-एसएसपी आफिस पहुंची तीन तलाक पीडि़ता, पति के खिलाफ की कार्रवाई की मांग

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BAREILLY:

दस साल तक साथ-साथ जीवन बिताने के बाद पति ने तलाक बोलकर रिश्ता खत्म कर दिया था। क्योंकि उसने बेटी को जन्म दिया था। सुप्रीमकोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी ठहराया तो थर्सडे तलाक पीडि़त महिला इंसाफ के लिए एसएसपी ऑफिस पहुंच गई। एक व्यक्ति ने तीन तलाक खारिज किये जाने के बाद पत्नी को तलाक दे दिया। उसकी पत्नी भी पुलिस के पास कम्प्लेंट लेकर पहुंच गई। मामले की सुनवाई करने के बाद एसपी ट्रैफिक आरोपी पतियों पर कार्रवाई के आदेश दिया है।

बेटी के साथ घर से निकाला

अलीगंज क्षेत्र के कस्बा हैदरगंज बगिया निवासी रुखसार की शादी 2007 में किलो के लीचीबाग निवासी इरशाद पुत्र इदरीस से हुई थी। पति टैक्सी ड्राइवर हैं। रुखसार ने बताया कि पांच साल पहले बेटे नजरे आलम का जन्म हुआ तब तक सब कुछ ठीक चल रहा था। वर्ष 2014 में बेटी नजराना के पैदा होने के बाद से पति और ससुराल वालों का रवैया बदल गया। पति ने मायके से बुलेट गाड़ी और 50 हजार रुपए लाने की मांग शुरू कर दी। लगभग एक माह पहले बेटे को अपने पास रखकर उसे नन्ही बेटी के साथ घर से निकाल दिया। दोनों परिवारों के लोगों के दखल देने पर 10 दिन पहले पति की ताई लीचीबाग निवासी नसीम के घर पर सुलह की बैठक रखी गई। लेकिन पति ने गुस्सा में आकर तीन बार तलाक बोलकर रिश्ता तोड़ दिया।

चौराहे पर दिया तलाक

शेरगढ़ के गांव सलपुरा निवासी सोनी को पति जाहिद खां ने विगत 23 अगस्त को चौराहे पर तीन तलाक दे दिया। सोनी ने इसकी शिकायत थाने में की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। तलाक पीडि़ता ने मामले की शिकायत एसएसपी की है। सोनी ने बताया कि उसके पहले पति की 2014 में मौत हो चुकी है, जिसके बाद उसने 2016 में जाहिद खां से निकाह कर लिया था। आरोप है निकाह के बाद जाहिद सोनी को तंग करने लगा और उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया। महिला ने जब विरोध किया तो उसे चौराहे पर पीटते हुए तीन तलाक बोल दिया।