- आरटीए की बैठक में लिया गया फैसला

- सिर्फ सीएनजी गाडि़यां ही चलेंगी

- निर्धारित रूट पर ही चलेंगी ऑटो और टैम्पा

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LUCKNOW: राजधानी में चल रही डीजल वाली टैम्पो का संचालन बंद किया जाए। जिन डीजल टैम्पों के पास परमिट है, उन्हें सीएनजी में कनवर्ट किया जाए। यह फैसला शनिवार को मंडलायुक्त कार्यालय में हुई सम्भागीय परिवहन प्राधिकरण (रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी, आरटीए) की बैठक में लिया गया। इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे कमिशनर महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि लखनऊ के डीजल और पेट्रोल से चलित टैम्पो और ऑटो को चलने की छूट नहीं होगी और ना इनके लिए कोई लाइसेंस जारी किया जाएगा। सिर्फ इतना ही नहीं जिनके पास ऐसी गाडि़यों का परमिट है, उनके परमिट का नवीनीकरण भी नहीं किया जाएगा। यह फैसला सिर्फ नगरीय क्षेत्र में नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी लागू किया जाए।

सीएनजी किट लगवाई जाए

शहर में ऑटो-टैम्पो संचालन से जुडी सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन को पूरी तरह से लागू किया जाए। जो गाडि़यां डीजल से चल रही है उनमें सीएनजी किट की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि तमाम डीजल संचालकों ने ग्रामीण क्षेत्रों के लिए लाइसेंस ले रखे हैं, लेकिन चोरी से शहरी क्षेत्रों में उसका संचालन करते हैं। इसी को देखते हुए डीजल टैम्पों को मिलने वाली सभी रियायतें खत्म की जाए।

अन्य जिलों की गाडि़यों का संचाल भी होगा ठप

सिर्फ इतना ही नहीं लखनऊ जनपद के लिए जिन गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन है, सिर्फ उन्हें ही यहां चलने की छूट दी जाएगी। अन्य किसी जिले के टैम्पों का संचालन नहीं किया जाएगा। किसी क्षेत्र में ऐसे टैम्पों चलते पाए जाते हैं, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। उन्होंने आरटीओ विभाग को आदेश दिया है कि शहर में संचालित होने वाले ऑटो और टैम्पों की जांच की जाए। जिस रूट के लिए गाडि़यों को आबंटन किया गया है, वे किसी अन्य रूट पर तो नहीं चल रही हैं। ऐसी गाडि़यों का परमिट रद्द किया जाए।

बैठक में शामिल आरटीओ सगीर अहमद अंसारी ने बताया कि राष्ट्रीय मार्गो पर संचालन के लिए मात्र 7म् परमिट ही स्वीकृत किए गए है। उन्होंने बताया कि इन रूटों पर चल रहे क्08 टैम्पों को पकड़ा गया है। इनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है। बैठक में डीएम राजशेखर, उप परिवहन आयुक्त परिक्षेत्र लखनऊ आर के पाण्डेय मौजूद रहे।