- जीआरपी के पास नहीं है सुरक्षा की दृष्टि से कोई संसाधन

- स्टेशन से लेकर ट्रेन तक रामभरोसे है यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था

- जीआरपी के जवान नहीं लेते यात्री की तलाशी, बैग भी नहीं करते चेक

- खराब होने के बाद जीआरपी ने हटा दिया मेटल डिटेक्टर

Meerut : ट्रेनों में बदमाश बेखौफ वारदात को अंजाम देकर न केवल जीआरपी के लिए चुनौती खड़ी कर रहे हैं, बल्कि यात्रियों के साथ लूटपाट जैसे अपराध कर रहे हैं। हाल ही में हुई दो घटना से हालत ये है कि यात्री खौफ के साए में सफर करने के लिए मजबूर हैं। सुरक्षा को लेकर जीआरपी भी आंखे मूंदे बैठी है। न तो किसी यात्री की चेकिंग कर रही है, न ही बैग की तलाशी ले रही है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे है। क्राइम को कंट्रोल करने के लिए जीआरपी पुलिस को सख्ती करने की आवश्यकता है।

कोई चेकिंग नहीं

घटना होने के बावजूद स्टेशन और ट्रेनों में हाल ये है कोई आए या जाए, किसी प्रकार की सर्तकता नहीं बरती जा रही है। गुरुवार को सिटी स्टेशन का नजारा यह था कि एक ओर यात्री ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तो दूसरी ओर यात्री ट्रेन से उतर रहे थे। कौन कहां से आ रहा है, बैग में क्या है। कोई पूछने वाला नहीं था। ऐसे में जीआरपी के यात्रियों की सुरक्षा के लिए किए जाने वाले दावे हवाई साबित हो रहे हैं ।

आखिर क्यों जरूरी है चेकिंग

अभी तक ट्रेनों में जितनी भी घटना हुई हैं उनमें बदमाशों ने हथियारों के बल पर लूटपाट, डकैती और हत्या जैसी वारदातों को अंजाम दिया है। यदि स्टेशन और ट्रेनों के अन्दर चेकिंग होगी तो आसानी से हथियार बदमाश लेकर नहीं पहुंच पाते।

नहीं है मेटल डिटेक्टर

यात्रियों की चेकिंग करने वाला मेटल डिटेक्टर भी स्टेशन पर नहीं लगा हुआ है। हालांकि करीब डेढ़ साल पहले डिटेक्टर जरुर लगा हुआ था, लेकिन खराब होने के बाद जीआरपी ने ठीक कराने की बजाय हटाकर रख दिया। ऐसे में बदमाशों को भी मेरठ स्टेशन से कोई खौफ नहीं है, लेकिन सवाल है यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन होगा।

नहीं लेती जीआरपी तलाशी

ट्रेनों में दो बड़े हादसे होने के बावजूद जीआरपी के जवानों की आंखे नहीं खुली है। यात्रियों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले जीआरपी के जवान स्टेशन पर आने वाले किसी भी पर्सन की तलाशी नहीं लेते हैं। इतना ही नहीं बैग भी चेक करने से परहेज करती है। यही वजह है कि ट्रेनों में क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है और पुलिस अपनी जिम्मेदारी से बच रही है।

जीआरपी के पास अधिकार

रेलवे स्टेशन पर आने वाले सभी यात्रियों की तलाशी करने का जीआरपी को अधिकार मिला हुआ है। यदि कोई यात्री चेकिंग का विरोध करता है तो जबरदस्ती भी पुलिस चेकिंग करने का हक रखती है। कुछ आपत्तिजनक सामान मिलने पर जीआरपी थाने में भी बैठाया जा सकता है।

ट्रेनों में जो घटनाएं हो रही हैं, काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं। ट्रेन और रेलवे स्टेशन में चेकिंग की जिम्मेदारी जीआरपी की होती है, ये हमारे अधीन नहीं है। जीआरपी के जवानों को स्टेशन और ट्रेन में सख्ती करने की जरुरत है। यात्री की तलाशी लेने और बैग चेक करने से घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

आर.पी। त्रिपाठी

स्टेशन अधीक्षक

मेरठ सिटी

घटना के बाद सर्तकता बरती जा रही है। मैं स्वंय चेकिंग करता हूं, लेकिन फोर्स चुनाव में गया हुआ है तो इसलिए तरीके से चेकिंग नहीं हो पा रही है। फोर्स आने के बाद यात्रियों की तलाशी ली जाएगी ।

राकेश यादव

जीअारपी, एसओ

बदमाश पहले सड़कों और घरों को ही निशाना बनाते थे, लेकिन अब ट्रेन में भी लूटपाट शुरू कर दी है। ये हमारी पुलिस की लापरवाही का नतीजा है। पुलिस को स्टेशन और ट्रेन में सख्ती करने की आवश्यकता है।

सचिन कुमार, यात्री

ट्रेनों में हुई घटना काफी शर्मनाक है। बदमाशों में जीआरपी के जवानों का बिल्कुल भी डर नहीं रहा है। यदि जीआरपी की लापरवाही रही तो यात्रियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

राजू, यात्री

गुंडों का राज चल रहा है, यदि रही हाल रहा तो सफर करना काफी मुश्किल हो जाएगा। हमें चाहिए कि जीआरपी के जवान पहले यात्री और बैग की तलाशी ले, उसके बाद ट्रेन के अन्दर जाने दें।

गौतम पाल, जागृति विहार

यात्री खौफ के साए में सफर करने के लिए मजबूर है, लेकिन अभी तक पुलिस ने सख्ती नहीं की है। ये जीआरपी की लापरवाही का नतीजा हमें भुगतना पड़ रहा है। सतर्कता से ही क्राइम कंट्रोल किया जा सकता है।

दीपक शर्मा, कचहरी रोड

यदि ट्रेनों में चेकिंग होगी तो क्राइम अपने आप कंट्रोल हो जाएगा। क्योंकि चेकिंग होगी तो हथियारों के बल पर लूटपाट की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाश पहले ही धरे जाएंगे। यात्रियों को सुरक्षा देनी चाहिए। यदि जीआरपी के पास फोर्स की कमी है तो उसको बढ़ाना चाहिए। ट्रेनों में लूटपाट की घटनाएं सही नहीं है।

उज्जवल गौड़, आदर्श नगर