फ्री मिनटों में होगी कटौती
ट्राई के चेयरमैन राहुल खुल्लर ने संकेत दिए हैं कि मोबाइल कॉल की दरों में सालाना 8 से 9 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है क्योंकि कंपनियां फ्री मिनट्स में कटौती करेंगी. अंग्रेजी अखबार 'इकोनॉमिक टाइम्स' में छपी खबर के मुताबिक खुल्लर ने बताया कि अभी एवरेज टैरिफ तो 1.2 रुपये प्रति मिनट है लेकिन इंडस्ट्री को सिर्फ 44-45 पैसे का ही रेट मिलता है. इसलिए यूजर्स को कॉल रेट्स में बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना चाहिए. हालांकि इसका उपभोक्ताओं को अहसास नहीं होगा क्योंकि टेलीकॉम ऑपरेटर्स फ्री मिनट्स और दूसरे ऑफर्स वापस ले रहे हैं.' इसका मतलब यह है कि सब्सक्राइबर्स के लिए फ्री एसएमएस और टॉकटाइम में कमी आ सकती है.

टैरिफ में बढ़ोत्तरी की उम्मीद नहीं
खुल्लर ने यह भी कहा कि अगर टेलीकॉम कंपनियां टैरिफ में बढ़ोतरी करती हैं तो इसका गलत मेसेज जाएगा. उन्होंने बताया, 'हमें हेडलाइन टैरिफ में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है. अगर ऐसा होता है तो अथॉरिटी इस मामले को देखेगी और वह अलग-अलग मामलों के आधार पर दखल दे सकती है.' खुल्लर ने कहा कि सरकार को हाई स्पीड एक्सेस वाले स्पेक्ट्रम कंपनियों के लिए जल्द खोलने चाहिए. उनका मानना है कि टेलीकॉम सेक्टर के मर्जिंग एंड एक्विजिशन (एम एंड ए) के नए नियम बहुत सख्त हैं और इनसे कंसॉलिडेशन का मकसद पूरा नहीं होगा. ट्राई ने टेलीकॉम कंपनियों की एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) की परिभाषा को लेकर संबद्ध पक्षों से राय मांगी है. समायोजित सकल आय के आधार पर ही सरकार कंपनियों से शुल्क वसूलती है. ट्राई ने एक बयान में यह जानकारी दी. ट्राई ने प्रतिक्रिया के लिये अंतिम तारीख एक सितंबर तथा जवाबी प्रतिक्रिया के लिये आठ सितंबर की तारीख तय की है.

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