- मीरगंज नगरिया सादात टूट गई थी पटरी,

-राहगीर की सजगता से टला हादसा

- डीआरएम ने मामले की जांच करने के दिए आदेश

BAREILLY:

मीरगंज नगरिया सादात में ट्यूजडे एक बड़ा रेल हादसा टल गया, जब 500 मीटर की दूरी पर हादसे का सिग्नल देख ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को रोक दिया। यदि 22 सेकंड ट्रेन और चलती तो टूटी पटरी पर ट्रेन पलट जाती। सजग राहगीर को धन्यवाद कहें कि जिसने पटरी टूटी होने की सूचना समय पर देकर चंडीगढ़-पाटलीपुत्र एक्सप्रेस (22356)में सवार करीब ढाई हजार यात्रियों की जान को बचा लिया। डीआरएम ने मामले की जांच के आदेश दिये हैं, तो तीन दिन के भीतर जांच का एक और आदेश है। इससे पहले सीबीगंज में गैंगमैन की लापरवाही के चलते तेज रफ्तार अमरनाथ एक्सप्रेस से स्लीपर टकरा गया था, जिससे वह ट्रेन भी हादसे का शिकार होते-होत रह गई थी।

लाल झंडी लेकर दौड़ा केबिन मैन

मीरगंज नगरिया सादात के पास पोल संख्या 1340/18-1340/16 के बीच दो पटरियों को जोड़ने वाली जॉगल प्लेट की जगह ट्रैक टूट गया था। जॉगल प्लेट के पास पटरियों को स्लीपर से जोड़ने वाली पेंड्रोल क्लिप नहीं लगी था। जिसके चलते ट्रेन के दबाव के कारण ट्रैक टूट गया था। जिस पर ट्रैक मैन की भी नजर नहीं पड़ी थी। जब चंडीगढ़ से चलकर दानापुर को जाने वाली चंडीगढ़-पाटलीपुत्र एक्सप्रेस ट्यूजडे सुबह 7.30 बजे मीरगंज नगरिया सादात पहुंचने वाली थी। तभी मौर्यनगर निवासी भूपराम की नजर टूटे टै्रक पर पड़ी। उन्होंने दौड़कर इस बात की जानकारी केबिनमैन सुधीर कुमार को दिया। इसी बीच ट्रेन टूटे ट्रैक से 500 मीटर करीब आ गई थी, लेकिन सुधीर ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने लाल झंडी लेकर ट्रेन की तरफ दौड़ पड़े।

एक घंटे बाद जा सकी ट्रेन

केबिनमैन ने दौड़ते-दौड़ते स्टेशन मास्टर एपी लोहानी को भी सूचना दे दी। जिसके बाद रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। उधर, केबिनमैन के हाथ में लाल झंडी देखते ही लोको पायलट ने ट्रेन की रफ्तार को नियंत्रित कर लिया। टूटे ट्रैक तक ट्रेन पहुंच चुकी थी। लेकिन ट्रेन की रफ्तार कंट्रोल में होने के कारण ट्रेन पलटने से बच गई। फिर, ट्रेन को कॉशन पर किसी तरह टूटे ट्रैक से निकाला गया। कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही रेलवे अधिकारियों के बीच हड़कम्प मच गया। पीडब्ल्यूआई आरएम बाजपेई, रेलपथ निरीक्षक और स्टेशन मास्टर सहित रेलवे के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए। ट्रैक पर क्लिप प्लेट को लगवाया। करीब एक घंटे के बाद पाटलीपुत्र एक्सप्रेस को गुजारा गया। दिल्ली की ओर से आ रही शहीद एक्सप्रेस को भी रामपुर में रोक दिया गया। तीन अन्य गाडि़यों को मिलक में रोका गया।

एक नजर 2018 पर

- 17 जुलाई को पाटलीपुत्र एक्सप्रेस टूटे ट्रैक पर दौड़ने से पहले रोकी गई। रहीं तो ट्रेन हो जाती डिरेल।

- 15 जुलाई को अमरनाथ एक्सप्रेस के इंजन में सीबीगंज अटरिया के पास स्लीपर फंस गया था। ट्रेन पलटने से बची थी।

- 29 जून को नगरिया सादात और मिलक स्टेशन के बीच ट्रैक में जर्क आ गया।

- 27 मई को बरेली-लालकुआं ट्रैक पर 33 पेंड्रोल क्लिप चोरी हो गई थी। लालकुआं पैसेंजर्स ट्रेन पलटने से बच गई थी।

- 29 मार्च को सीबीगंज में कोयले से भरी मालगाड़ी डिरेल हो गई थी।

- 15 जनवरी को लखनऊ-बरेली रेल खंड के बीच पटरी की वेल्डिंग टूट गई थी। मालगाड़ी पलटने से बची थी।

- 13 जनवरी को बरेली यार्ड और रसुईयां के बीच डाउन लाइन का ट्रैक टूट गया था। जिस पर से सत्याग्रह एक्सप्रेस को गुजार दिया गया था।

ट्रैक टूटने की सूचना जैसे ही मिली ट्रेन को रोक दिया गया था। उसके बाद क्लिप लगा कर ट्रेनों को रवाना किया गया।

आरएम वाजपेई, पीडब्ल्यूआई, मीरगंज रेलवे स्टेशन