- रसूलपुर के दशहरी बाग किनारे नाले में पेड़ से जलजमाव की समस्या

- खाली प्लॉट में फैल रहा नाले का पानी, समस्या को लेकर अधिकारी गंभीर नहीं

GORAKHPUR: बरसात के पहले सभी नालों की सफाई कर उन्हें जलनिकासी के उपयुक्त बनाने में पूरा नगर निगम लगा हुआ है। अधिकारियों का कहना है कि वे इसके लिए खूब काम कर रहे हैं लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। रसूलपुर के तीन मोहल्लों की जलनिकासी का स्रोत नाले में एक पेड़ के नहीं हटाए जाने से नाले का पानी चारों तरफ पसर रहा है। 35 लाख रुपए की लागत से बना नाला बेकार साबित हो रहा है और अधिकारी सोए हुए हैं।

बरसात पूर्व ही संकट

दो साल पहले रसूलपुर के दशहरीबाग एरिया के पास खाली जमीन थी। वहां कई ऐसी निजी जमीन भी जो गढ्डे वाली थी। उनमें रसूलपुर, दशहरीबाग, गोरखनाथ मंदिर के पीछे और बिलंदपुर एरिया का पानी बह कर चला जाता था। इधर दो साल में तेजी से खाली प्लॉट में घर बनते गए। लोगों ने गड्ढे वाली जमीन भरकर प्लॉट बना लिए। जल निकासी की समस्या को देखते हुए एक साल पहले यहां नाला प्रस्तावित हुआ और छह माह पहले सेंट जोसफ स्कूल से लेकर पट्टन रोड तक लगभग 1200 मीटर लंबे नाले का निर्माण पूरा भी हो गया। लेकिन नगर निगम के निर्माण विभाग के अधिकारियों ने इसमें खेल कर दिया। नाला तो बना दिया, लेकिन दशहरीबाग के अंतिम छोर पर एक आम का पेड़ नाले में ही छोड़ दिए। इससे नाले का पानी निकल नहीं पा रहा और पेड़ के पहले ही आसपास के खाली प्लाटों में फैल रहा है।

निर्माण में गुणवत्ता नहीं

नाले का निर्माण भी घटिया हुआ है। स्थिति यह है कि छह माह पहले बने इस नाले पर जगह-जगह दरार पड़ गई है। कई जगह तो नाले की दीवार पर लगा प्लास्टर ही गायब हो गया है। इस कारण नाले की दीवार टूटने लगी है। स्थानीय निवासी असलम शेख का कहना है कि जिस समय बन रहा था, उसी समय हम लोगों ने घटिया निर्माण का विरोध किया था तो नगर निगम के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि ठेकेदार पर कार्रवाई होगी और फिर से नाले का निर्माण कराया जाएगा। लेकिन अभी तक नाले की दीवार सही नहीं हुआ है। इस कारण नाले से पानी का रिसाव होकर आसपास फैल रहा है।