सदर बाजार में बेरोक-टोक जारी है ई-रिक्शा का संचालन

पैदल चलने वालो को हो रही सबसे ज्यादा परेशानी

अभी तक फाइलों में ही है रोबोटिक पार्किग

Meerut। त्योहारी सीजन शुरू होते ही आबूलेन व सदर बाजार में लगने वाले जाम से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने अभी तक कोई कार्ययोजना नहीं बनाई है। बाजारों में जाम से जनता जूझ रही है और ट्रैफिक पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी है। नतीजतन, हर रोज यहां भीषण जाम लग रहा है। गुरुवार को भी यही स्थिति बनी रही। आबूलेन और सदर बाजार में दिनभर रुक-रुककर जाम लगता रहा। सैकड़ों वाहन चालक जाम में फंसकर बेहाल होते रहे। सदर के शिवचौक और आबूलेन के फव्वारा चौक से पुलिस नदारद दिखी।

सदर में ई-रिक्शा से जाम

दिनभर आबूलेन और सदर बाजार में ट्रैफिक की अव्यवस्था देखी जा सकती है। इसकी वजह बेतरतीब तरीके से संचालित ई-रिक्शे और ऑटो हैं। सदर के शिवचौक से सदर जाने वाले एंट्री प्वाइंट पर यूं तो बेरिकैडिंग लगी है, लेकिन थोड़ा आगे से साइड रोड के जरिए ई-रिक्शा लेकर चालक सदर बाजार में प्रवेश कर जाते हैं। इससे सदर में भीषण जाम की स्थिति बन जाती है।

नो पार्किग मेंवाहन

आबूलेन पर सड़क के बीच में डिवाइडर बने होने के बावजूद लोग दोनों साइड आड़े-तिरहे वाहन खड़े करके शॉपिंग करने चले जाते हैं। इससे सड़क पर आने-जाने वाले लोगों का निकलना दूभर हो जाता है। गुरुवार को आबूलेन मार्ग पर पहले से खड़े वाहनों की वजह से चंद मिनटों में ही जाम लग गया और लोग उसमें घंटों फंसे रहे।

लगाई गई थी रोक

पिछलों दिनों कैंट बोर्ड द्वारा सदर व आबूलेन में ई-रिक्शा व फोर व्हीलर की एंट्री पर रोक लगा दी गई थी। इससे बाजार में शॉपिंग के लिए आने वाले ग्राहकों और दुकानदरों को काफी आराम हो गया था। परंतु कुछ समय बाद ही व्यवस्था बिगड़ गई और बाजारों में ई-रिक्शा व चौपाहिया वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई।

फाइलों में ही रोबोटिक पार्किग

पिछले दिनों कैंट बोर्ड द्वारा आबूलेन व बांबे बाजार के नजदीक रोबोटिक पार्किंग बनाने की बात चल रही थी। जिसको लेकर कई कंपनियों से पीपीटी भी मांगी गई थी मगर मामला आगे नहीं बढ़ सका।

हमारी तरफ से पहले से ही बैरिकैडिंग करके बाजार में ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू किया गया है। त्योहारी सीजन में बाजारों में भीड़ बढ़ जाती है तो ऐसे में पुलिस को भी थोड़ा सहयोग करना चाहिए, ताकि व्यवस्था न बिगड़े।

अनुज सिंह, सीईई, कैंट बोर्ड

आबूलेन पर आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। इस कारण पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।

जसविंद्रर सिंह

सदर बाजार में छोटी-छोटी गालियों में गाड़ी और ई-रिक्शा आने के कारण बहुत परेशानी होती है। कैंट बोर्ड व पुलिस दोनों को व्यवस्था बनानी चाहिए।

अरशद

कुछ दिन बाजारों में चेकिंग अभियान चलाकर अतिक्रमण, ई-रिक्शा और चौपहिया वाहनों पर सख्ती की जाती है। परंतु कुछ समय बाद सब पहले जैसा ही हो जाता है।

कश शर्मा