- दून में जरूरत से आधी भी नहीं है ट्रैफिक पुलिस की टीम

- राजधानी में सिर्फ एक एसआई है ट्रैफिक का तैनात

- 258 जवानों की टीम में 132 होमगा‌र्ड्स भी हैं शामिल

- रोजाना 3 लाख से ज्यादा वाहन दौड़ते हैं दून की सड़कों पर

DEHRADUN: दून में रोजाना फ् लाख से ज्यादा वाहन सड़कों पर दौड़ते हैं और इन्हें कंट्रोल करने के लिए दून में महज ढाई सौ ट्रैफिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनमें भी क्फ्ख् तो होमगा‌र्ड्स ही हैं। हिसाब लगाया जाए तो ट्रैफिक का एक जवान रोज करीब सवा हजार वाहनों की निगरानी करता है। दून में जिस हिसाब से वाहनों की संख्या बढ़ी है उस हिसाब से ट्रैफिक पुलिस के जवानों की संख्या नहीं बढ़ाई गई। आश्चर्य की बात तो यह है कि दून में ट्रैफिक पुलिस का सिर्फ एक एसआई तैनात है।

ख्भ्8 जवानों में से क्फ्ख् होमगा‌र्ड्स

दून में आए दिन जाम की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है। सड़कों पर घंटों जाम लगता है ऐसे में अक्सर एसपी ट्रैफिक के कार्यालय में तैनात जवानों को भी सड़कों पर उतरना पड़ता है। शहर में ट्रैफिक का काफी प्रेशर है। ऊपर से सिर्फ ख्भ्8 ट्रैफिक कर्मियों के हवाले पूरा ट्रैफिक है। इन ख्भ्8 जवानों में भी क्फ्ख् होमगा‌र्ड्स हैं।

दून में ट्रैफिक का सिर्फ एक एसआई

सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि सूबे की राजधानी दून में ट्रैफिक पुलिस का सिर्फ एक सब इंस्पेक्टर है। ख्008-09 में दून में ट्रैफिक पुलिस के क्ब् सब इंस्पेक्टर तैनात थे। जाहिर है ट्रैफिक व्यवस्था यहां किस तरह से संभाली जा रही होगी।

आउटर रूट्स में ट्रैफिक पुलिस नहीं

दून के आउटर रूट्स में भी अब जाम की समस्या गहराने लगी है, लेकिन आउटर रूट्स पर ट्रैफिक पुलिस की टीम नहीं दिखती। ट्रैफिक पुलिस की कमी के चलते आउटर इलाकों में ट्रैफिक पुलिस के जवानों की ड्यूटी नहीं लगाई जाती। प्रेमनगर, सहसपुर, मोहकमपुर, डीआईटी, हरिद्वार बाईपास में कई जगह ट्रैफिक पुलिस की सख्त जरूरत है, लेकिन इन इलाकों में ट्रैफिक पुलिस का एक भी जवान नहीं दिखाई देता।

रोज दौड़ते हैं फ् लाख वाहन

एसपी ट्रैफिक धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया दून में हर रोज लगभग तीन लाख वाहनों की आवाजाही होती है। यात्रा और टूरिस्ट्स सीजन की बात करें तो दून से होकर गुजरने वाले वाहनों की संख्या 8 से 9 लाख तक रोजाना रहती है, ऐसे में ट्रैफिक को संभालना और भी मुश्किल हो जाता है।

ट्रैफिक व्यवस्था में इतना स्टाफ

ट्रैफिक इंस्पेक्टर- 0ब्

ट्रैफिक एसआई- 0क्

हेड कॉन्स्टेबल- 9फ्

कॉन्स्टेबल- क्ब्

पुरुष होमगार्ड- क्0फ्

महिला होमगार्ड- ख्9

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दून में ट्रैफिक का इतना प्रेशर है कि यहां अब गलियों में भी ट्रैफिक पुलिस की जरूरत महसूस होने लगी है। अगर ट्रैफिक पुलिस की टीम में भ्0 परसेंट का भी इजाफा हो जाए तो व्यवस्था पटरी पर आ सकती है।

- धीरेंद्र गुंज्याल, एसपी ट्रैफिक