RANCHI: राजधानी वैसे ही जाम से हलकान है। ऊपर से जो व्यवस्थाएं हैं, वो भी ध्वस्त हो जाएं तो क्या कहने। जी हां, राजधानी के ज्यादातर ट्रैफिक सिग्नल खराब हैं। इसे लेकर न तो विभाग गंभीर है और न ही ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने की कोशिश की जा रही है। सिटी के चौक-चौराहों पर थमा ट्रैफिक या तो अपनी मर्जी से चलता है या फि र कड़ी धूप में ड्यूटी पर तैनात ट्रैफिक सिपाही के इशारे का इंतजार करता है। नेशनल गेम्स के पहले वर्ष 2010 में शहर के 21 स्थानों पर तीन करोड़ रुपए से अधिक की लागत से ट्रैफिक लाइट लगाई गई थीं। मेंटनेंस के अभाव में इनमें से कई खराब हैं या कई जगह पर गलत सिग्नल बताती हैं। सिग्नल खराब होने की वजह से चौराहों पर जाम तो लग ही रहा है

लोगों को हो रही परेशानी

करोड़ों रुपए खर्च करके सिटी के ट्रैफिक सिस्टम को कंट्रोल करने के लिए चौक-चौराहों पर सिग्नल लगाए गए थे, मकसद था कि इससे सिटी का ट्रैफिक सिस्टम स्मूद बना रहेगा। पब्लिक को जाम से छुटकारा मिलेगा, ट्रैफिक पुलिस को भी राहत मिलेगी, लेकिन आज कल सबकुछ उल्टा हो रहा है। कहीं ट्रैफिकसिग्नल की लाइट काम नहीं कर रही है, तो कहीं ग्रीन और रेड सिग्नल लगातार जल रहा है। कहीं पीली बत्ती ही जलती रहती है। ऐसे में पब्लिक को भी समझ में नहीं आ रहा है कि वो रोड को कैसे क्रॉस करे। ऐसी कंडीशन में लोगों को पुलिस के हाथ के इशारे का इंतजार करना पड़ रहा है। सबसे खराब हालत तो उस समय होती है, जब ट्रैफिक पोस्ट पर ट्रैफिक पुलिस मौजूद ही नहीं होते हैं।

मंत्री के आदेश पर भी काम नहीं

सिटी के ट्रैफिक सिग्नल को दुरुस्त करने के लिए नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने 27 दिसंबर 2017 को नगर आयुक्त को चिट्ठी लिख थी, लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं हुआ है।

कहां-कहां लगे हैं ट्रैफिक सिग्नल

बूटी मोड़, खेलगांव, करमटोली, एसएसपी आवास के समीप, राजभवन के समीप, हॉट लिप्स चौक, रातू रोड न्यू मार्केट चौक, सहजानंद चौक, अरगोड़ा चौक, एचइसी गेट, बिरसा चौक, हीनू चौक, एजी मोड़, सुजाता चौक, सिरमटोली चौक, कांटाटोली चौक, रतन टॉकिज, सर्जना चौक, कचहरी चौक रेडियम रोड चौक , जेल चौक, लालपुर चौक।