नोट-पढ़ी नहीं गई है

-कैंट स्टेशन पर ट्रेंस का प्लेटफार्म चेंज कर देने से पैसेंजर्स को हो रही परेशानी

-पार्सल के चक्कर में बदल रहा प्लेटफार्म, मिलीभगत में पिस रहे पैसेंजर

VARANASI

यात्रीगण कृपया ध्यान दें, जिस ट्रेन के इंतजार में आप प्लेटफॉर्म नंबर एक पर खड़े हैं, वह अब प्लेटफॉर्म नंबर दो पर आ रही है। नियम कानून ताक पर रख कैंट स्टेशन पर ट्रेन का प्लेटफार्म मिनटों में चेंज कर दिया जा रहा है। अचानक प्लेटफार्म चेंज होने की स्थिति में पैसेंजर्स को भारी लगेज और अपनी फैमिली मेंबर्स को दूसरे प्लेटफार्म तक ले जाने में पसीने छूट जा रहे हैं। इसके अलावा ट्रेन के इंडीकेटर और एनाउंसमेंट भी पैसेंजर्स को कदम-कदम पर कंफ्यूज करते हैं। बता दें कि प्लेटफॉर्म बदलने के चक्कर में इलाहाबाद में कुंभ के दौरान भगदड़ मच गई थी जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी।

जाना न पड़े दूर

सोर्सेस के मुताबिक अचानक ट्रेन के प्लेटफार्म बदलने में पार्सल लोडिंग और अनलोडिंग बड़ा कारण है। वेटेड पार्सल को दूर ले जाकर ट्रेन के एसएलआर में न चढ़ाना पड़े, इसलिए यह मिलीभगत की जाती है। सूत्रों के अनुसार पार्सल लोड अधिक होने पर या ट्रेन हॉल्ट कम होने पर एकाएक प्लेटफार्म चेंज करा दिया जाता है। ऐसे में पैसेंजर्स को होने वाली प्रॉब्लम के बारे में कोई नहीं सोचता। जिससे आएदिन परेशानी हो रही है।

रूल नहीं हो रहा फॉलो

रेलवे के नियमानुसार ट्रेन के प्लेटफार्म चेंज होने की सूचना पैसेंजर्स को आधे घंटे पहले दी जानी चाहिए, लेकिन प्लेटफार्म चेंज कर दिया जाता है और पैसेंजर को इसकी खबर ही नहीं होती। यूं कह लें कि कैंट स्टेशन पर इस रूल को फॉलो नहीं किया जाता है। इससे सामान्य के साथ ही सीनियर सिटीजन, पेशेंट्स और लेडी पैसेंजर्स की प्रॉब्लम कुछ ज्यादा ही बढ़ जाती है।

कंफ्यूजन पैदा करता है डिस्प्ले बोर्ड

कैंट स्टेशन पर ट्रेन के स्टेटस के लिए लगा डिस्प्ले बोर्ड अलग ही राग अलापता है। अगर स्टेशन पर अपने ट्रेन का इंतजार कर रहे पैसेंजर्स एलईडी डिस्प्ले बोर्ड के भरोसे रहे तो उनकी ट्रेन छूटना तय है। काउंटर पर भी यही कहा जाता है। अपनी ट्रेन के बारे में पूछताछ करने काउंटर पर पहुंचने वाले पैसेंजर्स को कहा जाता है कि एनाउंसमेंट सुनते रहें।

कोच डिसप्ले भी ठीक नहीं

एक्सप्रेस, मेल और सुपरफास्ट ट्रेंस के कोच नंबर के इंडीकेटर की भी प्रॉब्लम है। जब यह ट्रेन कैंट स्टेशन के प्लेटफार्म पर पहुंचती हैं, तो इनके कोच का डिस्प्ले सुचारू ढंग से नहीं होता। यदि कैंट सहित सिटी के अन्य रेलवे स्टेशन की बात करें तो यहां पैसेंजर इसको लेकर कंफ्यूज ही रहते हैं, क्योंकि प्लेटफार्म पर लगे कोच इंडीकेटर ठीक से वर्क नहीं करते।

स्टेशन पर डेवलपमेंट वर्क के चलते ही ट्रेंस का प्लेटफॉर्म चेंज किया जाता है। इसमें पैसेंजर्स की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाता है।

आरपी चतुर्वेदी, सीएएम

कैंट स्टेशन