- शासन ने दिए थे रोडवेज की सवारियों को घंटाघर व प्रिंस चौक पर उतारने के आदेश

- संघ का आरोप, आदेश को गंभीरता से नहीं ले रहे निगमकर्मी

>DEHRADUN: अब इसे परिवहन निगम के अधिकारियों की मनमानी कहें या फिर अनदेखी। जो भी हो, लेकिन इतना तो सच है कि शासन के आदेशों को खुद परिवहन निगम के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं। इसका जीता-जागता उदाहरण सबके सामने है। आदेशों के तहत कहा गया था कि दिल्ली या फिर दूसरे राज्यों से आने वाले पर्यटकों या सवारियों को राजधानी के प्रिंस चौक और घंटाघर पर उतारना होगा, लेकिन यहां तो आईएसबीटी पर सवारियों को उतारकर रोडवेज की बसें आईएसबीटी चली जाती हैं। जिसके कारण देश-विदेश के पर्यटकों को आईएसबीटी से शहर तक आने के लिए अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है। खुद रोडवेज कर्मचारी संघ भी इस व्यवस्था के विरोध में है।

यात्रियों की जेब पर डाका

शहर के बीच सेंटर में न छोड़ने पर यात्रियों की जेब पर बुकिंग वाहन डाका डाल रहे हैं। इससे परिवहन निगम पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। बकायदा रोडवेज संगठन भी अधिकारियों को निगम की स्वच्छ छवि बनाने के लिए इस बात को प्रमुखता से कह चुका है। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

डग्गामार बसों की मौज

परिवहन निगम की बसों की मनमानी का फायदा डग्गामार बसें उठा रही हैं। डग्गामार बसों का संचालन शहर के विभिन्न स्थानों से हो रहा है। इन बसों की बकायदा वेबसाइट बनायी गयी है। यात्री अपनी सुविधा के लिए इन बसों में सफर कर रहे हैं। इससे निगम को राजस्व का घाटा झेलना पड़ रहा है।

सभी राज्यों से निगम की बसें कनेक्ट

निगम की सबसे ज्यादा बसें यूपी, दिल्ली, चंडीगढ़, हिमाचल के अलावा कई अन्य राज्य के लिए संचालित की जाती हैं। लेकिन सबसे ज्यादा पर्यटक चंडीगढ़, दिल्ली, यूपी से आते हैं। निगम से मिली जानकारी के मुताबिक हर रोज अलग-अलग राज्यों से दो लाख से भी अधिक यात्री आईएसबीटी पहुंचते हैं। इसके अलावा रात के समय पचास से भी अधिक बसें आईएसबीटी पहुंचती हैं।

हमने आदेश जारी किया था कि रात्रि में आने वाली बसें यात्रियों को घंटाघर व प्रिंस चौक तक छोड़ें। अभी इसकी कोई जानकारी नहीं है, कि बसें आईएसबीटी तक ही आ रहीं हैं। आपने संज्ञान में डाला है, इसकी जांच कराई जाएगी।

दीपक जैन, जीएम, परिवहन निगम।

निगम कर्मियों को आदेश जारी किया गया था कि जो भी बसें रात्रि के समय आईएसबीटी आएंगी। उन्हें यात्रियों को शहर के सेंटर यानी घंटाघर व प्रिंस चौक तक छोड़ना होगा। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के कारण चालक-परिचालक मनमानी कर रहे हैं। इससे निगम के राजस्व को चूना लग रहा है।

दिनेश पंत, अध्यक्ष, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद।