- परिवहन निगम गाड़ी खरीदने पर कर रही है विचार

- फिलहाल निगम की मात्र 98 गाडि़यां हैं ऑन रोड

- लगातार घटती गयी निगम की आमदनी

PATNA : परिवहन निगम के बेड़े में ढेरों समस्याएं हैं। हजारों रिटायर कर्मियों का पैसा बकाया है तो किसी को उसके पीएफ के सूद का पैसा एचसी के आदेश के बाद भी नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद तय हुआ था कि निगम पुरानी गाडि़यों को निलाम कर नयी गाड़ी खरीदेगी। उससे अर्न करेगी और कर्मचारियों को वेतन भी देगी, लेकिन फिलहाल ऐसा होता दिख नहीं रहा है।

लगातार घट रही ऑन रोड गाडि़यां

परिवहन निगम की स्थिति सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ती ही जा रही है। पांच साल के आंकड़े से तो यही दिखता है। अप्रैल 09 से मार्च क्0 तक निगम के पास कुल ब्ब्0 गाडि़यां थी। इसमें से क्ब्क् ऑन रोड थी और ख्9भ् ऑफ रोड। यह आंकड़ा ख्0क्ब् आते आते और बढ़ जाता है। स्थिती सुधरने के बजाय बिगड़ ही जाती है। अप्रैल क्फ् से मार्च क्ब् तक ऑन रोड गाडि़यों की संख्या 98 हो गयी वहीं ऑफ रोड गाडि़यों की संख्या बढकर फ्फ्ख् हो गयी।

घटती गयी आमदनी भी

निगम को अप्रैल 09 से मार्च क्0 तक क्7799ख्ख्फ्ब् रुपए की आय हुई। यह आंकड़ा क्ब् आते आते घट गयी। अप्रैल क्फ् से मार्च क्ब् के बीच इसे आय के रूप में क्ब्क्भ्ब्क्ख्0फ् रुपए आये। वहीं पांच वर्षो में निगम को 79फ्78क्8ब्म् रुपए की आमदनी हुई। इसमें से म्79म्फ्078म् रुपए निगम की तरफ से खर्च दिखाये गये हैं। बची हुई राशि पांच साल में क्क्ब्क्भ्क्0म्0 रुपए है। इससे सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम किस गति से विकास कर रहा है और अपने कर्मियों को भुगतान करने में कितना सक्षम है।

निगम की स्थिति और बुरी होगी। भ्क्9 बस नीलाम की गयी जिससे 7फ्भ्फ्भ्0फ्7 रुपए की आमदनी हुई। तय था कि इस राशि से नयी गाड़ी खरीदी जाएगी। लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए इस राशि को भवन निर्माण और कर्मचारियों के बकाया भुगतान में खर्च किया गया।

- विजयधारी कुमार, महासचिव, राज्य परिवहन कर्मचारी संघ।

दस साल से अधिक पुरानी हो गयी हैं गाडि़यां, इस बीच कोई गाड़ी खरीदी नहीं गयी है। गाड़ी क्रय करने की प्रकिया चल रही है और जल्द ही निगम के बेड़े में पचास नयी गाड़ी होगी।

- सुभाष चंद्र सिंह, सहायक संचालक मुख्य सह नोडल पदाधिकारी