-खराब पड़ी मशीन की मरम्मत कराने की बजाय स्टोर में किया डम्प

-कोच पोजिशन से अंजान यात्री ट्रेन छूटते वक्त प्लेटफॉर्म पर लगाते हैं दौड़

<-खराब पड़ी मशीन की मरम्मत कराने की बजाय स्टोर में किया डम्प

-कोच पोजिशन से अंजान यात्री ट्रेन छूटते वक्त प्लेटफॉर्म पर लगाते हैं दौड़

BAREILLY:

BAREILLY:

बरेली जंक्शन पर रेलवे अधिकारियों की लापरवाही का एक बड़ा नमूना देखने को मिला है। प्लेटफॉर्म पर लगे कोच पोजिशनिंग सिस्टम दो साल से खराब पड़े थे, जिनको देखकर यात्री कन्फ्यूज हो जाते थे। इस खराबी को अफसर इन वर्षो में दुरुस्त नहीं करा सके.हैरानी की बात है कि अब उसे 'कूड़े' में रखवा दिया गया है। कोच पोजिशन स्पष्ट नहीं होने की वजह से यात्री कोच में सवार होने के लिए प्लेटफॉर्म पर दौड़ लगा रहे हैं, जिसकी वजह से हादसे भी हाेते हैं

मिसगाइड हो रहे यात्री

आरपीएफ के बगल में एक खाली स्पेस है। जहां पर कोच पोजिशनिंग सिस्टम को निकाल कर रख दिया गया है। करीब ख्0 दिन हो गए हैं, लेकिन उन्हें दोबारा सही करके नहीं लगाया गया। जो सिस्टम प्लेटफॉर्म पर लगे हैं वह वर्क नहीं कर रहे हैं। एनआर और एनईआर को मिला कर जंक्शन पर म् प्लेटफॉर्म हैं। प्लेटफार्म क्, ख्, फ् और ब् पर लगे कोच पोजिशनिंग सिस्टम एक भी वर्क नहीं कर रहे हैं। सब के सब बंद पड़े हैं। प्लेटफॉर्म नं। क् पर लगे इक्का-दुक्का कोच पोजिशनिंग सिस्टम वर्क कर रहे हैं, लेकिन अपडेट न होने की वजह से वह गलत सूचना फ्लैश कर रहे हैं, जिसके चलते पैसेंजर मिसगाइड हो रहे हैं।

पर्याप्त नहीं है कोच पोजिशनिंग सिस्टम

पहले के मुकाबले ट्रेनों में कोच की संख्या भी बढ़ गई है। किसी फेस्टिवल के दौरान और एक्स्ट्रा कोच लगा दिए जाते हैं, लेकिन उसके मुकाबले कोच पोजिशनिंग सिस्टम की संख्या पर्याप्त नहीं हैं। यह सिस्टम प्लेटफॉर्म के शेड तक ही लगे हुए हैं। जबकि, ट्रेन के कोच शेड से बाहर तक लगते हैं। हर प्लेटफॉर्म पर क्9 से ख्0 कोच पोजिशनिंग सिस्टम लगे हुए हैं। जबकि, वर्तमान समय में ट्रेनें ख्ख्-ख्ब् कोच के साथ चल रही है। सबसे अधिक प्रॉब्लम्स लगेज के साथ अकेले सफर करने वाले यात्रियों को झेलनी पड़ती हैं। अधिक लगेज होने के कारण वह स्टॉल कर्मचारियों या फिर कुलियों से पूछते हैं कि संबंधित ट्रेन के कोच कहां पर लगेंगे और उसी के बताए अनुसार ट्रेन के इंतजार में खड़े रहते हैं। ट्रेन लगने पर पता चलता है कि कोच कहीं और लग गया। ऐसे में लगेज साथ लेकर अपने कोच तक पहुंचना काफी मुश्किल हो जाता है।

इस बारे में मुझे जानकारी नहीं है कि कोच पोजिशनिंग सिस्टम क्यों निकाले गए हैं। मैं इस बारे में कुछ नहीं बता सकता।

ओपी मीना, एसएस, बरेली जंक्शन