तेल में पामोलीन तेल मिलाने का काम किया जाता है, क्योंकि कम रेट में मिलने वाला पामोलीन सरसों के नाम पर महंगे दाम में आसानी से बिक जाता है। इस काम के लिए जमाखोरों को ज्यादा जद्दोजहद भी नहीं करनी पड़ती है। होलसेल मार्केट में पामोलीन 950 रुपए प्रति टिन और सरसों ऑयल 1200 रुपए प्रति टिन है। ऐसे में यह बात आप अच्छी तरह समझ सकते है कि मिलावट का खेल किस कदर होता है।

मिलावट का कारण

बारिश और ओलावृष्टि से तेलहन की फसल बहुत हद तक बर्बाद हुई है। फिर भी जमाखोर सरसों तेल की डिमांड के अकॉर्डिग महंगे दाम में मार्केट में ला रहे हैं, जिसके पीछे का रीजन मिलावट ही माना जा रहा है। एक तरफ बिजनेस से जुड़े लोग जहां फसलों के बर्बाद होने का रोना रो रहे है। वहीं डिमांड और सप्लाई का अंतर इक्वल बनाए हुए हैं। यदि, फसल वाकई बर्बाद हुई है तो, बिजनेस से जुड़े लोग खासकर जमाखोर यह समानता कैसे बना हुए हैं। यह बात समझ से परे है।

मिलावट का मामला

नॉन ब्रांडेड ही नहीं ब्रांडेड ऑयल में भी मिलावट का मामला सामने आ चुका है। फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफएसडीए) ने दीपावली के समय ऑयल के कुछ सेंपल लिए थे। यह सेंपल गांव और शहर दोनों की जगहों से लिया गया था। खाद्य सुरक्षा अधिकारी जेपी सिंह ने बताया कि लखनऊ लैब से कुछ दिन पहले आई जांच रिपोर्ट में ऑयल के एक सेंपल में मिलावट की बात सामने आई है। यह सेंपल मेरठ के होलसेलर की दुकानों से लिए गए एक ब्रांडेड ऑयल का है। एफएसडीए ने इस साल भी ब्रांडेड और नॉन ब्रांडेड कंपनी के करीब एक दर्जन सेंपल लखनऊ लैब में जांच के लिए भेजा है। हांलाकि, अभी तक सेंपल की जांच रिपोर्ट नहीं आई है।

जमाखोर उठाते हैं फायदा

सर्दी के मुकाबले इस समय ऑयल की सबसे अधिक डिमांड होती है। इस समय अचार लगाने और रमजान के चलते सबसे अधिक सरसों के ऑयल की मांग होती है, जिसका फायदा जमाखोर और मिलावटखोर खूब उठाते हैं। सबसे अजीब बात यह है कि जब तक तीन-चार महीने में लैब से सेंपल की जांच रिपोर्ट आती है, तब तक माल की खपत हो चुकी होती है। लाखों रुपए का वारा न्यारा करने के बाद छोटी सी जुर्माना राशि देना जमाखोरों को घाटा का सौदा नहीं लगता है।

अच्छा-खासा है बिजनेस

शहर में ऑयल की दो बड़ी कंपनियां हैं। वहीं छोटे लेवल पर भी इस बिजनेस से लोग जुड़े हुए है। जो कि, मुनाफा कमाने से बाज नहीं आते हैं। इसके पीछे का कारण हैं एडमिनिस्ट्रेशन की सुस्ती। एक बार मुहिम चलती है फिर खामोशी छा जाती है, जिसका फायदा उठाकर जमाखोर बेखौफ अपना धंधा चमकाने में लगे हुए है। होलसेलर और रिटेलर की संख्या 1000 से भी अधिक है। आस-पास के एरिया के अलावा व्यापारी राजस्थान से सरसों का ऑयल इम्पोर्ट कराते है। यदि, जिले की बात करें तो एक दिन में सभी तरह के फूड ऑयल की खपत 10,000 लीटर है।

होलसेल में तेल की कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं है, लेकिन रिटेल के लोग मनमाने रेट में ज्यादा बेच रहे हैं। जोकि काफी गलत है।

- राजीव गोयल, होलसेलर

सालभर में करीब तेल के दामों में करीब 20 परसेंट के दाम बढ़े हुए देखे गए। लेकिन यह भी देखने में आता है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए आम लोग बेहतर तेल की डिमांड के बजाय सस्ता तेल की डिमांड ज्यादा करते हैं।

- गौरव सिंघल, होलसेलर

पिछले साल से अब तक तेलों के रेट में ज्यादा बदलाव नहीं आया। सिर्फ पांच फीसदी का ही डिफ्रेंस है। जो भी रेट बढ़े हैं वो सरसो के रेट में बढ़े हैं।

- रुचिन गोयल, होलसेलर

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प्रोडक्ट होल सेल रेट रिटेल रेट

रिफाइंड ऑयल 1100-1120 75-80

मस्टर्ड ऑयल 1500 115

सनफ्लावर ऑयल 1250 174

डालडा 1420 120

तिल का तेल 1380 110

फॉच्र्यून 1380 (15केजी) 120

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तेल का बाजार

होलसेल मार्केट में पामोलीन का रेट प्रति टिन

950 रुपए

होलसेल में सरसों के तेल का रेट प्रति टिन

1200 रुपए

जिले में सभी तरह के फूड ऑयल की प्रति दिन खपत

10 हजार लीटर

तेल का व्यापार कर रहे होलसेलर और रिटेलर

1 हजार

बाजार में उपलब्ध ऑयल ब्रांड

100 से ज्यादा

फेल हुए बाजार से लिए गए तेल के सैंपल

700%