परेशान होने लगते हैं

लोगों का जो वक्त जाम में गुजरता है, उनके लिए वो समय यूजलेस होता है और उस समय का वो किसी भी तरह यूटिलाइज नहीं कर सकते हैं। इसलिए लोग जाम में फंसने के बाद परेशान होने लगते हैं। जब भी ट्रैफिक रुकता है तो लॉग लेन में लगने वाले लोग ज्यादा होते हैं। मगर कुछ लोग रोंग साइड से जल्दी निकल जाते हैं। अगली बार जब वो उस सड़क से गुजरते हैं तो रांग साइड आने की कोशिश करते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि वो जल्दी इस जाम से निकल जाएं।

उपद्रव की शक्ल में

जाम में फंसे लोग जब ज्यादा देर तक एक ही जगह पर रहते हैं तो उनका दिमाग तीन तरह से चेंज होता है।

-इरिटेशन और फ्रस्टेशन वो पहली कंडीशन है जो जाम में फंसे हर व्यक्ति के सामने आती है।

-एग्रेशन वो दूसरी स्थिति है जब जाम से जूझ रहे लोगों का सब्र जवाब देने लगता है और वो गुस्से में आने लगते हैं।

-रोड रेज वो तीसरी कंडीशन है जो इरिटेशन और फ्रस्टेशन से होते हुए एग्रेशन को भी क्रॉस कर जाती है। इसकी वजह से लोग आस-पास के लोगों को नुकसान पहुंचाने लगते हैं।

एंजायटी हो सकती है

जब आप रोज जाम का सामना करते हैं तो आपका माइंड सेट भी ऐसा ही हो जाता है। कुछ लोग इस जाम को रोज की आदत समझकर चुप रहते हैं तो कुछ लोग उसे प्रकट भी करते हैं। एंजायटी की कंडीशन तब सामने आती है जब आपके लिए टाइम की बाउंडेशन हो। आपको किसी जरूरी काम पर जाना है और आप जाम में फंसे हैं तो ये कंडीशन इंसान को एंजायटी की तरफ ले जाती है।

हमेशा रखें ख्याल

-अगर कुछ खास जगहों पर आपको रोज ही जाम का सामना करना पड़ता है तो अपने टाइम को उसी तरह मैनेज करें और थोड़ा जल्दी घर से निकलें।

-रोंग साइड से निकलने की बजाय थोड़ा सा सब्र रखें वरना वो जाम और जटिल हो जाएगा।

-इस बात को ध्यान रखें कि गुस्से से किसी का भला नहीं होता। हो सकता है कि आप गुस्से में कुछ ऐसा काम कर दें जिसका आपको हमेशा पछतावा रहे।

-अगर आप झगड़ा करते हैं तो काफी देर तक आप भी स्ट्रेट की कंडीशन में रहेंगे।

-दूसरों के साथ आपका बुरा बरताव पूरे दिन आपका मूड ऑफ कर देगा।