- बेमियादी हड़ताल पर गए ट्रांसपोर्टर्स ने शनिवार को हाईवे पर लगाया भीषण जाम

- ट्रकों को रोक ड्राइवर्स से अभद्रता, मारपीट, धमकी देकर गाड़ी की चाबियां छीनीं

- बर्रा बाईपास पर घंटो चला हंगामा, कई किलोमीटर लंबे जाम में फंसे हजारों लोग

KANPUR: अपनी मांगो को लेकर बेमियादी हड़ताल करने वाले ट्रंासपोर्टर्स दूसरे दिन अराजकता पर उतर आए। शनिवार को ट्रांसपोर्टर्स ने नेशनल हाईवे जाम कर दिया। कई किलोमीटर लंबे जाम में हजारों लोग घंटों फंसे रहे। ट्रांसपोर्ट मालिकों ने हाईवे से गुजर रहे ट्रकों को रोककर ड्राइवरों से मारपीट और अभद्रता की। उन्हें धमकाते हुए जबरन गाड़ी की चाबी छीन ली। इस दौरान ट्रांसपोर्टर्स की पुलिस और ट्रक ड्राइवरों से भी झड़प हुई। पुलिस को स्थिति संभालने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। चाबी निकालने से बीच रोड पर खड़ी गाडि़यों को पुलिस ने खुद धक्का देकर किनारे किया। वहीं ट्रकों का चक्का जाम होने का असर शहर में दिखने लगा है। कई चीजों की कीमत पर अस पड़ा है जबकि ट्रांसपोर्ट नगर में माल की लोडिंग अनलोडिंग ठप होने से सैकड़ों पल्लेदार और दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया।

चाभियां निकाली, ट्रक ड्राइवरों से भिड़े

ट्रंासपोर्टर्स के चक्काजाम के दूसरे दिन ट्रकों की रफ्तार रोकने को ट्रांसपोर्ट संगठनों से जुड़े पदाधिकारी व लोग बर्रा बाईपास पर पहुंचे। यहां पर फ्लाईओवर से गुजर रहे ट्रकों को रोकना शुरू किया गया और कई ट्रकों में चढ़ कर उसकी चाभियां भी निकाल ली गई। धीमे धीमे हाईवे पर वाहनों की भीड़ लगती गई। हंगामे के बीच दूसरे ट्रकों के ड्राइवर भी जुटने लगे। इस दौरान नेशनल हाईवे जाम करने की सूचना पर बर्रा थाने की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और ट्रांसपोर्टर्स को समझाने का प्रयास किया। ट्रांसपोर्टर्स नहीं माने तो पुलिस ने खुद ही धक्का लगवा कर ट्रकों को किनारे करवाया। ट्रक के कागज और चाबियां छीने जाने से ट्रक ड्राइवर भी भड़क गए और हंगामा करने लगे। बर्रा थाना प्रभारी संतोष सिंह ने बताया कि जिन ट्रकों की चाबियां और कागजात छीने हैं अगर उनके ड्राइवर तहरीर देते हैं तो रिपोर्ट दर्ज की जाएगी।

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बिल्डिंग मैटेरियल की किल्लत

ट्रांसपोर्टर्स के चक्काजाम का यूपी मौरंग गिट्टी ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन किया है। और शहर में जो रोज बालू, मौरंग व गिट्टी के ट्रक आते हैं। उनकी आवक पर इसका असर पड़ा है। बारिश की वजह से पहले ही मौरंग का खनन यूपी में बंद है। ऐसे में मौरंग की कीमतें पहले से ही बढ़ी हुई हैं। इधर सीपीसी मालगोदाम से भी सीमेंट की ढुलाई बंद पड़ी है और सतना, कटनी के सीमेंट प्लांटों में लगे सैकड़ों ट्रकों के पहिए भी चक्काजाम की वजह से थमे हुए हैं। ऐसे में अगर ज्यादा दिन तक यह चक्काजाम चलता है तो बिल्डिंग मैटेरियल की कमी होगी और इसका सीधा असर इसकी कीमतों पर भी पड़ेगा।

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फैक्ट फाइल-

- 3000 से ज्यादा छोटे-बड़े ट्रांसपोटर्स पूरे शहर में

- 1200 बड़े ट्रांसपोटर्स सिर्फ टीपी नगर में ही करते हैं व्यवसाय

- 25 से 30 करोड़ का रोज का है शहर में ट्रांसपोर्ट का कारोबार

- कलक्टरगंज, फजलगंज, बाईपास, पनकी पड़ाव,जीटी रोड के ट्रांसपोटर्स मिला कर 3000 से ज्यादा छोटे बड़े ट्रांसपोटर्स

- 3 हजार से 3500 ट्रकों की प्रतिदिन टीपी नगर में ही इंट्री

- 25 हजार से ज्यादा ट्रकों का डेली सिटी से परिचालन

- 3 लाख से ज्यादा ड्राइवर, क्लीनर, पल्लेदार और कर्मी बिजनेस से जुड़े

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चक्का जाम का यहां पर असर

- सीमेंट, मौरंग और गिट्टी की सप्लाई पर खासा असर

- सीपीसी मॉल गोदाम से उठने वाले माल की ढुलाई ठप

-इंडस्ट्रीयल एरिया में फैक्ट्रियों में माल सप्लाई पर असर

-टीपी नगर में रोजाना आने वाले माल की आवक पर असर

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इतने ट्रकों की आवक-

50 ट्रक कपड़ा, 50 ट्रक किनारा व मसाला, 100 ट्रक एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, 10 ट्रक दवा, 20 ट्रक साबुन व डिटरजेंट, 40 ट्रक इलेक्ट्रानिक उत्पाद, 20 ट्रक मशीनरी, इंजीनियरिंग टूल्स, 30 ट्रक शराब और बियर, 500 ट्रक अलग अलग उत्पादों के लिए रॉ मैटेरियल

इंडस्ट्रीयल एरिया पर असर-

- पेंट व दूसरे सामान तैयार माल की सप्लाई रुकी

- कोल्ड स्टोरेज से आलू व प्याज की सप्लाई पर असर

- दालों व गल्ले के अन्य सामान की सप्लाई पर असर

- लोहे उत्पादों स्टील, सरिया से जुड़ी इंडस्ट्री, सेल वेयरहाउस से स्टील की सप्लाई पर असर

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