- पैसेंजर्स की कम्पलेन नहीं सुनता परिवहन निगम

- कम्पलेन दर्ज करने के लिए छह महीने पहले तैयार किया गया था कंट्रोल रूम

- व्हाट्स एप नम्बर पर की जा सकती है कम्पलेन

LUCKNOW: कौन सुनेगा, किसको सुनाए। इसलिए चुप रहते हैं। यह हाल है यूपी रोडवेज से सफर करने वाले पैसेंजर्स का। यूपी रोडवेज की बसों में सफर करने वाले तमाम पैसेंजर्स को कभी ड्राइवर की मर्जी के सामने घुटने टेकने पड़ते हैं तो कभी कंडक्टर किसी पैसेंजर को रास्ते में उतार देता है। ड्राइवर्स और कंडक्टर्स की इन्हीं मनमानी को रोकने के लिए परिवहन निगम ने ऑन लाइन कम्पलेन की सुविधा शुरू की। इसके लिए एक एआरएम को इसकी डयूटी में भी लगा दिया जिससे कि आने वाली कम्पलेन को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाए। लेकिन हकीकत यह है कि निगम के अधिकारियों के पास पैसेंजर्स की परेशानियों को दूर करने की वक्त ही नहीं है। हाल यह है कि तमाम पैसेंजर्स की शिकायतें ज्यों की त्यों बनी हैं।

ऑन लाइन कर सकते हैं कम्पलेन

यूपी रोडवेज में पैसेंजर्स को रास्ते में होने वाली परेशानियों या फिर बस अडडे पर होने वाली दिक्कतों से बचाने के लिए चार महीने पहले ऑनलाइन कम्पलेन की प्रक्रिया शुरू की। इसके लिए उन्होंने एक व्हाट्सएप नम्बर 9ब्क्भ्0ब्9म्0म् की व्यवस्था की। इस नम्बर पर शिकायत करने वाले का नाम और नम्बर गुप्त रखे जाने की बात कही गई। इसके साथ ही यह घोषणा की गई कि जिसकी कम्पलेन होगी उसे दूर कर उसके व्हाट्सएप नम्बर पर इसकी जानकारी जाएगी। किसी भी प्राब्लम को सॉल्व करने में अधिकतम आठ से दस घंटे का समय लिया जाएगा। लेकिन आठ से दस घंटे तो क्या परिवहन निगम प्राब्लम्स को देख और सुन ही नहीं रहा है। जिसके खिलाफ किसी भी कम्पलेन होती है, उसके खिलाफ एक्शन भी नहीं लिया जाता है।

अपनी मर्जी से रोकते हैं बस

अमरोहा निवासी दिलनवाज पाशा ने एक कम्पलेन करी कि दिल्ली जाते समय यूपी रोडवेज के ड्राइवर ने रास्ते एक जगह अपनी मर्जी से एक ढाबे पर बस रोकी। यहां बैठकर खाना खाया। इसके बाद ड्राइवर ने यहां पर शराब भी पी। जब इस बात का विरोध पाशा ने किया तो ड्राइवर ने उल्टा उन्हें भला बुरा कहना शुरू कर दिया। सिर्फ इतना ही नहीं कंडक्टर ने भी उन्हें बस से उतार दिया और बस चली गई।

मामला सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं है टेलीकॉम कंपनी में काम करने वाले विशाल खरे ने बताया कि वह वॉल्वों बस से इलाहाबाद जा रहे थे। रास्ते में ड्राइवर ने निगम के माध्यम डिसाइड ढाबे के बजाय अपने जानने वाले होटल के सामने बस खड़ी की। वहां पर पैसेंजर्स के लिए कोई सुविधा नहीं थी। इस बात की शिकायत विशाल ने मेल से और व्हाट्ए दोनों पर की लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। रास्ते में टिकट के पैसे को लेकर विवाद तो अब आम बात हो चुकी है।

कम्पलेन सुनने का नहीं वक्त

ऐसी तमाम शिकायतें रोजाना परिवहन निगम के पास पहुंच रही हैं। लेकिन निगम के अधिकारियों के पास इतनी फुर्सत नहीं है कि वे पैसेंजर्स की कम्पलेन पर ध्यान दे सके। एक अधिकारी ने बताया कि जो शिकायतें साफ-सफाई से जुड़ी हुई आती है, सिर्फ उनको ठीक करा लिया जाता है। अन्य कम्पलेन पर कोई भी कार्रवाई नहीं की जाती है। परिवहन निगम के अधिकारियों की माने तो रोजाना प्रदेश भर से छोटी-बड़ी क्ख्0 से क्ख्भ् कम्पलेन दिन भर में आ रही है। इनमें से ख्0 से ख्भ् कम्पलेन पर तो काम करने की कोशिश की जाती है अन्य को छोड़ दिया जाता है।

कम्पलेन को दूर करने की हर संभव कोशिश की जाती है। इसके लिए कंट्रोलरूम में तमाम लोग तैनात हैं। पैसेंजर्स की कम्पलेन आने पर उन्हें तुरंत ठीक कराया जाता है। बाहर जाने वाली बसों का सर्वे भी जल्द होगा। उन्हें निर्धारिट ढाबों और बस अडडो पर ही रुकना होगा।

एके सिंह

आरएम

परिवहन निगम

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परिवहन निगम के कर्मचारियों ने बताया कि कम्पलेन के लिए जारी व्हाटसएप नम्बर पर प्रदेश भर की रोडवेज से जुड़ी समस्याओं की शिकायत की जा सकती है। इसके लिए कैसरबाग के पास टेढ़ीकोठी स्थित परिवहन निगम मुख्यालय में एक शानदार कंट्रोल रूम बनाया गया है। इसमें एक अधिकारी भी तैनात किया गया है। इस कंट्रोल रूम में प्रदेश भर के सभी बस अडडों के एआरएम के मोबाइल नम्बर भी लिखे हुए हैं। ऐसे में यूपी में पैसेंजर्स कहीं से भी कम्पलेन करता है तो तुरंत ही वहां के एआरएम को फोन कर उसका निस्तारण करने के आदेश दिए जाते हैं।

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पिछले तीन महीनें में आई कम्पलेन

जनवरी कुल कम्पलेन फ्9ख्ख् निस्तारित

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फरवरी कुल कम्लेन ख्ब्ब्7 निस्तारित क्म्8ख्

मार्च कुल कम्लेन फ्फ्भ्फ् निस्तारित

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