RANCHI : रांची और जमशेदपुर समेत कई जिलों में ग्रामीण बस सेवा शुरू करने की पहल परिवहन विभाग ने शुरु कर दी है। इसके तहत छह से लेकर चौबीस सीटर गाडि़यों को ही परमिट जारी की जाएगी। इसके लिए दक्षिणी छोटानागपुर और कोल्हान प्रमंडल में सक्षम बस संचालकों से आवेदन मांगे गए हैं। ग्रामीण बस सेवा कस्बाई क्षेत्रों में वैसे इलाकों से शुरू की जाएगी, जहां अब तक बस सेवा शुरू नहीं हो सकी थी। नक्सल प्रभावित इलाकों को विशेष रूप से प्राथमिकता दी जा रही है।

पांच साल के लिए परमिट

रांची के आरटीओ राजेश कुमार बरवार ने बताया कि ग्रामीण बस सेवा के लिए परमिट देने की प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। इसके तहत बस के शीशे पर ग्रामीण बस यान और बॉडी के दोनों ओर ग्रामीण मार्ग लिखना अनिवार्य होगा। इसमें ड्राइवर और कंडक्टर के अलावा छह से इक्कीस यात्रियों के बैठने की सुविधा होगी। बस ओनर्स की शैक्षणिक योग्यता के आधार पर पांच साल के लिए बसों को परमिट दी जाएगी। इसमें एससी और एसटी आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी।

इन्हें मिलेगी प्राथमिकता

आरटीओ ने बताया कि ग्रामीण बस सेवा के अंतर्गत उन वाहनों को परमिट जारी करने में प्राथमिकता दी जाएगी, जो पहले से ही ग्रामीण इलाकों में चल रहे हैं, पर परमिट नहीं है। इस वजह से अगर ऐसे वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते थे तो उन्हें इंश्योरेंस की रकम नहीं मिल पाती थी। लेकिन, इन वाहनों को परमिट मिल जाने से यात्रियों के साथ वाहन संचालकों को भी काफी सहूलियत हो जाएगी।

2015 में बनी हौ ग्रामीण बस सेवा शुरु करने की योजना

झारखंड के गांव के लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण बस सेवा शुरू करने का फैसला रघुवर सरकार ने पिछले साल लिया था। इस प्रस्ताव को कैबिनेट की भी मंजूरी मिल चुकी है। इसके लिए झारखंड मोटर गाड़ी नियमावली 2001 में संशोधन किया गया है। पहले चरण में उन पंचायतों से बस परिचालन शुरू करना है, जो प्रमुख पंचायत की श्रेणी में शामिल हैं, क्योंकि पंचायत मुख्यालय में ही मुख्य बाजार लगता है, दुकानें बनी हुई हैं, बैंक अथवा पोस्टऑफिस भी खुल जाने से आस-पास के गावों के लोगों का इस स्थान पर आना-जाना लगा रहता हौ।