सत्तारुढ़ पार्टी के इस संदेश के बारे में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री ज्योतिप्रिया मल्लिक ने उत्तरी 24 परगना में एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ सीपीएम के कार्यकर्ताओं के साथ न मिले जुलें.अगर चाय की दुकान पर भी वो मिल जाएं तो उनसे बात तक न करें। हमने माकपा का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। हमारे कार्यकर्ता ये सुनिश्चित करें कि उनके परिवार का कोई व्यक्ति सीपीएम नेता या कार्यकर्ताओं के परिवार में शादी न करे.’’

इस कार्यक्रम में कई सीपीएम समर्थक लोग भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि तृणमूल में कई कार्यकर्ता और नेता पहले सीपीएम में रह चुके हैं और चुनावों के दौरान वो तृणमूल में शामिल हुए थे।

2011 में सीपीएम की हार के बाद से ही तृणमूल सीपीएम के सामाजिक बहिष्कार की बात करती रही है लेकिन ये पहली बार है जब किसी मंत्री ने साफ शब्दों में कार्यकर्ताओं को ये संदेश दिया है।

खाद्य मंत्री ने तृणमूल कार्यकर्ताओं से प्रतिबद्ध होकर काम करने के लिए कहा। राज्य में अगले साल पंचायत चुनाव होने वाले हैं और संभवत तृणमूल कांग्रेस ये चुनाव अकेले दम लड़ेगी। इससे पहले कांग्रेस ने भी साफ किया है कि वो इन चुनावों में तृणमूल का साथ नहीं देगी।

खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिया का कहना था, ‘‘ हमें सीपीएम के ख़िलाफ विरोध जारी रखना ही होगा और पार्टी को अलग थलग करना होगा क्योंकि इस पार्टी ने पश्चिम बंगाल में विकास को बर्बाद कर दिया है.’’

International News inextlive from World News Desk