रेलवे के मैकेनाइज्ड लांड्री में ही होगी लिनेन की सफाई

- अभी तक प्राइवेट लांड्री को रेलवे ने दे रखा था कांट्रैक्ट

ALLAHABAD: इलाहाबाद जंक्शन से रवाना होने वाली प्रयागराज एक्सप्रेस, दूरंतो एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, उधमपुर एक्सप्रेस, इलाहाबाद-जयपुर एक्सप्रेस, हरिद्वार एक्सप्रेस के साथ ही अन्य स्पेशल ट्रेनों में सफर करने वाले पैसेंजर्स के लिए गुड न्यूज है। अब इन ट्रेनों के एसी कोच में सफर करने वाले पैसेंजर्स की कंबल की सफाई को लेकर कम्प्लेन दूर होगी। अब इन ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबल यानी लिनेन की सफाई कहीं बाहर नहीं, बल्कि रेलवे के अपने मैकेनाइज्ड लांड्री में होगी। इसका शुभारंभ रेलवे बोर्ड के मेम्बर रोलिंग स्टॉक रविंद्र गुप्ता ने शनिवार को किया।

खर्च होती थी काफी रकम

अभी तक इलाहाबाद से चलने वाली गाडि़यों के एसी कोच के बेडरोल के चादर और तकिया की खोली रेलवे के मैकेनाइज्ड लांड्री में साफ होती है। लेकिन कंबल यानी लिनेन मीरापुर स्थित एक लांड्री में साफ होता है। इसके बदले में रेलवे प्राइवेट लांड्री को हर महीने एक मोटी रकम का भुगतान करता है। पैसेंजर्स द्वारा अक्सर सफाई में लापरवाही और लिनेन गंदा रहने की शिकायत की जाती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि इलाहाबाद से चलने वाली ट्रेनों में बेडरोल में शामिल लिनेन भी माल गोदाम कॉलोनी में स्थित रेलवे की मैकेनाइज्ड लांड्री में साफ होगा।

कानपुर भी होगी कंबल की सप्लाई

इलाहाबाद में स्थापित मैकेनाइज्ड लांड्री की क्षमता विस्तार का फायदा केवल इलाहाबाद नहीं बल्कि कानपुर स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों को भी होगा। कानपुर से चलने वाली ट्रेनों में दिए जाने वाले कंबल की भी सफाई अब इलाहाबाद में ही होगी।

फैक्ट फाइल

8 टन लिनेन की है आवश्यकता इलाहाबाद से चलने वाली ट्रेनों में पर-डे।

1.6 टन कंबल की पर डे होती है जरूरत कानपुर में।

10 टन है इलाहाबाद में स्थापित वूट मॉडल मैकेनाइज्ड लांड्री की क्षमता।

इलाहाबाद मंडल में अत्याधुनिक तरीके से लिनेन की धुलाई के लिए माल गोदाम कॉलोनी में स्थित मैकेनाइज्ड लांड्री की स्थापना की गई है। यहां जून 2017 से ही तीन टन लेनिन प्रतिदिन तैयार किया जा रहा है, जो जरूरत से काफी कम था। इसलिए मशीन का क्षमता विस्तार करते हुए दस टन की क्षमता वाली मशीन लगाई गई है।

-सुनील कुमार गुप्ता

पीआरओ इलाहाबाद मंडल