-ट्रैफिक पुलिस को ड्रोन कैमरा खरीदने के लिए मिले 10 लाख रुपए

-अधिकारी ड्रोन कैमरे की जगह क्रेन खरीदने की मांगेंगे इजाजत

>BAREILLY: लोग रोड किनारे और नो पार्किंग जोन में व्हीकल खड़ी करने वालों की अब खैर नहीं है। क्योंकि बरेली टै्रफिक पुलिस अब क्रेन खरीदने की तैयारी में है। दरअसल, शासन ने ट्रैफिक सिस्टम को हाईटेक करने के लिए ड्रोन कैमरा और दूसरे सामान खरीदने के लिए 25 लाख रुपए दिए हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि उनके पास ऑल रेडी ड्रोन कैमरा है। ट्रैफिक को सुचारू बनाने के लिए एक अदद क्रेन की जरूरत है।

16 करोड़ रुपया प्रदेश में दिया गया

शासन ने प्रदेश में ट्रैफिक सिस्टम सुधारने के लिए 16,77,33,000 रुपए रकम जारी किया है। इसमें बरेली ट्रैफिक पुलिस को करीब 25 लाख रुपए मिले हैं। डीआईजी आशुतोष कुमार ने ट्रैफिक पुलिस को रकम और कौन सा सामान खरीदना है इसकी लिस्ट दे दी है। इसमें सबसे ज्यादा ड्रोन कैमरा खरीदने के लिए 10 लाख रुपए मिला है। जबकि टै्रफिक पुलिस के पास पहले से ही दो ड्रोन कैमरे हैं और पुलिस लाइन में भी एक ड्रोन कैमरा है।

रोड पर खड़ा करते हैं व्हीकल

बरेली में रोड किनारे व्हीकल खड़े रहते हैं। इसकी वजह से रोड पर जाम लगता रहता है। सिविल लाइंस एरिया, श्यामगंज, प्रेमनगर, कुतुबखाना, पीलीभीत बाइपास जैसे कई एरिया हैं जहां कार व बाइक सड़क पर खड़ी होती हैं। ट्रैफिक पुलिस सिर्फ इनका चालान ही कर पाती है। अब जब टै्रफिक पुलिस के पास क्रेन आ जाएगी तो इन वाहनों को क्रेन से उठाकर ले जाएगी और फिर चालान या अन्य कार्रवाई करेगी।

क्रेन हैं पर बेकार

बरेली ट्रैफिक पुलिस कई साल से अंडर लिफ्ट हाइड्रोलिक क्रेन का इंतजार कर रही है लेकिन क्रेन नहीं मिल रहा है। ट्रैफिक पुलिस के पास एक बड़ी क्रेन है लेकिन उससे गाडि़यां फंसाकर ही खींची जा सकती है। इससे गाडि़यों को नुकसान पहुंचने का खतरा होता है। यही नहीं पीलीभीत से कई वर्ष पहले एक छोटी क्रेन आई थी लेकिन वह एसआईएमटी में खड़ी रहती है। यही नहीं दोनों क्रेन के लिए ड्राइवर भी एक है इसलिए क्रेन का यूज ही नहीं हो पा रहा है।

ये सामान खरीदने को मिला बजट

1 ड्रोन कैमरा,

4 ब्रीद एनालाइजर विद प्रिंटर,

150 मोबाइल बैरियर,

100 फोलिज्म मोबाइल बैरियर,

250 डेलीनेटर,

250 बोलार्ड या ट्रैफिक कोन

-शासन से ट्रैफिक के लिए बजट मिला है। ट्रैफिक पुलिस को यदि क्रेन की जरूरत है तो ड्रोन की रकम को इसमें रिवर्ट कर दिया जाएगा।

आशुतोष कुमार, डीआईजी बरेली