Lucknow: पहले तपती धूप से बचने के लिए डिवाइडर को चौड़ा करके छायादार पेड़ लगाए गए और जब वह पेड़ लोगों को राहत देने लगे तो डिवाइडर छोटा करने के लिए उनको काटना शुरु कर दिया गया और सालों की मेहनत से बड़े हुए घनेदार पेड़ों पर आरी चला कर उनका कत्ल कर दिया गया। जी हां, अलीगंज में राम-राम बैंक चौराहे से लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहे तक दर्जनों हरे पेड़ों को काट दिया गया है.
डिवाइडर छोटा होना है
अलीगंज सेक्टर क्यू चौराहे से लेकर राम-राम बैंक और इंजीनियरिंग कॉलेज तिराहे तक दो सड़कों के बीच में करीब पांच फुट चौड़ा डिवाइडर बना हुआ था। जिसके बीच में आम, यूकेलिप्टस समेत गुलमोहर के दर्जनों पेड़ लगे हुए थे। जिसके नीचे रुक कर लोग राहत की सांस लेते थे। यह पेड़ इतने घने थे कि दोनों तरफ की सड़कों पर इनकी वजह से धूप नहीं आती थी। मगर अब इन पेड़ों का काट कर खत्म कर दिया गया है। डिवाइडर कम चौड़ा करने के लिए एक दो नहीं बल्कि सौ पेड़ों की बलि चढ़ाई गई है।
पेड़ काटने की नौबत नहीं आती
सड़क से गुजरने वाले अर्चित ने बताया कि इस एक किलोमीटर लम्बी इस सड़क पर गर्मियों में कभी धूप की तपिश महसूस नहीं होती थी। यही नहीं कई छोटे दुकानदार इन पेड़ों के नीचे आराम से बैठ कर रोजी रोटी भी कमाते थे। वीरेंद्र दीक्षित ने बताया कि डिवाइडर पर एक रो में पेड़ लगे हुए थे। दोनों तरफ से डिवाइडर सही किया जा सकता था तो डिवाइडर भी छोटा हो जाता और पेड़ काटने की नौबत नहीं आती .सरकार ने डिवाइडर छोटा करने के लिए पेड़ बचाने के बजाए पेड़ काटना जैसा कदम उठा लिया.
यह नहीं करना चाहिए था
आसपास के दुकानदारों का कहना है कि अगर डिवाइडर की जगह पेड़ ही लगे रहते तो वही डिवाइडर का काम करते थे। वहीं राम-राम बैंक चौकी के प्रभारी का कहना है कि यह पेड़ वन विभाग की अनुमति के बाद काटे जा रहे है। क्योंकि जाम की समस्या से बचने के लिए यहां पर डिवाइडर को छोटा करके सड़क चौड़ी की जा रही है।