- काका ट्रेवल एजेंसी से बरामद हुए 90 लाख के वाहन

- मोबाइल एप ने दिलाई कामयाबी, वाहन चोर की तलाश

द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

गाजियाबाद से चुराए गए लग्जरी वाहनों से शहर में ट्रेवेल एजेंसी चल रही थी। आरटीओ के मोबाइल एप पर व्हीकल की सूचना न मिलने पर कैंट पुलिस ने मामले का पर्दाफाश किया है। पांच कार और तीन बाइक बरामद कर पुलिस ने ट्रेवेल एजेंसी संचालक को अरेस्ट कर लिया। वह चोरी की गाडि़यों का नंबर प्लेट बदलकर किराया कमा रहा था। चोरी की गाडि़यों को गोरखपुर में बेचने वाले गाजियाबाद के गढ़मुक्तेवश्वर निवासी भूरा उर्फ नौशाद की तलाश में पुलिस टीम लगी है। गुरुवार को एसएसपी डॉ। सुनील गुप्ता ने बताया कि ट्रेवेल एजेंसी संचालक भानु प्रताप सिंह से पूछताछ कर जानकारी ली जा रही है। बलिया जिले के मूल निवासी भानू प्रताप सिंह ने सिद्धार्थ इन्कलेव, तारामंडल में अपना ऑफिस खोला था। उससे जुड़े लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। आशंका है कि चोरी के वाहनों की सौदेबाजी करने वाला गैंग पश्चिमी यूपी के वाहन इधर खपा रहा है। यहां से चुराई गई गाडि़यों को पश्चिमी यूपी बेचता है। बरामद वाहनों की कीमत करीब 90 लाख रुपए होगी।

आरटीओ एप से खुली पोल, पकड़ा गया एजेंसी संचालक

शहर के अंदर विभिन्न जगहों से हर माह सात-आठ फोर व्हीलर चोरी होने की सूचना एसएसपी को मिल रही थी। इसलिए एसएसपी ने शहर में अचानक चेकिंग कराने का निर्देश दिया। वायरलेस सेट पर सूचना प्रसारित होते ही पुलिस जांच में जुट जाती है। गुरुवार दोपहर करीब ढाई बजे चेकिंग का आदेश होने पर कैंट थाना के एसएचओ रवि कुमार राय, एसआई विनोद कुमार सिंह सहित पुलिस टीम लेकर चंपा देवी पार्क की तरफ पहुंच गए। जांच के दौरान पुलिस ने एक वाहन को रोककर आरटीओ के एप से उसकी जानकारी लेनी चाहिए। काका जी ट्रेवेल्स में चल रही गाड़ी की डिटेल नहीं मिली तो पुलिस को शक हुआ। जांच के लिए पुलिस टीम तारामंडल स्थित ट्रेवेल एजेंसी पर पहुंची तो पता लगा कि वहां फर्जी नंबर प्लेट लगाकर वाहनों को चलाया जा रहा है। पुलिस टीम ने सभी वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर, इंजन और चेसिस नंबर के आधार पर जांच कराई तो पता लगा कि गाजियाबाद से उनको चुराया गया था।

चार साल से खरीद रहे थे चोरी के वाहन

जांच में जुटी पुलिस ने काकाजी ट्रेवेल्स के संचालक भानु प्रताप सिंह को दबोच लिया। उसने पुलिस को बताया कि गाजियाबाद, गढ़मुक्तेश्वर निवासी भूरा उर्फ नौशाद वाहनों की चोरी करता है। उसने सस्ते रेट पर गाडि़यां मुहैया कराई थी जिनको फर्जी पेपर के सहारे एजेंसी में चलाया जा रहा था। नौ साल से ट्रेवेल एजेंसी चलाने वाले भूरा से भानु की मुलाकात करीब चार साल पहले हुई थी। 17 लाख के वाहनों को दो- ढाई लाख रुपए में खरीदकर भानु ने अपने बिजनेस को बड़ा रूप दे दिया। चोरी की गाडि़यों की बुकिंग गाजियाबाद के अलावा अन्य शहरों में की जाती थी। ताकि कोई भी व्यक्ति इन वाहनों को आसानी से पकड़ न सके। फर्जी पेपर होने से वाहनों की जांच के दौरान पुलिस भी सही मान लेती थी। पुलिस का कहना है कि इस गैंग से जुड़े गई लोग हो सकते हैं। इसलिए मामले की गहराई से छानबीन की जा रही है। कैंट पुलिस की कामयाबी पर एसएसपी ने पुरस्कार देने की घोषणा की। पुलिस का मानना है कि अन्य ट्रेवल एजेंसियों में इस तरह का खेल सामने आ सकत है। इसलिए इसकी जांच पड़ताल कराई जाएगी।

वर्जन

चोरी के वाहनों को ट्रेवेल एजेंसी में चलाया जा रहा था। जांच में यह मामला सामने आने पर वाहन बरामद करके किए गए। ट्रेवेल एजेंसी संचालक को अरेस्ट करके पुलिस टीम पूछताछ कर रही है।

डॉ। सुनील गुप्ता, एसएसपी