-ट्रायल रन में दिल्ली से प्रयागराज जाते वक्त कानपुर सेंट्रल 22 मिनट की देरी से पहुंची, लौटते समय भी 17 मिनट लेट

-130 किमी। से ज्यादा स्पीड नहीं ले सकी ट्रेन-18, अलीगढ़ के पास ट्रैक पर ट्रैक्टर आने से 34 मिनट तक खड़ी रही ट्रेन

KANPUR: देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन-18 का सैटरडे को दिल्ली प्रयागराज के बीच ट्रायल रन किया गया। जिसमें ट्रेन को लेकर किए जा रहे कई दावों का दम निकल गया। 180 किमी प्रति घंटे की अधिकतम रफ्तार क्षमता वाली ट्रेन ट्रैक पर लोड के चलते 130 की स्पीड से आगे नहीं बढ़ पाई। वहीं ट्रायल रन में दिल्ली से प्रयागराज जाते वक्त कानपुर सेंट्रल 22 मिनट की देरी से पहुंची, दिल्ली जाते वक्त भी 17 मिनट लेट पहुंची।

देखने के लिए पहुंचे कानपुराइट्स

नई दिल्ली से प्रयागराज जाते समय ट्रेन कानपुर सेंट्रल पर भी रुकी। नई हाईटेक ट्रेन तड़के सेंट्रल पहुंची तब उसे देखने के लिए ज्यादा लोग नहीं थे। कानपुर सेंट्रल से चार लोको पायलट इस ट्रेन को आगे ले गए। हांलाकि नई दिल्ली से कानपुर सेंट्रल पहुंचने में ट्रेन को 4.35 घंटे का समय लगा। इस दौरान ट्रेन अपने तय समय से 22 मिनट की देरी से सेंट्रल स्टेशन पहुंची। वहीं शाम को प्रयागराज से नई दिल्ली के लिए रवाना हुई ट्रेन भी कानपुर सेंट्रल 17 मिनट की देरी से पहुंची। प्लेटफार्म-1 पर आई ट्रेन को देखने के लिए कानपुराइट्स खास तौर पर पहुंचे।

4.35 घंटे में पहुंची कानपुर

180 किलोमीटर प्रति घंटे तक की स्पीड पकड़ने में सक्षम ट्रेन-18 नई दिल्ली से कानपुर सेंट्रल 4.35 घंटे में पहुंची। इस दौरान ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 130 किमी प्रतिघंटा ही रही। रात 12.55 बजे नई दिल्ली स्टेशन से चल कर यह ट्रेन 1.22 बजे गाजियाबाद, 2.33 बजे अलीगढ़, 3.40 बजे टूंडला, 4.28 बजे इटावा और सुबह 5.40 बजे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पहुंची।

बॉक्स

अलीगढ़ के पास एक स्टेशन के नजदीक ट्रैक पर ट्रैक्टर आ जाने की वजह से ट्रेन को 34 मिनट रोकना भी पड़ा। वहीं प्रयागराज जंक्शन से कानपुर सेंट्रल यह ट्रेन शाम 16.15 बजे पहुंची। जोकि तय वक्त से 17 मिनट की लेट थी। मालूम हो कि भारतीय रेल बिना इंजन वाली इस गाड़ी को अपनी फ्लैगशिप ट्रेन के तौर पर विकसित कर रहा है। भविष्य में यह ट्रेन शताब्दी एक्सपे्रस का विकल्प भी बनेगी।

ट्रेन की खासियतें-

- कानपुर में निर्मित बोगी फ्रेम पर बनी देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन

- बेहतरीन एयरोडायनिक खूबियों के साथ 180 किमी की टॉप स्पीड

- पूरी तरह से एयरकंडीशंड, माडयूलर बायो वैक्यूम टायलेट, एलईडी लाइटिंग, घुमावदार ज्यादा आरामदायक सीटें

- मेमू ट्रेनों की तरह ही ट्रेन के दोनों तरफ लोको पायलट कंपार्टमेंट, दो एग्जीक्यूटिव क्लास कोच में 52 सीटें, बाकी एसी चेयरकार में 78 सीटें

- हर कोच में प्रोक्सिमिटी सेंसर से लैस आटोमैटिक दरवाजे

-----------------