RANCHI: डॉक्टर का नाम सुनते ही लोगों के मन में यही बात आती है कि वह मरीजों का इलाज करता है। लेकिन एक डॉक्टर ऐसा भी है, जो मरीजों का इलाज करने के साथ ही पर्यावरण को बचाने का भी काम कर रहा है। जी हां, हम बात कर रहे हैं रिम्स के डॉ। सचिंद्र कुमार की। जो रिम्स में आए थे मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने, लेकिन ख्009 से अब तक चार हजार पेड़ रिम्स कैंपस में लगवा चुके हैं। यही नहीं, लोगों से पेड़ लगाने की अपील भी करते हैं।

मरीज को पेड़ की छाया ढूंढते देखा था

डॉ। सचिंद्र बताते हैं कि मैं जब ख्009 में रिम्स आया, तो यह अंदाजा भी नहीं था कि इतने पेड़ केवल रिम्स कैंपस में लगवा पाऊंगा। एक बार उन्होंने देखा कि मरीज और उसके परिजन धूप में बैठने के लिए पेड़ की छाया ढूंढ रहे थे। लेकिन जो पेड़ थे, उसके नीचे पहले से ही काफी भीड़ थी। उसी दिन उन्होंने कैंपस में पेड़ लगाने की ठान ली। और उस दिन से लेकर आज तक वह कैंपस में पेड़ लगाने में जुटे हुए हैं, ताकि जो भी लोग रिम्स आएं, उन्हें कम से कम बैठने के लिए पेड़ की छाया तो मिले।

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सिगरेट पीने वाले से पेड़ लगाने के लेते हैं पैसे

डॉ सचिंद्र बताते हैं कि बिना पेड़-पौधों के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। ऐसे में पेड़ लगाने के साथ ही डॉ। सचिंद्र लोगों को जागरूक भी करते हैं। इतना ही नहीं, अगर कोई उन्हें स्मोकिंग करते हुए दिख जाता है, तो उससे पेड़ लगाने के लिए पैसे लेते हैं। ताकि सिगरेट पीने से जितना धुआं पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, उससे बचाया जा सके।

पंडित ने भी की थी भविष्यवाणी

रांची के वेस्टकॉट स्कूल में पढ़ाई करने वाले डॉ सचिंद्र बताते हैं कि जब वह स्कूल में थे, तभी उनके बारे में एक पंडित ने भविष्यवाणी की थी। बताया था कि यह लड़का बागवानी का शौकीन है। आगे चलकर यह काफी पेड़ भी लगाएगा।

बर्थ डे पर स्टूडेंट्स से पौधरोपण

डॉ सचिन्द्र द्वारा पेड़ लगाने का यह सिलसिला सालों भर चलता रहता है। जब भी किसी मेडिको का बर्थ डे होता है, तो वो उसे एक पेड़ लगाने के लिए कहते हैं। और इसके लिए वह माली को फोन करते हैं। इसके बाद पौधा उनके पास पहुंचा दिया जाता है। वहीं रिम्स में आने वाले नए स्टूडेंट्स से भी वह पेड़ लगवाते हैं, ताकि वह पेड़ बड़ा हो जाए तो उनकी निशानी रहे।