- लंका के प्रफुल्लनगर से लेकर लंका मार्केट तक मंगलवार की रात उत्पात करने वाले BHU स्टूडेंट्स की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बंद रहा मार्केट

- रविदास गेट पर व्यापारियों ने दिया धरना, दोषी छात्रों के खिलाफ एक्शन की उठाई मांग

-उत्पाती छात्रों के खिलाफ एक्शन लेने के सवाल पर एसओ लंका बोले बच्चे हैं नादानी कर बैठते हैं

VARANASI: लंका के प्रफुल्लनगर में मंगलवार की रात दुकानदारों व बीएचयू के छात्रों के बीच हुए बवाल के बाद लंका एरिया के व्यापारी छात्रों के विरुद्ध एकजुट हो गए हैं। छेड़खानी के विरोध में छात्रों की तरफ से की गई तोड़फोड़ और उत्पात के बाद बुधवार को लंका के व्यापारियों ने छात्र विरोधी स्वर बुलंद किया। इसके विरोध में व्यापारियों ने अपनी-अपनी दुकानें बंद कर अक्सर होने वाली ऐसी वारदातों पर रोक लगाने की प्रशासन और बीएचयू प्रशासन से मांग की। व्यापारियों ने अपनी मांगों की पूर्ति के लिए रविदास गेट पर धरना दिया व पुलिस की ओर से उत्पाती छात्रों को गिरफ्तार न किए जाने पर नाराजगी जताई। वहीं इस पूरे मामले में देर रात एसओ लंका की ओर से सैकड़ों अज्ञात छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

सुबह नहीं उठे शटर

दरअसल, मंगलवार की रात प्रफुल्लनगर कॉलोनी में ग‌र्ल्स हॉस्टल के पास बीएचयू छात्रों की बढ़ रही एक्टिविटी का विरोध कॉलोनी के लोगों के करने पर छात्रों ने कॉलोनी के ही दुकानदार संतोष चौरसिया को पीटा था। जिसके बाद पुलिस ने दो आरोपी छात्रों को पकड़ था और उन्हें थाने ले गई थी। इसी से नाराज सैकड़ों छात्रों ने उत्पात मचाते हुए थाने से अपने दोनों साथियों को छुड़ाया था और एसओ की जीप समेत, दो एटीएम, कई ट्रक्स, दुकानें, होर्डिग्स और ग्लोसाइन तोड़े थे। देर रात तक चले इस उत्पात के बाद कई थानों की फोर्स मौके पर पहुंची थी। रात में ही एसओ की ओर से उत्पाती छात्रों के खिलाफ मुकदमा कराया गया था लेकिन बुधवार को किसी की गिरफ्तारी न होने से नाराज लंका के व्यापारियों ने अपनी दुकाने नहीं खोली और इकठ्ठा होकर रविदास गेट पहुंचकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

कहो मत करो

व्यापारियों के मुताबिक बीएचयू के छात्र आए दिन लंका बाजार में उत्पात करते हैं। लेकिन उनको रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। इसकी सजा दुकानदारों को भुगतनी पड़ती है। व्यापारियों की मांग थी कि आसपास की कॉलोनियों की सिक्योरिटी बढ़ाई जानी चाहिए, व उत्पात करने वाले छात्रों को चिन्हित कर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने बीएचयू प्रशासन के मेन गेट और बीएचयू के हर गेट पर सीसी कैमरे लगाये जाने की भी डिमांड की। उन्होंने मांग कि हर हॉस्टल में एक रजिस्टर रखकर उसमें यूनिवर्सिटी में आने-जाने वाले हर छात्र की ओर से बाहर जाने की वजह क्लीयर लिखी जाये व बीएचयू प्रशासन, पुलिस प्रशासन व व्यापारियों की एक कमेटी बने ताकि उपद्रवी छात्रों पर लगाम लगाने की प्लैनिंग हो सके। घंटों चले इस प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर आनंद चौधरी रविदास गेट पहुंचे और उन्होंने व्यापारियों से दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ब्8 घंटे का वक्त मांगा। इसके बाद व्यापारियों का विरोध प्रदर्शन समाप्त हुआ। इसमें मुख्य रुप से शनि सेठ, संदीप चौधरी, अनिल यादव, सत्यप्रकाश सोनकर, भरत जायसवाल सहित कई अन्य लोग मौजूद थे।

'अरे बच्चे हैं भाई'

व्यापारियों की ओर से किये गए प्रदर्शन के बाद भी किसी छात्र की गिरफ्तारी न होने पर जब एसओ लंका विनोद यादव से उत्पाती छात्रों के बाबत कार्रवाई के बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि अभी तो कोई गिरफ्तारी नहीं है लेकिन क्या करेंगे भाई साहब बच्चे हैं गलती कर बैठे। यह विडंबना है कि जिस पुलिस प्रशासन को उत्पाती छात्रों ने चुनौती दी पुलिस उनके खिलाफ एक्शन लेने की बजाय ऐसा कह रही है।