ALLAHABAD: तनाव भरी जिंदगी में पित्ताशय की पथरी एक गंभीर रूप ले चुकी है। यह समस्या सबसे ज्यादा गंगा नदी के आसपास रहने वालों में पायी जा रही है। ये बातें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जीवन ज्योति हास्पिटल में लैप्रोस्कोपिक (दूरबीन विधिा) सर्जरी की शुरुआत करने वाले डॉ। एके बंसल ने कहीं।

हास्पिटल में हैं अत्याधुनिक मशीनें

डॉ। बंसल ने कहा कि शुरुआत में पथरी के इलाज के लिए पेट में बड़ा चीरा लगाकर पित्ताशय को निकाल दिया जाता था। लेकिन अब लैप्रोस्कोपिक कोलिसिस्टेक्टमी विधि से छोटे छेदों के माध्यम से दूरबीन भीतर डालकर पित्ताशय को आसानी से बाहर निकाल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके यहां अत्याधुनिक इलाज के लिए हार्मिनिक स्कालपेल, सेनोसर्ज, बाइपोलर कॉलरी, कार्ल स्टार्ज जैसी मशीनें हैं। जिससे सर्जरी की सफलता का प्रतिशत बढ़ जाता है। उन्होंने करीब ख्0,000 मरीजों को पित्ताशय पथरी की समस्या से निजात दिलवाया है।