एक्सक्लुसिव न्यूज

- मेयर ने आर्किटेक्ट को दिए स्पष्ट निर्देश कहा, अवैध और अतिक्रमणकारी नक्शा न बनाएं

- आर्किटेक्ट्स ने कंप्लीशन ॅसर्टिफिकेट की मांग की , अवैध निर्माण को न मिले बिजली

<एक्सक्लुसिव न्यूज

- मेयर ने आर्किटेक्ट को दिए स्पष्ट निर्देश कहा, अवैध और अतिक्रमणकारी नक्शा न बनाएं

- आर्किटेक्ट्स ने कंप्लीशन ॅसर्टिफिकेट की मांग की , अवैध निर्माण को न मिले बिजली

BAREILLY:

BAREILLY:

अतिक्रमण और अवैध निर्माण की बड़ी वजह आर्किटेक्ट भी हैं, जो चंद रुपयों के लालच में गलत नक्शा बना देते हैं। फिर यह नक्शा समस्या का सबब बनता है। लिहाजा, नए मेयर ने इस समस्या पर सख्त रुख अख्तियार किया है। आर्किटेक्ट्स को दो टूक कह दिया है कि यदि वह गलत नक्शा बनाते हैं, तो उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

नहीं होगी कोई रियायत

हाल ही में चले अतिक्रमण अभियान के दौरान कई भवन, दुकान स्वामियों ने नक्शे के मुताबिक घर बने होने की बात कही थी, जिस पर काफी हंगामा हुआ था और नक्शे को गलत बताने पर टीम के साथ मारपीट तक की नौबत आ गई थी। नक्शे से इतर किए गए अतिक्रमण को मेयर के आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया। मामले पर संज्ञान लेते हुए मेयर ने आर्किटेक्ट एसोसिएशन की मीटिंग में मेयर ने ऐसा अतिक्रमणकारी नक्शा न बनाने के स्पष्ट निर्देश दिए। साथ ही, क् जनवरी के बाद बनाए गए नक्शे में यदि अतिक्रमण के अंश मिले तो कार्रवाई की चेतावनी भी दी। आर्किटेक्ट ने भी इस पर सहमति जताई है।

आर्किटेक्ट कमाते हैं मुनाफा

सूत्रों के मुताबिक आर्किटेक्ट क्लाइंट की मंशा को भांपते हुए नक्शे को आकार देते हैं। अधिक कमाई की चाह क्लाइंट और आर्किटेक्ट दोनों की होती है। ऐसे में दोनों के सांठगांठ के आधार पर नक्शा बनाया जाता है। जिसके बाद में बीडीए अप्रूव्ड के लिए भेज दिया जाता है। बीडीए में नक्शा दाखिल करने से लेकर निरीक्षण समेत नक्शा पास करने तक कमाई का सिलसिला कर्मचारी से लेकर अधिकारियों के बीच चलता है। जिसके बाद अवैध नक्शे में अमूलचूल परिवर्तन कर पहले के ही बनाए गए नक्शे के आधार पर निर्माण कार्य सांठगांठ से करा दिया जाता है। जिसकी वजह से ही शहर में अतिक्रमण बढ़े है।

यहां होता है खेल

- पार्किंग एरिया निर्माण में

- बेसमेंट निर्माण के दौरान

- पिलर लगाकर छज्जा निर्माण

- ग्रीन एरिया के लिए स्पेस

- मानक के विपरीत फ्लोर्स

- रोड साइड हाउस या प्लाजा

- रोड से भवन या दुकान की दूरी व अन्य

आर्किटेक्ट मकान, दुकान, प्लाजा, मॉल्स या कॉलोनीज का नक्शा गलत बना देते हैं, जिससे बाद में प्रॉब्लम्स होती हैं। आर्किटेक्ट को ऐसे नक्शे नहीं बनाने को कहा है। अतिक्रमणकारी नक्शे मिले तो नोटिस जारी की जाएगी।

डॉ। उमेश गौतम, मेयर

80 परसेंट निर्माण बगैर आर्किटेक्ट के हो रहे हैं। प्रशासन को चाहिए कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद कंप्लीशन सर्टिफिकेट जारी करे। जिसके आधार पर बिजली की सुविधा दी जाए। इससे अवैध निर्माण पर विराम लगने की संभावना है।

अनुपम सक्सेना, प्रेसीडेंट, आर्किटेक्ट एसोसिएशन