- लखनऊ में रेलवे ट्रैक से छेड़खानी का मामला, बाल-बाल बचे यात्री - एटीएस की टीम ने किया मौका-मुआयना, ट्रैक के पास मिली क्लिप - रेलवे के अफसर भी आतंकी साजिश की जता रहे आशंका, केस दर्ज lucknow@inext.co.in LUCKNOW: लखनऊ में रेलवे ट्रैक से छेड़खानी की आतंकी साजिश नाकाम हो गई तो वहीं घटना के बाद से केंद्रीय और राज्य की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गयी हैं। आनन-फानन में यूपी एटीएस की टीम मौके पर पहुंची तो ट्रैक के हालात देखकर अफसर भी भौचक्के रह गये। बादशाहनगर रेलवे स्टेशन से डालीगंज रेलवे स्टेशन के बीच 308 पेन्डरोल क्लिप गायब देख आलाधिकारियों को मामले की गंभीरता से अवगत कराया गया। इस मामले में आतंकियों की साजिश होने की संभावना जताई जा रही है। एटीएस भी इसी पहलू पर जांच कर रही है। तड़के ट्रैक मैनों की सतर्कता की वजह से इस साजिश का पता लगा। इसके बाद रेलवे से लेकर सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मच गया। आईजी एटीएस असीम अरुण ने इस मामले में किसी आतंकी साजिश की संभावना से इंकार नहीं किया है। वहीं दूसरी ओर रेलवे की ओर से राजधानी की महानगर कोतवाली में ट्रैक से छेड़खानी करने वाले अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है। पहले भी यूपी रहा निशाने पर दरअसल यूपी में रेलवे ट्रैक से छेड़खानी का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले राजधानी के मोहनलालगंज इलाके में दो बार रेलवे ट्रैक काटने का मामला भी सामने आ चुका है। वहीं कानपुर देहात के पुखरायां और बिठूर में हुए रेल हादसे के बाद इसकी जांच पहले यूपी एटीएस और बाद में सीबीआई को सौंपी जा चुकी है। बाद में पुखरायां रेल हादसे की जांच एनआईए के सुपुर्द कर दी गयी। लखनऊ में आज नई घटना सामने आने के बाद केंद्रीय खुफिया एजेंसियां भी इसकी तह तक जाने की कवायद में जुट गयी हैं। हाल ही में लश्कर के आतंकियों के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटी एनआईए और एटीएस की संयुक्त कार्रवाई के बाद इस मामले को देशविरोधी तत्वों द्वारा अंजाम दी गयी साजिश माना जा रहा है। वहीं मौके पर जांच कर रहे एटीएस के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे ट्रैक से निकाली गयी तमाम पेन्डरोल क्लिप आसपास के इलाकों से बरामद हो रही है। इससे साफ है कि ट्रैक के साथ जानबूझकर छेड़खानी की गयी है। नहीं कम हो रही मुसीबत यूपी में बढ़ते रेल हादसों के बाद रेलवे के साथ सुरक्षा एजेंसियों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही। शायद ही कोई पखवाड़ा ऐसा बीतता हो जिसमें रेलवे ट्रैक के टूटे होने, फिश प्लेट गायब करने, रेलवे ट्रैक को काटने जैसे मामले सामने न आते हो। इसे ध्यान में रखते हुए हाल ही में राज्य सरकार ने रेलवे ट्रैक की निगरानी के लिए अलग से तीन हजार जवानों की तैनाती की मांग भी की थी। इसका आधा पैसा रेलवे को राज्य सरकार को देना था। वहीं डीजीपी मुख्यालय तेजी से जीआरपी को सिविल पुलिस में मर्ज करने के प्रस्ताव पर भी काम कर रहा है ताकि निगरानी का काम पुख्ता तरीके से अंजाम दिया जा सके। कुछ अहम घटनाएं - मार्च, 2015 में जनता एक्सप्रेस बछरावां में पटरी से उतरी, 15 लोगों की मौत - अक्टूबर, 2016 में लखनऊ के मोहनलालगंज में रेलवे पटरी काटी गयी - मई, 2016 को हापुड़ में दिल्ली-फैजाबाद एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतरे - नवंबर, 2016 में पुखरायां में पटना-इंदौर एक्सप्रेस हादसे में 147 यात्रियों की मौत - दिसंबर, 2016 में कानपुर में सियालदाह-अजमेर एक्सप्रेस हादसे का शिकार बनी - मार्च में महोबा में महाकौशल एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त, 25 से ज्यादा घायल - अप्रैल में लखनऊ आ रही राज्यरानी एक्सप्रेस के 8 कोच रामपुर में पटरी से उतरे - मई में एलटीटी-गोरखपुर एक्सप्रेस के 11 कोच पटरी से उतरे - अगस्त में लखनऊ आ रही अकालतख्त एक्सप्रेस में मिला था विस्फोटक - अगस्त में कैफियत एक्सप्रेस औरेया में पटरी से उतरी, 50 घायल - 14 नवंबर को मुरादाबाद में हादसे का शिकार बनी देहरादून एक्सप्रेस - नवंबर में चित्रकूट में हुए रेल हादसे में तीन की मौत, साजिश के सुराग नहीं कोट रेलवे ट्रैक से छेड़खानी की सूचना मिलते ही एटीएस की टीम को मौके पर जांच करने के लिए भेजा गया। जिस तरह पेन्डरोल क्लिप आसपास के इलाकों में बिखरी मिली हैं, उससे साफ है कि यह हरकत साजिशन की गयी। फिलहाल इसमें आतंकी साजिश होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। असीम अरुण आईजी, एटीएस