हर साल झेलते हैं लाखों का नुकसान

- खैर नगर और घंटाघर में बरसात से परेशान हो जाते हैं लोग

- बरसात के पानी भरने से होता है लाखों रुपए का नुकसान

Meerut: रात में दुकान का शटर बंद कर व्यापारी घर के दरवाजे पर अभी पहुंच भी न पाए थे कि बादलों की गड़गड़ाहट के साथ तेज बारिश शुरू हो गई। व्यापारी और उसके परिवार ने दुकान की दौड़ लगा दी। तब तक मौके पर पहुंचे दुकान में पानी भर चुका था। आनन-फानन में शटर खोलकर दुकान से पानी बाहर निकालना शुरू किया। सड़क के पानी का दबाव बढ़ रहा था तो वहीं दुकान में रखे माल को सुरक्षित जगह पर पहुंचाना मुश्किल हो गया था। लाखों का नुकसान आंख के सामने ही हो गया। एक बार फिर शहर के प्रमुख दवा बाजार खैर नगर के कारोबारियों को मानसून डरा रहा है। अभी बीती साल ही बरसात का पानी दुकान में घुस आया था, जिससे लाखों रुपए की दवा बर्बाद हो गई थी। एक बच्चे की मौत भी हुई थी। जिसके बाद जमकर हंगामा हुआ, लेकिन नतीजा सिफर रहा। मानसून फिर सिर पर है और दवा कारोबारियों की धड़कनें फिर तेज हो गई हैं।

खैर नगर मार्केट

खैर नगर दवाई का सबसे बड़ा मार्केट है। यहां से पूरे वेस्ट यूपी में दवाई की सप्लाई होती है। इस मार्केट में सैकड़ों दुकानें हैं। यहां थोड़ी सी बारिश से जबरदस्त जलभराव हो जाता है। सड़क पर घुटनों तक पानी आ जाता है। बरसात का यह पानी दुकानों में घुस जाता है। बरसात में कई घटनाएं भी इस मार्केट में हो चुकी हैं। व्यापारियों की मानें तो यहां बरसात के पानी से हर साल लाखों रुपए का नुकसान होता है। दवा व्यापारी रजनीश कौशल का कहना है कि जब भी बारिश अधिक होती है तो दुकानों में भरे पानी से लाखों रुपए की दवाइयां बर्बाद हो जाती हैं।

इनका हुआ लाखों का नुकसान

दो साल पहले खैर नगर मार्केट में मौजूद शर्मा डायग्नोस्टिक सेंटर में पानी भर गया था, जिसके चलते इनका दस लाख रुपए से अधिक का नुकसान हुआ था। वहीं पास में मौजूद फुटवेयर व्यापारी सलीम की अंबर शूज शॉप में पानी भरने से लाखों का नुकसान हुआ था। इनके पास में ही मौजूद प्रिंस शू शॉप प्रेमचंद डब्बू की है, जिसमें पानी भरने से कई लाख रुपए का नुकसान हुआ था। शर्मा डायग्नोस्टिक वालों ने तो बारिश के पानी से बचने के लिए दीवार भी खड़ी करवा ली, जिससे बचाव तो हुई, लेकिन बाकी व्यापारी आज भी परेशान हैं।

बच्चे की हो गई थी मौत

इसी मार्केट में एक मासूम बच्चा बारिश से बचने के लिए मार्केट में मौजूद एटीएम में घुसा था कि पानी एटीएम में आ गया, जिसमें एटीएम से करंट उतरा और बच्चे की मौत हो गई। इसको लेकर काफी हंगामा हुआ था। यहां से एटीएम तो हटवा दिया गया लेकिन जलभराव की स्थिति आज भी ऐसी ही है। जिसमें स्थिति काफी चिंताजनक है। हालत ये है कि आज तक यहां जलभराव से छुटकारा नहीं मिल पाया है, जिससे व्यापारियों को लगातार नुकसान झेलना पड़ रहा है।

चोक पड़ी हैं नालिया

खैर नगर मार्केट में जलभराव की समस्या से नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है। व्यापारी इस जलभराव से मुक्ति के लिए कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। यहां नालियां चोक हैं। जिनको अगर साफ भी किया जाता है तो नगर निगम वाले उस सिल्ट को साफ नहीं करते। जो दुबारा नालियों में चला जाता है। मार्केट में सड़क पर इंटरलॉकिंग की गई थी। जिसके चलते मार्केट की दुकानें नीची पड़ गई। पानी की सही निकासी नहीं होने के कारण यहां बरसात का सारा पानी सड़क से दुकानों में आ जाता है।

घंटाघर इलाका

घंटाघर इलाके के आसपास अच्छी खासी मार्केट है। लोगों का आवागमन यहां से बहुत अधिक होता है। नगर निगम का ऑफिस भी पास में ही है। एसपी सिटी का ऑफिस घंटाघर चौराहे के एकदम सामने है, लेकिन यहां आज तक जलभराव की समस्या का समाधान नहीं हो पाया। थोड़ी सी बारिश हुई नहीं कि सड़क पर पानी भर जाता है। लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। पास में नाला होने के बावजूद यहां जल निकासी की व्यवस्था नहीं है। चंद कदम की दूरी पर मौजूद नगर निगम ऑफिस का भी बुरा हाल होता है। जहां जलभराव जमकर होता है।

सब कुछ फेल

नगर निगम का ऑफिस पास में होने के बावजूद यहां जल भराव सबसे अधिक होता है। घंटाघर से लेकर नगर निगम ऑफिस, घंटाघर चौराहे तक और छतरी वाले पीर व लाला के बाजार तक जबरदस्त जलभराव होता है। मानसून आते ही यहां बरसात का पानी इतना भर जाता है कि लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। गाडि़यां भी इस पानी में बंद हो जाती हैं।

बरसात के मौसम में तो खैर नगर मार्केट का बुरा हाल होता है। यहां बरसात का पानी दुकानों में भर जाता है। कई बार हादसे भी हो चुके हैं, लेकिन नगर निगम कुछ नहीं करता।

- रजनीश कौशल, व्यापारी

खैर नगर और घंटाघर इलाके की स्थिति बरसात में बदतर हो जाती है। यहां पानी की निकासी सही नहीं है। सड़क पर जबरदस्त जलभराव होता है। जिसको लेकर नगर निगम और प्रशासन कुछ नहीं करते।

- संजय अरोड़ा, व्यापारी

हमने कई बार जलभराव की समस्या को लेकर नगर निगम और प्रशासन को लेटर लिखे हैं। इसके बावजूद यहां जल निकासी की सही व्यवस्था नहीं है। नालियां चोक रहती हैं और नालों में सिल्ट जमी रहती है।

- आशीष, व्यापारी

खैर नगर और घंटाघर इलाके में थोड़ी सी बरसात में ही इतना पानी भर जाता है कि लोगों का निकलना मुश्किल हो जाता है। मानसून से पहले ही लोगों को डर लगने लगा है कि व्यवस्था कैसे होगी।

- अनुज बिंदल, व्यापारी

मानसून आते ही बाजार में जलभराव की चिंता सताने लगती है। दुकानों में पानी पहुंच जाता है। इस दौरान व्यापार भी कम होता है। नगर निगम को हम कई बार लिखकर दे चुके हैं कि जलभराव से मुक्ति दिलाई जाए।

- सुनील आनंद, व्यापारी

बाजार में बरसात के दौरान जलभराव होने से लोगों का आवागमन कम हो जाता है। दुकान में पानी चले जाने के कारण दुकानदार भी परेशान रहते हैं। जल निकासी की व्यवस्था एकदम ठप है।

- अनिल कपूर, व्यापारी

बरसात होते ही यहां घुटनों तक पानी भर जाता है। गाडि़यां बीच में ही बंद हो जाती हैं। नगर निगम और प्रशासन को बार-बार लिखकर दिया जाता है। कई बार घटनाएं भी हो चुकी हैं।

- संजीव शर्मा, व्यापारी

बरसात आने से पहले ही दुकानदारों में चिंता का माहौल बन जाता है। बारिश का पानी सड़कों पर और दुकानों में भर जाता है। जिसकी निकासी का इंतजाम सही नहीं हैं। ऐसे में परेशान बाजार के लोगों को होना पड़ता है।

- राजा, व्यापारी