ठूंसी आ रही हैं trains  

दिवाली के पहले घर लौटने वालों का सिलसिला स्टार्ट हो चुका है. कैंट स्टेशन पर मेट्रो सिटी की ओर से आने वाली शायद ही कोई ट्रेन होगी, जिसके कोचेज में पैसेंजर्स खड़े न दिखाई दे रहे हों. यहां लगभग सभी ट्रेन्स ठसाठस पहुंच रही हैं. मुम्बई से आने वाली महानगरी एक्सप्रेस, कामायनी एक्सप्रेस, रत्नागिरि एक्सप्रेस, पवन एक्सप्रेस, दादर-गोरखपुर एक्सप्रेस के अलावा सूरत से कैंट होकर छपरा जाने वाली ताप्तीगंगा सुपर फास्ट, दिल्ली से आने वाली काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, आनंद विहार से सीतामढ़ी जाने वाली लिच्छवी एक्सप्रेस, नई दिल्ली-दरभंगा स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस, शिवगंगा एक्सप्रेस, पंजाब से आने वाली पंजाब मेल, अमृतसर एक्सप्रेस, हिमगिरि एक्सप्रेस, किसान एक्सप्रेस, मध्य प्रदेश सहित छत्तीसगढ़ से आने वाली सारनाथ एक्सप्रेस, सिकन्दराबाद से आने वाली सिकन्दराबाद-पटना एक्सप्रेस आदि ट्रेन्स में पैसेंजर्स ठूंसे हुए आ रहे हैं. इसके छठ तक और बढऩे की उम्मीद जतायी जा रही है. कमोबेश ऐसी ही सिचुएशन एनई रेलवे और नॉर्दन रेलवे की ओर से चलायी जा रही स्पेशल ट्रेन्स की भी है.

 

तरस रहे हैं waiting को

मेट्रोज में रहने वाले मैक्सिमम लोगों ने दिवाली या छठ पर घर लौटने के लिए कई माह पहले ही रिजर्वेशन करा लिया. वहीं बहुत सारे लोगों ने पहले प्लैन नहीं बनाया. ये अब लौटना चाह रहे हैं, लेकिन इन्हें वेटिंग टिकट भी नसीब नहीं हो पा रहा है. कई दिन रिजर्वेशन सेंटर का चक्कर काटने के बाद भी खाली हाथ ही लौटना पड़ रहा है. वहीं ट्रेन्स में भीड़ के चलते कंफर्म टिकट लेकर जर्नी करने वालों के भी पसीने छूट रहे हैं.

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ट्रेन्स में फेस्टिवल सीजन स्टार्ट होते ही भीड़ बढ़ जाती है. इसको देखते हुए ही रेलवे की ओर से स्पेशल ट्रेन्स चलायी जा रही है. इसका फायदा उठाया जा सकता है.

अशोक कुमार, पीआरओ, वाराणसी डिवीजन, एनई रेलवे  

ताकि आसान हो जाए journey

दिवाली और छठ पर ट्रेन्स से सीधे घर लौटना आसान नहीं है. लेकिन यदि कुछ तरकीब लगा दिया जाए तो यह राह आसान हो सकती है. जानकारों के मुताबिक लौटने के लिए तत्काल टिकट के अलावा पार्ट पार्ट में टिकट लिया जा सकता है, तो कुछ दूरी कार व बस से भी तय कर जर्नी पूरी की जा सकती है. इसके अलावा दिवाली और छठ से कुछ दिन पहले जर्नी कर प्रॉब्लम से बचा जा सकता है.