- नारी निकेतन में अब तक सामान्य संवासनियों का ही होता है कौशल विकास

देहरादून।

नारी निकेतन में रहने वाली मानसिक रूप से कमजोर संवासिनियों का कौशल विकसित करने की योजना बनाई जा रही है। इसके लिए जिला प्रोबेशन कार्यालय और निसबड मिलकर प्लानिंग कर रहे हैं। सामान्य संवासिनियों को भी कुछ ऐसे कोर्स कराए जाएंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके।

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100 मानसिक रूप से कमजोर

नारी निकेतन में इस समय 100 मानसिक रूप से कमजोर, 15 मूकबधिर और 24 सामान्य संवासिनियां रह रही हैं। अब तक सिर्फ सामान्य संवासिनियों को ही यहां कोर्स करवाए जाते थे। इन्हें सिलाई, बुनाई, कढ़ाई के साथ ही कैंडल्स और दीये बनाने जैसे कार्य करवाए जाते हैं। पहली बार मानसिक रूप से कमजोर संवासिनियों को भी कोई ऐसा कोर्स करवाए जाने की प्लानिंग की जा रही है, जिससे उनका मानसिक विकास हो और वे भी कुछ आमदनी कर सकें।

आमदनी बढ़ाने की योजना

अब तक संवासिनियां जो प्रोडक्ट बनाती हैं, उनमें बहुत ज्यादा पैसा नहीं मिल पाता है, लेकिन नई प्लानिंग में ऐसे आइटम्स पर फोकस किया जा रहा है, जिनकी खरीद अधिक हो और संवासिनियों को अधिक पैसा मिल सके। हालांकि इसमें जूट आइटम, बैंबू आइटम दरी सहित अन्य उत्पादों को शामिल करने को लेकर प्लानिंग की जा रही है।

अब तक सिर्फ सामान्य संवासिनियां ही प्रोडक्ट बनाने में हिस्सा लेती हैं। इनके प्रोडक्ट स्टॉलों के माध्यम से बिकते हैं। लेकिन पहली बार मानसिक रूप से कमजोर संवासिनियों के लिए भी ये प्लान किया जा रहा है ताकि उनके भी दिमाग का विकास हो सके।

मीना बिष्ट, जिला प्रोबेशन अधिकारी

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नारी निकेतन की संवासिनियों को इस बार कुछ नया सिखाया जाएगा। मानसिक रूप से कमजोर संवासिनियों को लेकर प्लान कर रहे हैं।

दीपा शर्मा, कंसलटेंट, निसबड