- पटरियों को बदलने की जगह टर्न पर ट्रेनों की स्पीड ही 5 किमी प्रति घंटा कर दिया कम

- ट्रेनों की रफ्तार कम कर खतरे से बच रहा रेलवे

BAREILLY:

मियाद पूरी कर चुकी पटरियों को बदलने की बजाय रेलवे ट्रेनों की रफ्तार कम कर खतरे से बच रहा है। बरेली जंक्शन के प्लेटफॉर्म पर लगने से पहले आउटर पर ट्रेनों की जो सामान्य रफ्तार होनी चाहिए, उससे भी कम स्पीड में भी ट्रेनें गुजारी जा रही हैं। जो कि ट्रेनों की लेटलतीफी के साथ ही यात्रियों की सुखद यात्रा में बाधा उत्पन्न कर रही है।

15 नहीं 10 की स्पीड

वैसे ट्रेनों की रफ्तार 80 से 100 किमी। प्रति घंटा होती है। प्लेटफॉर्म पर लगते समय ट्रेनों की सामान्य रफ्तार 15 किमी प्रति घंटा तय है, लेकिन बरेली जंक्शन पर जर्जर पटरियों के कारण ट्रेनें 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से प्लेटफॉर्म पर आकर लग रही हैं। यानि, 5 किमी की रफ्तार को कॉशन लगाकर कम कर दिया गया है। क्योंकि, अपनी सामान्य गति से ट्रेनों के आने से पटरियों के टूटने और उखड़ने का डर रेलवे को बना हुआ है। आउटर पर बने टर्न आउट पर ट्रेनों के गुजरने से पटरियों को झटका अधिक लगता है। ऐसे में जर्जर पटरियों के उखड़ने और टूटने की संभावना बनी रहती है।

3 लाइनें हैं खतरनाक

आउटर पर एंट्री करते समय लोको पायलट ट्रेनों को सामान्य गति से न लाएं इसके लिए बरेली जंक्शन की विभिन्न लाइनों पर 10 के कॉशन का बोर्ड लगा दिया गया है। लाइन नम्बर 5, 3 और 1 पर 10 का कॉशन लगाया गया है। यार्ड लाइन पर भी कॉशन का बोर्ड लगाया गया है। ताकि, लोको पायलट 10 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से ही प्लेटफॉर्म पर ट्रेन लगाएं। ताकि, पटरियों के टूटने और उखड़ने का चांस न रहे। हालांकि, कई बार लोको पायलट इस बात को भूल जाते हैं और गलती कर जाते हैं। 19 मई को कटघर से ट्रायल लिए आए इंजन लाते समय लोको पायलट ने यही गलती की थी। रफ्तार अधिक होने से लाइन नम्बर-8 के टर्निग प्वॉइंट पर इंजन डिरेल हो गई थी।

सिर्फ दो लाइन सही

बरेली जंक्शन पर एनआर की 5 लाइनों में से सिर्फ 2 लाइन ही सही हैं। एक लाइन नम्बर 2 और दूसरी लाइन नम्बर-4. जिन पर ट्रेनें सामान्य गति से गुजरती हैं। बाकी लाइन 5, 3 और 1 की मियाद खत्म हो चुकी है। तीनों लाइन को लगे 15 वर्ष का समय बीत चुका है। जिस कारण इन लाइनों पर ट्रेनें सामान्य गति से भी कम रफ्तार में गुजारी जा रही है। एक्सपर्ट की मानें तो पटरियों की मियाद 15 वर्ष की होती है, लेकिन मियाद पूरी होने के बाद भी पटरियों को बदला नहीं गया है। जिससे इन पर हादसे का डर बना रहता है।

एक नजर

- 200 ट्रेनें बरेली जंक्शन से होकर गुजरती हैं।

- 35 हजार से अधिक यात्री रोजाना आते-जाते हैं।

-5 लाइन हैं बरेली जंक्शन पर एनआर की

-3 लाइन की पूरी हो चुकी है मियाद

-10 के कॉशन से गुजारी जा रही ट्रेनें

=========

लाइन - स्पीड किमी प्रति घंटा

- 5 - 10

- 4 - 15

- 3 - 10

- 2 - 100

- 1 - 19

- नोट - लाइन नम्बर 4 और 2 पर ट्रेनें सामान्य गति से रन कर रही हैं।

इनकी स्थिति खराब

जबकि, लाइन नम्बर 5, 3 और 1 की मियाद खत्म होने से ट्रेनों को सामान्य गति से भी कम 10 किमी प्रति घंटा की गति से गुजारा जाता है।

लाइनों की मियाद खत्म होने के कारण 10 के कॉशन का बोर्ड लगाया गया है। ताकि, ट्रेनों की रफ्तार अधिक न रहे। पटरियों बदलने के लिए डीआरएम ऑफिस को लिखा गया है।

विनय कुमार, पीडब्ल्यूआई, बरेली जंक्शन