- एंक्रोचमेंट की वजह से अस्पतालों तक पहुंचने में एंबुलेंस और पेशेंट दोनों को हो रही है प्रॉब्लम

- पीएमसीएच, एनएमसीएच सहित तमाम मेडिकल हॉस्पीटल में एक जैसी हालत

PATNA : ट्रैफिक और एंक्रोचमेंट की फिक्र यूं तो हर किसी को है, लेकिन यह प्राब्लम नर्सिग होम चलाने वालों से लेकर एम्स के डायरेक्टर तक को भी है। पीएमसी की एलुमिनाई मीट में आए एम्स के डायरेक्टर डॉ। जीके सिंह ने कहा कि हॉस्पीटल तक पहुंचने का रास्ता संकरा नहीं बल्कि स्पेसियस होना चाहिए, सड़कें चौड़ी होंगी तो पेशेंट को कम से कम समय में बिना ट्रैफिक में फंसे निकाला जा सकता है। उन्होंने बताया कि पीएमसीएच, एनएमसीएच, आईजीआईएमएस, गुरु गोविंद सिंह हॉस्पीटल सहित तमाम छोटे-बड़े हॉस्पीटल एंक्रोचमेंट की शिकार है। इस वजह से एंबुलेंस को पहुंचने में काफी समय लग जाता है।

हर दिन फंसा रहता है एंबुलेंस

पीएमसीएच के पास ट्रैफिक की भीड़ इतनी होती है कि वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। पीएमसीएच सहित तमाम हॉस्पीटल के आसपास ट्रैफिक दुरुस्त नहीं है। हालत तो यह है कि अशोक राजपथ पर हर दिन तीसरा एंबुलेंस जाम में फंसा रहता है। पीएमसीएच कैंपस में एंबुलेंस लगाने वाले राजीव वर्मा ने बताया कि पीएमसीएच तक पहुंच पाने में काफी मुसीबत होती है। कई बार एंबुलेंस में जान गयी है। क्योंकि कारगिल चौक से बीएन कॉलेज तक सड़क पर गाडि़यां जाम करती हैं। बीएन कॉलेज से चर्च तक स्कूली बस की वजह से जाम रहता है। चर्च से पीरबहोर तक रास्ता आसान रहता है, लेकिन बांकीपुर पोस्ट ऑफिस के बाद पीएमसीएच या आगे का सफर हॉर्न, ब्रेक और क्लच के सहारे चलता है।

प्राइवेट नर्सिग होम तक और भी मुश्किल

एक एंबुलेंस चालक से अगर पूछा जाए कि वो पेशेंट को कहां तक आसानी से छोड़ सकते हैं तो जवाब देगा पीएमसीएच। इसके आगे या अन्य प्राइवेट हॉस्पीटल में छोड़ने में काफी परेशानी आती है। क्योंकि नाला रोड, जीएम रोड, रमणा रोड, खजांची रोड या मखनियां कुंआ आप किधर भी जाइए जाम से होकर ही जाना पड़ता है। एंबुलेंस का मतलब कोई नहीं समझते हैं। मेन रोड पर जब इतनी मुश्किल है तो गलियों में बने नर्सिग होम तक पहुंचना कितनी परेशानी भरा होगा।

पटना सिटी एरिया में फंसे तो घूमते रह जाएंगे

अगर आप पटना सिटी एरिया के हॉस्पीटल में आते-जाते हैं तो फिर आपकी जान जाम में ही निकल जाएगी। क्योंकि जब तक आप जाम से होकर अस्पताल पहुंचते हैं तब तक मुश्किल और भी बढ़ जाती है। ओवर ब्रिज होकर आप आसानी से गेट में इन कर सकते हैं, लेकिन ओवर ब्रिज के नीचे से होकर जाने में परेशानी और भी बढ़ जाती है। वहीं गुरु गोविंद अस्पताल की हालत और भी खराब है। क्योंकि यहां तक पहुंचने में परेशानी दुगुनी बढ़ जाती है।

बीमार हो जाएंगे डॉक्टर तो इलाज क्या करेंगे

एम्स के डायरेक्टर डॉ। जीके सिंह ने खुद जब इस अस्पताल का विजिट किया था तो कहा था कि यहां तक स्टूडेंट को पहुंचने में ही बीमारी हो जाएगी। वो इलाज और पढ़ाई क्या करेंगे। दूसरी ओर ट्रैफिक प्राब्लम को सुधारने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट की ओर कुछ खास पहल नहीं की गई है। सिर्फ पीएमसीएच गेट के सामने वन वे कर दिया है। इससे परेशानी थोड़ी कम हुई है।