- एफडीए कर्मचारियों के रवैए से नाराज व्यापारियों ने दिया धरना

-अधिकारियों पर सैंपलिंग के बहाने उत्पीड़न करने का आरोप

- व्यापारियों ने एफडीए कमिश्नर से मुलाकात, बताई परेशानी

Meerut : सिटी में खाद्य पदार्थो की सैंपलिंग को लेकर इतना बड़ा बखेड़ा खड़ा हो गया कि संयुक्त व्यापार संघ को दिल्ली रोड जाम करना पड़ गया। प्रदेश भर में हो रही सैंपलिंग के दौरान मेरठ पहला शहर है, जहां व्यापारियों ने खासा विरोध किया। मामला फूड एंड ड्रग अथॉरिटी के कमिश्नर के पास पहुंचा और व्यापारियों से मुलाकात कर मामले को शांत कराया। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर व्यापारी इतने क्यों नाराज हो गए कि उन्हें दिल्ली रोड पर धरना देकर ट्रैफिक जाम लगाना पड़ा।

चार टीमें और भारी फोर्स

पूरी सिटी से सैंपलिंग करने को फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट द्वारा सात टीमें बनाई गई थी। दिन की शुरुआत चार टीमों के साथ केसरगंज मंडी से करनी थी। चारों टीमें करीब क्ख् बजे मंडी पहुंची। साथ में चारों टीमों के मजिस्ट्रेट और भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी थी। टीम में बाहर से आए एफएसओ के अलावा लोकल एफएसओ भी थे। जैसे ही टीम केसर मंडी पहुंची तो व्यापारियों का टीम को देखकर विरोध शुरू हो गया।

आखिर विरोध क्यों?

टीम ने सबसे पहले मंडी के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता की दुकान का सैंपल लिया। उसके बाद टीम के अन्य लोग बाबूराम राजकुमार की दुकान पर गए। वहीं से मामला बिगड़ना शुरू हो गया। वास्तव में व्यापारियों में इस बात का विरोध किया जब क्फ् दिसंबर को सैंपलिंग हो चुकी है और उसका रिजल्ट अभी तक हाथों में नहीं आया है तो ये सैंपलिंग क्यों की जा रही है? दूसरा विरोध क्फ् दिसंबर को जो एफएसओ दुकान पर सैंपल भरने के लिए आया था वो ही दोबारा से उसी दुकान पर सैंपलिंग को पहुंचा। व्यापारियों ने आरोप लगाया कि वो ही अधिकारी उसी दुकान पर व्यापारी को परेशान करने के लिहाज से सैंपलिंग के पहुंचा था। जबकि डिपार्टमेंट के कमिश्नर के खास इंस्ट्रक्शन थे कि जिन लोगों की सैंपलिंग हो चुकी है उनकी सैंपलिंग न ली जाए। मामला बढ़ता देख पुलिस भी मौके पर पहुंची और संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता और सभी पदाधिकारी पहुंच गए।

पुलिस से झड़प

व्यापारियों ने टीम के मेंबर्स को बंधक बना लिया और बाहर की ओर जाने नहीं दिया। इतने में पुलिस पहुंची और संयुक्त व्यापार संघ और बाकी व्यापारियों से बात करने में जुट गए। बहस इतनी ज्यादा बढ़ गई कि एएसपी अभिषेक सिंह और नवीन गुप्ता झड़प हो गई। व्यापारियों की एकजुटता से पुलिस के पसीने छूट गए। सभी व्यापारी दिल्ली रोड पर आ गए।

धरना और ट्रैफिक जाम

पूरा संयुक्त व्यापार संघ दिल्ली रोड पर बीचोबीच बैठ गया और धरना देना शुरू कर दिया। करीब डेढ़ घंटे के धरने पर बैठे हुए व्यापारियों ने दिल्ली रोड पर जाम की स्थिति पैदा कर दी। घंटाघर, जलीकोठी, रोडवेज और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस एक ओर जली कोठी से रूट को डायवर्ट करना शुरू किया। वहीं दूसरी ओर से घंटाघर चौराहे से ट्रैफिक को रेलवे रोड की ओर रूट डायवर्ट करना शुरू कर दिया। पुलिस के बाकी अधिकारियों की ओर से व्यापारियों को धरने से उठाने की बाकी कोशिशें नाकाम साबित हो गई। विरोध करने वालों में संघ उपाध्यक्ष कमल ठाकुर, मंत्री गजेंद्र शर्मा, संदीप गोयल रेवड़ी, सरदार दलजीत सिंह, राजनीश कौशल, अंकुर गोयल, गौरव शर्मा आदि कई व्यापारी मौजूद रहे।

एसपी और एडीएम सिटी ने धरना उठवाया

करीब ढाई बजे एसपी सिटी ओमप्रकाश और एडीएम सिटी एके दुबे मौके पर पहुंचे और धरने से उठने और लॉ एंड ऑर्डर कायम रखने को कहा। काफी देर तक व्यापारियों द्वारा न मानने पर डिपार्टमेंट के कमिश्नर से मिलवाने की बात कही तो व्यापारियों ने दिल्ली रोड से उठने का फैसला किया, जिसके बाद व्यापारी करीब साड़े तीन बजे व्यापारियों के दल बल के साथ सर्किट हाउस डिपार्टमेंट के कमिश्नर बादल सिंह और डीआईजी डीपी श्रीवास्तव के पास पहुंचे।

व्यापारियों ने लगाए आरोप

- जिन दुकानों पर सैंपलिंग हो चुकी है उन दुकानों की सैंपलिंग क्यों?

- अगर सैंपलिंग हो भी रही है तो वो ही अधिकारी सैंपल क्यों ले रहा है?

- सैंपलिंग के बहाने व्यापारियों के साथ मानसिक प्रताड़ना क्यों?

- सैंपल लेने के बाद फॉर्म-भ् क्यों नहीं दे रहे हैं एफएसओ?

- सैंपल लेने के लिए भारी संख्या में फोर्स की क्या जरुरत?

- दूध और मावे का सैंपल क्यों नहीं लिया जा रहा है?

- मेरठ के जहरीले पानी की सैंपलिंग क्यों नहीं हो रही है?

कमिश्नर और डीआईजी के तर्क

- अगर व्यापारी सही हैं तो सैंपलिंग कराने हर्ज नहीं होना चाहिए।

- एक्ट में कहीं नहीं लिखा कि एक बार सैंपलिंग हो गई तो दोबारा सैंपलिंग नहीं हो सकती।

- लॉ एंड ऑर्डर के लिए भेजी जाती है पुलिस और मजिस्ट्रेट की टीम।

वर्जन

ये प्रदेश स्तरीय अभियान हैं। शासन के ऑर्डर के बाद ही शुरू हुआ है। मैंने पहले ही ब्रीफ कर दिया था कि जिन दुकानों पर पहले सैंपलिंग हो चुकी है उनकी सैंपलिंग न हो। ऐसा हो सकता है कि कोई एफएसओ चला गया हो। मैं एफएसओ बात कर पूरे मामले को चेक करूंगा।

- बादल चटर्जी, कमिश्नर, फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट

टीम के साथ पुलिस और मजिस्ट्रेट लॉ एंड ऑर्डर मेंटेन करने के लिए भेजी जाती है। सोसायटी में व्यापारियों के वेष में अराजक तत्व भी मौजूद हैं जो लोगों को जहर परोसने का काम कर रहे हैं।

- डीपी श्रीवास्तव, डीआईजी, फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट

हम सैंपलिंग का विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन अधिकारियों का तरीका है वो काफी गलत है। व्यापारियों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है। जिन लोगों की सैंपलिंग हो चुकी है उनका सैंपल लेने का कोई तुक नहीं है। ऊपर से पुलिस का बिहेवियर भी ठीक नहीं रहा।

- नवीन गुप्ता, अध्यक्ष, संयुक्त व्यापार संघ

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म्भ् दुकानों में से चार तेल की दुकानें

अगर बात केसर गंज मंडी की करें तो मेरठ मरचेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता ने बताया कि यहां टोटल म्भ् दुकानें हैं। जिनमें से भ्0 दुकानें कैटल फीड की हैं। क्0 दुकानों में चीनी का व्यापार होता है। वहीं भ् दुकानें फूड ऑयल की हैं।

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पेस्ट्री में क्रीम नहीं एसिड

कमिश्नर से मिलने आए व्यापारियों को सहायक कमिश्नर विजय बहादुर सिंह ने बताया जो मार्केट में पेस्ट्री मिल रही है उसमें डेयरी मिल्क नहीं होता है। उस क्रीम में ट्रांस फैटी एसिड मिक्स किया जाता है। लोगों के अंदर कॉलेस्ट्रोल की मात्रा को बढ़ाता है। हार्ट पेशेंट के लिए ये जानलेवा साबित होती है।

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मेक्डोनाल्ड और बिकानेर की सैंपलिंग क्यों नहीं?

व्यापारियों ने आवाज उठाई कि सिर्फ आम दुकानों पर छापे मारने से कुछ हासिल नहीं होगा। डिपार्टमेंट बिकानेर और मैक्डोनाल्ड जैसी दुकानों पर छापे या सैंपलिंग क्यों नहीं होती है? सहायक कमिश्नर विजय बहादुर सिंह ने बताया कि ऐसा नहीं बाकी शहरों में बड़ी और नामी शॉप की भी सैंपलिंग ली गई है।