स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

लंबे समय से टिके केवल नौ डॉक्टरों की सूची शासन को भेजी गई

शासन ने पिछले दिनों किया था तबादला नीति में बदलाव

ALLAHABAD: खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। इलाहाबाद में पंद्रह दिन की कठोर मेहनत के बाद स्वास्थ्य विभाग को केवल नौ डॉक्टर ही ऐसे मिले जो लंबे समय से सीएचसी-पीएचसी में टिके हुए हैं। शासन द्वारा नई ट्रांसफर नीति लागू किए जाने के बाद डॉक्टर्स जोड़-तोड़ की कवायद मे जुट गए हैं। वह किसी भी हाल में अपनी जगह छोड़ना नहीं चाहते।

मची थी खलबली, लगा रहे थे चक्कर

14 जून को योगी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग की नई ट्रांसफर नीति लागू की थी

इसके तहत पांच साल से अधिक समय से एक जिले में टिके डॉक्टरों को दूसरे जिले में भेजा जाएगा

ऐसे डॉक्टरों की सूची तैयार करने के लिए शासन ने 15 से 30 जून का समय दिया था

सोर्सेज बताते हैं जिले में ऐसे डॉक्टरों की संख्या दर्जनों में है।

विभाग ने केवल नौ डॉक्टरों का ही चयन किया है

यह सभी सीएचसी-पीएचसी में तैनात हैं और इन्हे एक जिले में दस साल से अधिक समय हो गया है

तबादला रोकवाने के लिए डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के चक्कर काट रहे हैं

जबकि यह हैं ट्रांसफर के नियम

पांच साल तक की सर्विस वालों को सी और डीए कैटेगरी के शहरों में पोस्टिंग दी जाएगी।

पांच से दस साल वाले बी श्रेणी जिलों में जाएंगे।

दस साल से ऊपर की सर्विस पर ए कैटेगरी के शहर में तैनाती होगी।

बच्चे दसवीं और बारहवीं कक्षा में हैं तो उस साल ट्रांसफर नही होगा

नियमों की आड़ में बचने की कोशिश

इलाहाबाद में वर्तमान में कुल 250 पद के सापेक्ष 180 डॉक्टर ही तैनात हैं। इनमें से कई डॉक्टर उच्च प्रशासनिक पदों पर बैठे हैं और उन्हें दस साल से अधिक समय हो गया है। यह सभी नियमों का हवाला देकर अपना ट्रांसफर टालने की कोशिश में लगे हैं। उनकी दलील है कि प्रशासनिक पदों पर तैनात डॉक्टरों को ट्रांसफर की श्रेणी में शामिल नही किया जा सकता है। वह स्वयं ट्रांसफर ले सकते हैं या शासन उन्हें हटा दे।

हमारे पास केवल नौ डॉक्टरों की सूची है जो दस साल से अधिक समय से सीएचसी पीएचसी में टिके हैं। नियमानुसार सीएमओ को अपनी तैयार सूची को मेरे पास भेजना चाहिए। हो सकता है उन्होंने सीधे शासन को भेज दी है।

-डॉ। वीरंद्र प्रताप सिंह,

एडी हेल्थ डिपार्टमेंट